गणेश जी की सवारी पर सरकार का बड़ा फैसला! क्या अब Circus में नहीं दिखेंगे हाथी

Elephant captive rule: केरल सरकार ने हाथियों के साथ क्रूरता पर कड़ी सजा की व्यवस्था की है. नए नियमों में हाथियों को अत्यधिक धूप, दवाइयों का गलत इस्तेमाल और पर्यटन गतिविधियों में तनाव डालने जैसे कृत्य दंडनीय होंगे. जुर्माना ₹5,000 से ₹25,000 तक होगा.

गणेश जी की सवारी पर सरकार का बड़ा फैसला! क्या अब Circus में नहीं दिखेंगे हाथी
केरल सरकार द्वारा प्रस्तावित “केरल कैप्टिव एलीफेंट्स (मैनेजमेंट एंड मेंटेनेंस रूल्स), 2023” के तहत हाथियों के साथ होने वाली क्रूरता को गंभीर अपराध माना गया है. इसके तहत उन स्थितियों में जहां हाथी को अत्यधिक धूप में लंबे समय तक खड़ा करना, उसे बिना वजह सजावट पहनाना या समारोहों के दौरान उसके पास पटाखे फोड़ना शामिल है. इसेअपराध माना जाएगा. पुराने नियमों की जगह नए नियम राज्य सरकार मौजूदा नियमों को बदलने की प्रक्रिया में है, जिन्हें 12 साल पहले लागू किया गया था. नए नियमों में उन हाथियों के लिए भी दया मृत्यु (euthanasia) का प्रस्ताव रखा गया है, जो इतनी गंभीर पीड़ा में हैं कि उन्हें जीवित रखना क्रूरता के समान होगा. हाथी की हालत का मूल्यांकन करने के लिए विशेषज्ञ टीम इसके लिए एक विशेषज्ञ टीम बनाई जाएगी, जिसमें कम से कम दो पशु चिकित्सा विशेषज्ञ, एक समाजसेवी और राज्य पशु कल्याण बोर्ड का सदस्य शामिल होगा. यह टीम हाथी की स्थिति का मूल्यांकन करेगी और यह तय करेगी कि उस हाथी को दया मृत्यु दी जाए या नहीं. हाथी को पर्यटन उद्देश्यों के लिए अत्यधिक तनाव में डालना, उसे खेलों जैसे पुल tug और फुटबॉल में शामिल करना, और धार्मिक या अन्य उद्देश्यों के लिए उसे लंबी दूरी तक सड़क पर चलवाना भी अब एक अपराध माना जाएगा. उचित पशु चिकित्सक की सलाह से दवाइयों का सेवन हाथियों को बिना पशु चिकित्सक की सलाह के दवाइयां देना, खासकर ‘मस्ट’ को नियंत्रित करने के लिए, एक दंडनीय अपराध होगा. यह हाथी की भलाई के खिलाफ होगा, और नियमों के तहत इसे सजा के योग्य माना जाएगा. हाथियों के लिए क्रूरता के 25 कार्य इन नए ड्राफ्ट नियमों में 25 ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिन्हें हाथियों के साथ क्रूरता माना गया है. इनमें हाथी को बिना किसी उचित कारण के छोटी या भारी रस्सी से बांधना, उसे पर्याप्त भोजन, पानी और आश्रय न देना, या उसे ऐसी परिस्थितियों में छोड़ना, जिससे उसे भूखा या प्यासा छोड़ दिया जाए, शामिल हैं. नियमों के उल्लंघन पर सजा इस प्रकार के कृत्यों के लिए जुर्माना 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक हो सकता है. यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर इन नियमों का उल्लंघन करता है या हाथी को घायल करने या उसकी हत्या करने की इरादा रखता है, तो उसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WPA) के तहत अभियोग चलाया जाएगा. केरल के मंदिरों में हाथियों का उपयोग केरल राज्य में 2,000 से अधिक मंदिरों में हाथियों को प्रदर्शित किया जाता है, खासकर अप्रैल से सितंबर के बीच. यहां हाथियों के साथ दुर्व्यवहार की कई शिकायतें आई हैं, जहां राज्य में करीब 380 बंदी हाथी हैं. केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में यह कहा था कि मंदिरों में हाथियों की परेड करना धार्मिक रीतियों का हिस्सा नहीं है. Tags: Kerala News, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 15:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed