अब कैंसर की बीमारी को हो सकेगा रामबाण इलाज वैज्ञानिकों ने निकाली गजब की तकनीक
अब कैंसर की बीमारी को हो सकेगा रामबाण इलाज वैज्ञानिकों ने निकाली गजब की तकनीक
Cancer Treatment: कैंसर का इलाज आज भी वैज्ञानिकों के लिए चुनौती है. वैज्ञानिक इसकी दवा खोजने के लिए दिन-रात लगे हुए हैं लेकिन अब तक कैंसर की बीमारी का फुलप्रूव इलाज सामने नहीं आया है. अब ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में उम्मीद जगाई है. उनका दावा है कि सामान्य वायरस के इस्तेमाल से कैंसर कोशिकाओं को मारा जा सकता है. ट्रायल में कैंसर के मरीज ठीक भी किया जा सकता है.
हाइलाइट्सइंजेक्शन कैंसर के एडवांस स्टेज वाले मरीजों को नया जीवन दे सकता हैवैज्ञानिकों ने 40 लोगों पर इस इंजेक्शन का ट्रायल किया है
Virus treat cancer: कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के होश ठिकाने लग जाते हैं. वैज्ञानिकों ने अधिकांश बीमारियों का इलाज ढूंढ लिया है लेकिन कैंसर ऐसी बीमारी है जिसका फुलप्रूव इलाज अभी तक संभव नहीं हुआ है. वैज्ञानिक कैंसर का इलाज तलाशने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. इसी दिशा में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दरअसल, ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक नए प्रकार की कैंसर थेरेपी की खोज की है. इसमें सामान्य वायरस से एक प्रकार की दवा बनाई जाती है और प्रभावित जगहों पर इंजेक्ट कर दिया जाता है. कुछ लोगों पर ट्रायल के दौरान इसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं. इस थेरेपी से कैंसर का एक मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया जबकि दूसरे व्यक्ति का ट्यूमर भी कम हो गया.
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एडवांस स्टेज वाले मरीजों को नया जीवन दे सकता
वैज्ञानिकों ने इस दवा को मुंह के छाले के लिए जिम्मेदार कोल्ड सोर वायरस का इस्तेमाल कर बनाया है. दरअसल, यह दवा कोल्ड सोर वायरस या हर्प्स सिंपलेक्स का हल्का वर्जन है जिसमें ट्यूमर या कैंसर सेल को मारने के लिहाज से परिष्कृत किया गया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इंजेक्शन कैंसर के एडवांस स्टेज वाले मरीजों को नया जीवन दे सकता है. हालांकि अभी इसमें और अधिक अध्ययन करने की जरूरत है. ट्रायल में हिस्सा लेने वाले 39 वर्षीय क्रिजस्टोफ वोजकोव्स्की का कैंसर पूरी तरह से ठीक हो गया है. 2017 से वह इलाज कराके थक चुके थे लेकिन उनका कैंसर ठीक नहीं हो रहा था. वोजकोव्स्की बॉडी बिल्डर है. उन्होंने रॉयल मार्सडेन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च में हुए ट्रायल में हिस्सा लिया था.
ट्यूमर में लगाया जाता है इंजेक्शन
इस दवा के इंजेक्शन को सीधे कैंसर सेल पर हमला करने के लिए ट्यूमर पर लगाया जाता है. यह दो तरीकों से कैंसर पर वार करता है. दवा में मौजूद वायरस कैंसर सेल्स पर हमला कर उन्हें नष्ट करता है और इम्युन सिस्टम को भी सक्रिय कर देता है. वैज्ञानिकों ने 40 लोगों पर इस इंजेक्शन का ट्रायल किया है. इनमें से कुछ लोगों को वायरस इंजेक्शन आरपी2 दिया गया, जबकि कुछ को कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दूसरी अन्य दवाइयां जैसे कि निवोलुमैब आदि दी गईं. ट्रायल के नतीजे को पेरिस के मेडिकल कांफ्रेंस में पेश किया गया.
अधिक मरीजों का हो सकेगा इलाज
ट्रायल में शामिल नौ लोगों को आरपी2 इंजेक्शन दिया गया था. इनमें वोजकोव्स्की भी शामिल थे. इन लोगों को ट्यूमर कम हो गया. इसके अलावा ट्रायल में जिन 30 मरीजों को इंजेक्शन और दूसरी दवाएं दी गईं, उन्हें भी लाभ पहुंचा. जो साइड इफेक्ट देखे गए वो बहुत मामूली थे. प्रमुख शोधकर्ता प्रो. केविन हैरिंगटन ने कहा, ” यह थेरेपी एडवांस और दुर्लभ कैंसर के मरीजों के इलाज में काम आएगी. ट्रायल में इसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं.” उन्होंने बताया कि यह थेरेपी गले और आंखों में होने वाले दुर्लभ कैंसर को भी ठीक कर सकती है. उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती चरण में इस तरह के परिणाम काफी उत्साहजनक है. इसका प्रमुख उद्देश्य इलाज की सुरक्षा जांचना था क्योंकि इसमें वो मरीज शामिल थे, जिन पर कैंसर के मौजूदा इलाजों का असर नहीं हो रहा था. उन्होंने कहा, “मैं अब यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि हम इस विधि से अधिक से अधिक कैंसर मरीजों का इलाज कर सकते हैं या नहीं.”
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Tags: Cancer, Health, Health tips, LifestyleFIRST PUBLISHED : September 27, 2022, 16:12 IST