जम्मू कश्मीर में मतदाता सूची में नए वोटरों को जोड़ने पर बवाल EC ने कहा- 22 लाख पहली बार करेंगे वोट
जम्मू कश्मीर में मतदाता सूची में नए वोटरों को जोड़ने पर बवाल EC ने कहा- 22 लाख पहली बार करेंगे वोट
Jammu & Kashmir: 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से प्रतीक्षित चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची में विशेष संशोधन किया जा रहा है. मालूम हो कि मतदाता सूची का अंतिम विशेष संशोधन 1 जनवरी, 2019 को किया गया था.
हाइलाइट्सलगभग 25 लाख नए मतदाताओं के नामांकित होने की उम्मीदअनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद पहली बार मतदाता सूची में विशेष संशोधननए संशोधनों के बाद जम्मू कश्मीर में रह रहे बाहरी लोग भी कर सकेंगे वोट
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में नए मतदाताओं के शामिल होने की संभावना पर राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है. इस बीच प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि इस आंकड़े में पहली बार मतदान करने वाले 22 लाख से अधिक मतदाता शामिल हैं. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. बुधवार को, जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार ने कहा था कि लगभग 25 लाख नए मतदाताओं के नामांकित होने की उम्मीद है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से प्रतीक्षित चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची में विशेष संशोधन किया जा रहा है. मालूम हो कि मतदाता सूची का अंतिम विशेष संशोधन 1 जनवरी, 2019 को किया गया था. इसलिए जिन लोगों ने 1 जनवरी, 2019 के बाद 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, उन्हें इस संशोधन के दौरान पंजीकृत किए जाने की उम्मीद है. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार बड़े पैमाने पर बदलाव होगा.
गैर-कश्मीरी भी वोटर लिस्ट में होंगे शामिल
अधिकारियों ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची जम्मू और कश्मीर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1957 के दायरे में बनाई गई थी. जिसमें केवल जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी ही पंजीकृत होने के पात्र थे. लेकिन अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 की प्रयोज्यता के साथ भारत का कोई भी नागरिक जो योग्यता प्राप्त कर चुका है और जम्मू-कश्मीर में रह रहा है, वह अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करा सकता है.
बुधवार को, मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया था कि जो गैर कश्मीरी लोग राज्य में रह रहे हैं, वे अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल कराकर वोट डाल सकते हैं. इसके लिए उन्हें निवास प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा था कि एक कर्मचारी, एक छात्र, एक मजदूर, या आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति अब मतदाता बन सकता है.
घाटी में मुख्यधारा की सभी पार्टियों ने उठाया सवाल
घाटी में मुख्यधारा की सभी पार्टियों ने लाखों नए मतदाताओं के शामिल होने की उम्मीद पर सवाल उठाया है. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 22 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि नए मतदाताओं को जोड़ना जम्मू-कश्मीर में चुनावी लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील है.
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने संबंधी भारत सरकार का फैसला पहले बीजेपी को लाभ पहुंचाने और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने का फैसला चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए है. असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन कर जम्मू-कश्मीर पर शासन जारी रखना है.
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Tags: Jammu and kashmirFIRST PUBLISHED : August 19, 2022, 07:18 IST