शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- उपचुनाव हो चुके हैं अब निर्वाचन आयोग के निर्णय की प्रतीक्षा करें

Shiv sena election symbol controversy: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा शिवसेना पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर रोक लगाने के निर्वाचन आयोग के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने सोमवार को पूछा कि उसे पार्टी के दो धड़ों के बीच विवाद पर आयोग के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा क्यों नहीं करनी चाहिए?

शिवसेना चुनाव चिह्न विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- उपचुनाव हो चुके हैं अब निर्वाचन आयोग के निर्णय की प्रतीक्षा करें
हाइलाइट्स8 अक्टूबर को चुनाव चिह्न का इस्तेमाल पर लगी थी रोकअदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता आयोग के समक्ष सभी दलीलें रख सकता है नई दिल्ली. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा शिवसेना पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर रोक लगाने के निर्वाचन आयोग के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने सोमवार को पूछा कि उसे पार्टी के दो धड़ों के बीच विवाद पर आयोग के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा क्यों नहीं करनी चाहिए? न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कहा कि अदालत निर्वाचन आयोग से ‘तीर-कमान’ चिन्ह आवंटित करने के मुद्दे पर समयबद्ध तरीके से निर्णय लेने के लिए कहेगी और दोनों गुट आयोग के समक्ष अपनी दलीलें रख सकते हैं. निर्वाचन आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने कहा कि यह (आयोग) एक संवैधानिक निकाय है और इसे किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए एक विशिष्ट समय सीमा के संबंध में निर्देश नहीं दिया जा सकता है. प्रतिद्वंद्वी गुट के नेता एकनाथ शिंदे की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने दावा किया कि इस स्तर पर उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अंधेरी-पूर्व विधानसभा उपचुनाव के नतीजे के बाद अब ‘‘गेंद निर्वाचन आयोग की अदालत के पाले में है.’’ 8 अक्टूबर को चुनाव चिह्न का इस्तेमाल पर लगी थी रोक आयोग ने अपने आठ अक्टूबर के अंतरिम आदेश में, ठाकरे और शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुटों को अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोक दी थी. न्यायमूर्ति नरुला ने कहा, ‘‘आदेश (निर्वाचन आयोग का) उपचुनाव के लिए था. क्या कोई अंतिम निर्णय है? नहीं. अंतरिम आदेश की समयसीमा पूरी हो गई है… जब उपचुनाव हो चुके हैं, तो अदालत को निर्वाचन आयोग के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा क्यों नहीं करनी चाहिए?’’ याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के सामने रखे दलील अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता आयोग के समक्ष सभी दलीलें रख सकता है और जरूरत पड़ने पर अंतिम आदेश को चुनौती दे सकता है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि निर्वाचन आयोग को इस धारणा पर आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि शिंदे को अयोग्य नहीं ठहराया गया है, क्योंकि यह मुद्दा उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: DELHI HIGH COURT, Election commission, Maharashtra News, Shiv senaFIRST PUBLISHED : November 14, 2022, 20:57 IST