ब्रह्मपुत्र पर बांध से टेंशन देना चाहता था चीन भारत ने यूं की बोलती बंद!

चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर भारत पर दबाव बनाना चाहता है. हालांकि भारत सरकार को पहले से ही ड्रैगन की हरकतों के बारे में पता था. यही वजह है कि जवाबी योजना को समय रहते तैयार कर लिया गया. हालांकि अरुणाचल प्रदेश में भारत की योजना केा लेकर लोगों के बीच तनाव भी है.

ब्रह्मपुत्र पर बांध से टेंशन देना चाहता था चीन भारत ने यूं की बोलती बंद!
नई दिल्‍ली. पिछले कुछ समय से लगातार इस तरह की खबरें आ रही हैं कि चीन अपने तिब्‍बत क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदीं पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की तैयारी कर रहा है. अगर चीन ऐसा करने में कामयाब रहा तो वो उत्‍तर-पूर्व में भारत के पाने पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लेगा. यह नदी केवल भारत ही नहीं पूरे बांग्‍लादेश की भी प्‍यास बुझाती है. अगर वो अपने इस मंसूबे में कामयाब रहा तो वो पूरे नार्थ-ईस्‍ट को प्‍यासा मारने की धमकी देकर भारत पर प्रेशर डाल सकता है. भारत सरकार ने इस समस्‍या से निजात पाने का तरीका भी ढूंढ़ लिया है और वो है सियांग नदी पर बनने वाला अप्‍पर मल्टीपरपज प्रोजेक्‍ट. नार्थ-ईस्‍ट से गुजरने वाली सियांग नदी सर्दियों में बेहद शांत नजर आती है. हालांकि मानसून में यह नदी पानी से लबालब होती है और हर साल बाढ़ का कारण भी बनती है. सरकार की योजना इस प्रोजेक्‍ट के जरिए ना सिर्फ हर साल आने वाली बाढ़ पर नियंत्रण पाने का है बल्कि वो इस पानी का उपयोग सिंचाई के काम और बिजली बनाने जैसी परियोजना में भी लेना चाहती है. अगर चीन ब्रह्मपुत्र के पानी को रोकता है तो सियांग नदी के पानी के जरिए भारत नार्थ-ईस्‍ट में लोगों की प्‍यास को बुझाने का प्रयास कर सकता है. मल्‍टी पर्पस प्रोजेक्‍ट का यह कोई पहला मामला नहीं है. भारत में इससे पहले सतलुज नदी पर भाखड़ा नांगल बांध,दामोदर वैली प्रोजेक्‍ट जैसे कई बांध हैं. काम नहीं आएगी चीन की प्रेशर टैक्टिस भारत सरकार की योजना चीन के प्रभाव को कम करने की है. ब्रह्मपुत्र नदी उत्‍तर-पूर्व की लाइफलाइन है. चीन इस प्रोजेक्‍ट के जरिए भारत के खिलाफ प्रेशर टैक्टिसको आजमाना चाह रहा है. हालांकि पीएम मोदी चीन की चाल को समय रहते ही भांप गए. यही वजह है कि इसे लेकर एहतियात कदम उठाए गए. एलएसी पर चीन के साथ हर वक्‍त तनाव बना ही रहता है. ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता. रह-रहकर चीन की आर्मी सीमा पर उकसावे की कार्रवाई करती ही रहती है. भारतीय सेना भी शी जिंगपिन के इरादों को अच्‍छ से जानते हैं. हर बार चीन को मुंह तोड़ जवाब दिया जाता है. अरुणाचल प्रदेश में हो रहा भारी विरोध भारत के स्‍पेशल प्रोजेक्‍ट का नार्थ-ईस्‍ट में जमकर विरोध भी हो रहा है. लोगों को इससे अपनी आजीविका छिनने का डर भी सताने लगा है. सियांग नदी के किनारे बसे लोगों का कहना है कि अगर यह प्रोजेक्‍ट आया तो उनकी आजीविका पूरी तरह से खत्‍म हो जाएगी. नदी के किनारे लोग धान, बाजरा, साग-सब्जिया उगाते हैं. यह क्षेत्र अपने संतरे के लिए भी प्रसिद्ध है. लोगों का कहना है कि नदी के किनारे की वह जमीन हमारी आजीविका है. एक बार यह पानी में डूब गई तो हम सब कुछ खो देंगे. 30 वर्षीय दुबित सिरम कहते हैं कि उनका गांव पारोंग अरुणाचल प्रदेश में सियांग के किनारे उन तीन गांवों में से एक है, जिसे इस बांध के लिए संभावित जगह के रूप में चुना गया है. Tags: China news, India news, North East, Xi jinpingFIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 07:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed