मुझे अपने पति पर गर्व उन्होंने देश के प्रति अपनी सेवा को प्राथमिकता दी- शहीद लांस नायक चंद्रशेखर की पत्नी
मुझे अपने पति पर गर्व उन्होंने देश के प्रति अपनी सेवा को प्राथमिकता दी- शहीद लांस नायक चंद्रशेखर की पत्नी
19 कुमाऊं रेजिमेंट के लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला, जिनके अवशेष सियाचिन में लापता होने के 38 साल बाद रविवार को सेना के एक गश्ती दल को मिले थे. बुधवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी बेटियों ने उत्तराखंड के हल्द्वानी अपने गृहनगर में उनका अंतिम संस्कार किया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सेना के जवानों और सैकड़ों लोगों ने चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि दी. लांस नायक हरबोला की पत्नी 63 वर्षीय शांति देवी ने कहा कि मुझे अपने पति पर गर्व है क्योंकि उन्होंने देश के प्रति अपनी सेवा को प्राथमिकता दी.
हाइलाइट्सचंद्रशेखर 1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण करने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन मेघदूत का हिस्सा थे.हरबोला 1975 में सेना में शामिल हुए थे. एक हिमस्खलन में 20 सैनिकों का एक समूह बर्फ में दब गया था.
नई दिल्ली. 19 कुमाऊं रेजिमेंट के लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला, जिनके अवशेष सियाचिन में लापता होने के 38 साल बाद रविवार को सेना के एक गश्ती दल को मिले थे. बुधवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी बेटियों ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में अपने गृहनगर में उनका अंतिम संस्कार किया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सेना के जवानों और सैकड़ों लोगों ने चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि दी.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक लांस नायक हरबोला जो 1975 में सेना में शामिल हुए थे, मई 1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण करने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन मेघदूत का हिस्सा थे. एक हिमस्खलन में 20 सैनिकों का एक समूह बर्फ में दब गया था. एक तलाशी अभियान के दौरान 20 सैनिकों में से 12 के शव बरामद किए गए थे, जबकि लांस नायक हरबोला सहित बाकी के अवशेष कभी नहीं मिले.
हल्द्वानी की सरस्वती विहार कॉलोनी में मानवता का जनसैलाब उमड़ पड़ा, जहां लांस नायक हरबोला की पत्नी 63 वर्षीय शांति देवी अपनी बड़ी बेटी और नातिनों के साथ रहती हैं. शहीद के दो मंजिला घर को एक शहीद की लंबे समय से प्रतीक्षित में घर वापसी के अनुरूप सजाया गया था. शांति देवी के लिए पति के शव मिलने की खबर एक ऐसी भावना थी जो व्यक्त नहीं की जा सकती, जबकि वह मुश्किल से बोल पा रही थीं. उनकी 42 वर्षीय बेटी कविता ने कहा, “वह नहीं जानती कि खुश रहना है या दुखी.”
शांति देवी ने बाद में अपनी भावनों को मुश्किलों से समेटते हुए कहा कि वह 25 वर्ष की थीं, जब उनके पति साल 1984 में उनकी शादी के नौ साल बाद लापता हो गए थे. उस समय उनकी बड़ी बेटी कविता सिर्फ 4 साल की थी और छोटी बबीता केवल 2 साल की थी.
उन्होंने आगे कहा कि घटना के बाद हमने उनका ‘तर्पण’ किया. तमाम चुनौतियों के बावजूद मैंने अपनी बेटियों को एक गौरवान्वित मां और एक शहीद की पत्नी के रूप में पाला. मुझे अपने पति पर गर्व है क्योंकि उन्होंने देश के प्रति अपनी सेवा को प्राथमिकता दी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरबोला के परिवार की हर संभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि एक सैनिक धाम की स्थापना की जा रही है और वहां हरबोला की यादें संजो कर रखी जाएंगी. चंद्रशेखर के छोटे भाई पूरन चंद्र हरबोला ने भी सेना में सेवा दी है और वह अब हल्द्वानी में रहते हैं. पूरन ने कहा कि परिवार ने काफी कुछ झेला है. अब स्वतंत्र महसूस करने का समय आ गया है.
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Tags: Indian army, Martyr wifeFIRST PUBLISHED : August 18, 2022, 11:17 IST