आज दूसरे CDS का पद संभालेंगे ले जनरल अनिल चौहान कश्मीर-पूर्वोत्तर में आतंक के सफाए का है अनुभव

National News: रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान शुक्रवार को देश के नए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) का कार्यभार ग्रहण करेंगे. सरकार ने एक दिन पहले ही उनके नाम का ऐलान किया था. लेफ्टिनेंट चौहान (सेवानृवित्त) उसी 11 गोरखा राइफल्स से हैं, जिससे दिवंगत जनरल रावत थे. यह पद नौ महीने से अधिक समय से रिक्त था.

आज दूसरे CDS का पद संभालेंगे ले जनरल अनिल चौहान कश्मीर-पूर्वोत्तर में आतंक के सफाए का है अनुभव
हाइलाइट्सरिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का अनुभव जबरदस्तरक्षा विभाग के सचिव के रूप में भी काम करेंगे नए सीडीएसपाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप को किया था तबाह नई दिल्ली. रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान शुक्रवार को देश के नए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) का कार्यभार ग्रहण करेंगे. इसी के साथ तीनों सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के लिए सेना को थियेटर कमांड के रूप में पुनर्गठित करने के अभियान को गति मिलेगी और इस पर फिर से ध्यान केंद्रित होगा. 61 वर्षीय चौहान रक्षा विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे. सरकार ने बुधवार को चौहान को सीडीएस नियुक्त करने का ऐलान किया था. हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद नौ महीने से अधिक समय से रिक्त था. लेफ्टिनेंट चौहान (सेवानृवित्त) उसी 11 गोरखा राइफल्स से हैं, जिससे दिवंगत जनरल रावत थे. वह 2019 में बालाकोट हवाई हमलों के दौरान सेना के सैन्य अभियान (डीजीएमओ) के महानिदेशक थे. उस वक्त भारतीय लड़ाकू विमानों ने पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान के अंदर जा कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया था. रिटायरमेंट के बाद बने सैन्य सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल चौहान (सेवानिवृत्त) भारत के दूसरे सीडीएस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद चार सितारा रैंक के जनरल का पद ग्रहण करेंगे. वह देश के पहले सेवानिवृत्त तीन सितारा रैंक के अधिकारी होंगे जो चार सितारा रैंक के अधिकारी के रूप में सेवा में वापसी करेंगे. पिछले साल पूर्वी सेना कमांडर के रूप में उनकी सेवानिवृत्ति हुई थी. इसके बाद वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में सैन्य सलाहकार के रूप में काम कर रहे थे. आतंक विरोधी अभियानों का जबरदस्त अनुभव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को हुआ. उन्हें 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन प्रदान किया गया था. लगभग 40 वर्षों से अधिक के अपने करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई कमान, स्टॉफ और महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. उन्हें जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है.  युद्ध तैयारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका चौहान पिछले साल मई में सेवानिवृत्त हुए थे. उस समय वह पूर्वी सेना कमांडर के रूप में काम कर रहे थे. पूर्वी सेना कमांडर के रूप में, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ भारत की समग्र युद्ध तैयारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं. संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी किया काम मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी. बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, चौहान ने पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली. सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने. मई 2021 में सेवानिवृत्ति तक यह पदभार संभाला. इन कमान नियुक्तियों के अलावा वह महानिदेशक, सैन्य अभियान के प्रभार समेत महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे. इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया. रिटायरमेंट के बाद भी देश सेवा जारी सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा. विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: CDS, Indian army, New Delhi newsFIRST PUBLISHED : September 30, 2022, 05:00 IST