IC 814 हाइजैक: मैं मारा जाता तो वे प्लेन को ग्रेनेड से उड़ा देते पायलट बोले
IC 814 हाइजैक: मैं मारा जाता तो वे प्लेन को ग्रेनेड से उड़ा देते पायलट बोले
IC 814 News: मसूद अजहर के साथ उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर आतंकवादियों को रिहा करने की शर्त के साथ IC 814 हाई जैक किया गया था. उस रात की खौफनाक दास्तान सुनाते हुए प्लेन के पायलट कैप्टन देवी शरण...
IC 814 News: नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई ओटीटी वेब सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ में जिस पायलट की भूमिका में विजय वर्मा नजर आते हैं, वह कैप्टन देवी शरण हैं जिन्होंने उस खौफनाक रात की दास्तान बताते हुए कहा कि अगर अमृतसर एयरपोर्ट पर उस दिन कमांडो कार्रवाई कर दी जाती तो कम से कम 80 से लेकर 100 यात्रियों के मारे जा सकते थे… हाइजैकर दो लोगों की गर्दन पहले ही काट चुके थे.
फ्लाइट आईसी 814 के कैप्टन देवी शरण ने कहा कि 24 दिसंबर 1999 की उस प्लेन हाइजैकिंग की में हाईजैकर पहले ही दो लोगों की गर्दन काट चुके थे. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हाइजैकिंग के तुरंत बाद न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में कैप्टन ने कई बातें कहीं थीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अधिकारियों ने विमान को उतरने की अनुमति नहीं दी थी और चूंकि इसमें पहले से ही ईंधन कम था, इसलिए विमान को अमृतसर की ओर मोड़ा गया ताकि री-फ्यूल किया जा सके.
‘वे पहले ही दो लोगों की गर्दन काट चुके थे…’
कैप्टन देवी शरण कहते हैं कि इससे बचने का एक ही तरीका था कि शांतिपूर्ण समाधान किया जाए इसलिए नेगोसिएशन की जाएं…’हाइजैकर इतने घबराए हुए थे और भारत से बाहर निकलने के लिए इतने बेताब थे कि अमृतसर में उस पहली रात के दौरान उनका अपहरण नहीं कर सके.’ वह कहते हैं कमांडो कार्रवाई करने पर वे इन पैसेंजरों को जान से मार देते.
‘वे पहले ही दो लोगों की गर्दन काट चुके थे… मैं बुरी तरह डर गया था… डर गया था कि वे किसी को भी, बल्कि सभी को मार सकते हैं… मुझे उड़ान भरनी थी… मेरे पास कोई विकल्प ही नहीं था.. वे मेरा सिर उड़ा देते… और अगर मैं मारा जाता, तो वे सभी ग्रेनेड खोल देते और हवाई जहाज को उड़ा देते.’
ओटीटी सीरीज है विवादों में…
विमान को अमृतसर के बाद दुबई ले जाया गया था जहां 27 यात्रियों को रिहा किया गया था. फिर विमान अफगानिस्तान के कंधार पहुंचा था जहां तत्कालीन तालिबान सरकार यात्रियों की रिहाई के लिए बातचीत में मीडियेटर की भूमिका में रही. भारत के मसूद अजहर के साथ उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा करने के लिए सहमत होने के बाद किडनैपरों ने हाइजैकिंग खत्म की. अब जब नेटफ्लिक्स पर इस पूरे प्रकरण पर फिल्म बनी है तो यह अभी विवादों में है. पांचों पाकिस्तानी किडनैपरों ने एक दूसरे को जिन कोड नामों से पुकारा – चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर – उन्हें लेकर आपत्ति जताई जा रही है.
Tags: Masood Azhar, Netflix india, Pakistan terroristsFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 10:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed