ISRO अब सोच से भी आगे खर्च से ढाई गुना ज्यादा है कमाई चीफ सोमनाथ का खुलासा
ISRO अब सोच से भी आगे खर्च से ढाई गुना ज्यादा है कमाई चीफ सोमनाथ का खुलासा
ISRO News: ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि ISRO अपने द्वारा खर्च किए गए हर रुपये पर ढ़ाई गुना कमाता है. छात्रों के साथ एक संवाद सत्र में सोमनाथ ने कहा कि इसरो का लक्ष्य अंतरिक्ष में जाने वाले देशों के बीच वर्चस्व के लिए प्रतिस्पर्धा करने के बजाय देश की सेवा करना है.
नई दिल्ली: भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO को आज देश के हर नागरिक को गर्व है. पहले माना जाता था कि स्पेस साइंस में पैसा खर्च क्या ही करना. लेकिन ISRO ने इस बात झूठा साबित कर दिया है. ISRO ने अंतरिक्ष में कई सफल कार्यक्रम लॉन्च किए. अब इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मंगलवार को एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि ISRO अपने द्वारा खर्च किए गए हर रुपये पर ढ़ाई गुना कमाता है.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक आवासीय शैक्षणिक संस्थान सोसाइटी के छात्रों के साथ एक संवाद सत्र में सोमनाथ ने कहा कि इसरो का लक्ष्य अंतरिक्ष में जाने वाले देशों के बीच वर्चस्व के लिए प्रतिस्पर्धा करने के बजाय देश की सेवा करना है. उन्होंने आगे कहा, ‘चांद पर जाना एक महंगा मामला है. और हम केवल सरकार पर ही फंडिंग के लिए निर्भर नहीं रह सकते. हमें व्यावसायिक अवसर पैदा करने होंगे. अगर आपको इसे बनाए रखना है, तो आपको इसके लिए उपयोग बनाना होगा. अन्यथा, जब हम कुछ करेंगे, तो सरकार आपको बंद करने के लिए कहेगी.’
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यूरोप के अधिकारियों के सहयोग से रिपोर्ट हुआ है तैयार
सोमनाथ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव विश्लेषण का जिक्र कर रहे थे, जो इसरो द्वारा यूरोपीय अंतरिक्ष सलाहकार नोवास्पेस के सहयोग से तैयार की गई एक रिपोर्ट है. इसमें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लाभों का आकलन किया गया है. हालांकि, रिपोर्ट में अंतरिक्ष क्षेत्र को डॉलर के संदर्भ में मिलने वाले रिटर्न के बारे में बात की गई थी.
अब भारत आठवीं सबसे बड़ी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरिक्ष क्षेत्र ने 2014 से 2024 के बीच भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 60 बिलियन डॉलर का योगदान दिया है. अंतरिक्ष क्षेत्र द्वारा उत्पन्न प्रत्येक डॉलर के लिए, भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2.54 डॉलर की वृद्धि को देखा है. भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र का राजस्व 2023 तक 6.3 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया है, जिससे यह दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था बन गई है.
अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में 96,000 नौकरियों सहित 4.7 मिलियन नौकरियों का निर्माण किया है. 2024 तक, भारतीय अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का मूल्य लगभग 6,700 करोड़ रुपये (8.4 बिलियन डॉलर) है, जो वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में 2% -3% का योगदान देती है, जिसके 6% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि (CAGR) पर 2025 तक 13 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
Tags: Isro sriharikota location, Space ScienceFIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 07:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed