ग्रीन एनर्जी पर केंद्र की एक ना चली… हाईकोर्ट ने रद्द की जीरो कार्बन पॉलिसी
ग्रीन एनर्जी पर केंद्र की एक ना चली… हाईकोर्ट ने रद्द की जीरो कार्बन पॉलिसी
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए केंद्र सरकार की पॉलिसी को इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के नियमों के अनुरूप नहीं पाया. यही वजह है कि इसे रद्द कर दिया गया. केंद्र सरकार जीरो कार्बन उत्सर्जन व ग्रीन एनर्जी को प्रमोट करने के लिए यह नियम लेकर आई थी.
नई दिल्ली. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र को तगड़ा झटका देते हुए इलेक्ट्रिसिटी (प्रमोटिंग रिन्यूएबल एनर्जी थ्रू ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस) यूल 2022 को रद्द कर दिया है. साथ ही कर्नाटक इलेक्ट्रिक रेगुलेटरी (KERC) के टर्म एंड कंडीशन फॉर ग्रीन एनर्जी ओपन सोर्स एक्सेस रूल 2022 को भी रद्द कर दिया गया है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि हाईकोर्ट ने माना कि केंद्र और राज्य सरकार के ग्रीन एनर्जी को प्रमोट करने और जीरा कार्बन एमिशन के लिए बनाए गए नियम मौजूदा इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के नियमों के खिलाफ हैं. यह नए नियम केंद्र सरकार को साल 2003 के कानून का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं देते हैं.
न्यायमूर्ति एन एस संजय गौड़ा की बेंच ने KERC को निर्देश दिया कि यदि वह चाहें तो ग्रीन एनर्जी एनर्जी जनरेटर और अपने सभी कंज्यूमर को खुली पहुंच प्रदान करने के लिए उचित नियम तैयार कर सकते हैं. हाईकोर्ट ने माना कि इस पूरे प्रोसेस के दौरान KERC को केवल नेशनल इलेक्ट्रिसिटी पॉलिसी और केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई टैरिफ नीति को फॉलो करना होगा. कोर्ट ने कहा कि नियम तैयार करने से पहले KERC को सभी स्टेक-होल्डर्स के हितों पर स्वतंत्र रूप से विचार करना चाहिए.
बिजली कंपनी को राहत
हाईकोर्ट में यह याचिका वृंदावन हाइड्रोपावर प्राइवेट लिमिटेड सहित कई अन्य कंपनियों की तरफ से लगाई गई थी. न्यायमूर्ति एन एस संजय गौड़ा की बेंच ने नियमों की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया. अदालत ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत केंद्र की भूमिका अनिवार्य रूप से नीति तैयार करना है और वह केवल रेगुलेटर को निर्देश जारी कर सकता है. रेगुलेटर केवल ऐसे निर्देशों द्वारा निर्देशित हो सकता है. वो इन निर्देशों को मानने के लिए बाध्य नहीं है.
नए नियम बनाए जाएंगे
हाईकोर्ट ने यह भी मानना कि उनके इस आदेश के बाद KERC द्वारा नए नियम बनाए जाने तक एक वैक्यूम यानी खालीपन जैसी स्थित पैदा हो जाएगी. लिहाजा हाईकोर्ट ने माना कि फिलहाल एक अंतरिम व्यवस्था करनी होगी. जिसके तहत याचिकाकर्ताओं द्वारा अब तक प्राप्त की गई व्हीलिंग और बैंकिंग सुविधाओं को सुगम बनाया जाए.
Tags: Electricity generation, Karnataka High Court, Karnataka NewsFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 14:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed