उस्मान: कश्मीर में लश्कर का सबसे सीनियर पाकिस्तानी कमांडर हमेशा के लिए खामोश
उस्मान: कश्मीर में लश्कर का सबसे सीनियर पाकिस्तानी कमांडर हमेशा के लिए खामोश
Jammu Kashmir News: श्रीनगर के पुराने शहर का इलाका कभी अलगाववादियों का गढ़ हुआ करता था और इस इलाके में आतंकवादी खुलेआम घूमते थे. समय बीतने के साथ सुरक्षाबलों ने इन इलाकों से आतंकवाद को खत्म करने में कामयाबी हासिल की. ऐसा माना जाता था कि सामान्य तौर पर श्रीनगर शहर और खास तौर पर शहर के निचले इलाकों से आतंकवाद खत्म हो गया है. लेकिन, शनिवार को श्रीनगर के खानयार इलाके में हुई गोलीबारी से यह धारणा टूटती नजर आ रही है.
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर की राजधानी में सुरक्षा बलों ने शनिवार को एक एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक टॉप पाकिस्तानी कमांडर को मार गिराया. इतना ही नहीं, अनंतनाग में हुए एक अन्य एनकाउंटर में दो और आतंकवादियों को भी सेना ने ढेर कर दिया.
पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर की पहचान उस्मान के रूप में हुई है, जो कई सालों से घाटी में एक्टिव था और इंस्पेक्टर मसरूर वानी की हत्या में भी शामिल था. अक्टूबर, 2023 में ईदगाह मैदान में क्रिकेट खेलते समय वानी की नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
ऑफिसर ने बताया कि उस्मान घाटी में काफी लंबे समय से एक्टिव था और कई हमलों में शामिल था, उसका मारा जाना जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक बड़ा झटका है. उन्होंने कहा, ‘उस्मान यहां लश्कर-ए-तैयबा का सबसे वरिष्ठ पाकिस्तानी कमांडर था.’
श्रीनगर में हुए एनकाउंटर में चार सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद घनी आबादी वाले खानयार इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया. उन्होंने बताया कि इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और तलाशी अभियान एनकाउंटर में बदल गया.
ऑपरेशन के दौरान जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे वहां आग लग गई और आसमान में घना धुआं उठता देखा गया. अधिकारी ने कहा कि एनकाउंटर में उस्मान मारा गया. अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवान और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. ऑफिसर ने बताया कि घायलों को सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
श्रीनगर में पिछले दो साल में यह पहला एनकाउंटर था. पिछला एनकाउंटर सितंबर 2022 में नौगाम में हुआ था, जिसमें अंसार गजवत-उल-हिंद के दो स्थानीय आतंकवादी मारे गए थे. पुलिस के सीनियर ऑफिसर ने पीटीआई को बताया कि उस्मान पाकिस्तान में रहने वाले टीआरएफ के कमांडर सज्जाद गुल का करीबी था. माना जाता है कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) एलईटी का एक प्रॉक्सी संगठन है.
कश्मीर के आईजीपी वी. के. बिरदी ने अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों और सीआरपीएफ के जवानों से मुलाकात की और उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिया. आईजीपी ने क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में उनके अहम योगदान की भी सराहना की. एक अन्य एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन में, दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया. शांगस-लारनू इलाके में हलकान गली के पास यह एनकाउंटर शुरू हुआ.
ऑपरेशन के बाद मीडिया से बातचीत में सेना के 2 सेक्टर आरआर के कमांडर ब्रिगेडियर अनिरुद्ध चौहान ने कहा कि मारे गए आतंकवादी पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) संगठन के थे – जो जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का एक हिस्सा है.
चौहान ने कहा, “हमें अनंतनाग में पीएएफएफ समूह की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली थी. इस समूह ने आठ अक्टूबर को प्रादेशिक सेना के राइफलमैन हिलाल (अहमद भट) की हत्या की थी. हमें लारनू क्षेत्र में उनकी मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली और एक ऑपरेशन शुरू किया गया.”
भट उन दो सैनिकों में से एक थे जिन्हें अनंतनाग के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने कथित तौर पर अगवा कर लिया था. इनमें से एक जवान भाग गया था, जबकि भट का शव कोकरनाग के कजवान वन क्षेत्र में मिला.
सैन्य अधिकारी ने कहा, “दो आतंकवादी मारे गए. एम4 और एके राइफल, ग्रेनेड और तीन आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) समेत भारी मात्रा में हथियार व गोला-बारूद बरामद किया गया. दोनों खूंखार आतंकवादी थे और प्रवासी लोगों पर हमले समेत कई हमलों में शामिल थे.”
दक्षिण कश्मीर रेंज के पुलिस डीआईजी जाविद अहमद मट्टू ने कहा कि शुरुआती जांच के अनुसार, अनंतनाग में मारे गए दो आतंकवादियों की पहचान बिजबेहरा के निवासी जाहिद राशिद और कैमोह के रहने वाले अरबाज मीर के रूप में हुई है, जो 2018 से लापता था और आतंकवादी गतिविधियों शामिल हो गया था.
Tags: Indian army, Jammu kashmir, Terrorist attackFIRST PUBLISHED : November 2, 2024, 23:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed