पटोले ने लोकसभा में दिखा दिया था दम किसी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहते ये 6 सीटें
पटोले ने लोकसभा में दिखा दिया था दम किसी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहते ये 6 सीटें
Maharashtra Chunav: नाना पटोले ने लोकसभा चुनाव में अपना दम दिखा दिया था. वह वक्त राज्य में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. उससे उत्साहित नाना अब अपने इलाके में सीटों को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं.
Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर तकरार चरम पर है. शिवसेना उद्धव गुट ने सीधे कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले पर हमला बोला है. ये नाना पटोले वही नेता हैं जिन्होंने बीते लोकसभा चुनाव में अपनी रणनीति से कांग्रेस को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बना दी. राज्य में लोकसभा की 48 सीटें हैं जिनमें 14 सीटों (एक निर्दलीय सहित) पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं भाजपा और शिवसेना उद्धव गुट को 9-9 सीटें मिली थीं. एनसीपी शरद गुट को आठ और शिवसेना शिंदे गुट को सात सीटों पर जीत मिली थी.
राज्य में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी बनाने के बाद नाना पटोले विधानसभा चुनाव में भी बड़ी जीत दिलाना चाहते हैं. वह विदर्भ क्षेत्र से आते हैं और कांग्रेस आलाकमान के काफी करीब हैं. राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनाने के लिए जरूर है कि पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े. इसी कारण वह शिवसेना के साथ ‘बेरहमी’ से सीटों के लिए बार्गेनिंग कर रहे हैं.
विदर्भ की 6 सीटों पर बवाल
महाविकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद विदर्भ क्षेत्र की 5-6 सीटें हैं. बैठक में संजय राउत और नाना पटोले के बीच विदर्भ की 5-6 सीटों को लेकर विवाद हो गया. संजय राउत चाहते हैं कि विदर्भ में टिके रहने के लिए शिवसेना ठाकरे पार्टी को 5-6 सीटें मिलें. उद्धव ठाकरे की शिवसेना को उम्मीद है कि रामटेक और अमरावती, जिन लोकसभा सीटों पर शिवसेना ने चुनाव लड़ा था, वहां से विधानसभा में कांग्रेस दावेदार है. नाना पटोले ने ये सीटें उद्धव ठाकरे की शिवसेना के लिए छोड़ने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि जिस निर्वाचन क्षेत्र के लिए हम हमेशा लड़ते रहते हैं, उस निर्वाचन क्षेत्र को हम शिवसेना ठाकरे पार्टी मांग रही है, हम इस निर्वाचन क्षेत्र को कैसे देंगे?
नाना पटोले के इस आक्रामक रुख से ठाकरे गुट भी आक्रामक हो गया है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि ठाकरे समूह ने यह रुख अपनाया है कि वे उस बैठक में नहीं जाएंगे जहां सीट आवंटन की बैठक में नाना पटोले शामिल होंगे. ठाकरे की शिवसेना का कहना है कि सीट आवंटन में विभिन्न दलों की अड़ियल भूमिका के कारण समस्या हो रही है.
मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद?
वैसे तो विदर्भ में 5-6 सीटों को लेकर ठाकरे और कांग्रेस के बीच विवाद चल रहा है, लेकिन क्या ये विवाद मुख्यमंत्री पद को लेकर भी जारी है? यह सवाल इसलिए भी उठता है क्योंकि विदर्भ में सबसे ज्यादा 62 विधानसभा सीटें हैं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को विदर्भ में शानदार जीत मिली है. कांग्रेस ने 10 में से 5 सीटें जीतीं जबकि ठाकरे और शरद पवार की पार्टी ने एक-एक सीट जीती. विदर्भ से बीजेपी को सिर्फ दो सीटें और शिंदे की शिवसेना को एक सीट मिली.
2019 के विधानसभा चुनाव में भी विदर्भ ने बीजेपी को करारा झटका दिया था, इसलिए बीजेपी की गाड़ी 105 सीटों पर अटक गई. 2019 में विदर्भ में बीजेपी को 29, कांग्रेस को 15, अन्य दलों और निर्दलीयों को 8, शिवसेना को 4 और एनसीपी को 6 सीटें मिली थीं. लोकसभा चुनाव में विदर्भ में मिली प्रचंड सफलता को देखते हुए कांग्रेस विधानसभा में भी करिश्मा की उम्मीद कर रही है.
Tags: Assembly elections, Maharashtra Elections, Nana PatoleFIRST PUBLISHED : October 19, 2024, 07:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed