पवार ने तो बिगाड़ दिया खेल अब क्या करेंगे देवेंद्र फडणवीस मराठवाड़ा में तो

Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में भाजपा की परेशानी बढ़ सकती है. ये परेशानी कोई और नहीं बल्कि मराठा आरक्षण आंदोलन की मांग कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने पैदा की है.

पवार ने तो बिगाड़ दिया खेल अब क्या करेंगे देवेंद्र फडणवीस मराठवाड़ा में तो
Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव राज्य के दोनों प्रमुख गठबंधनों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. शह मात के इस खेल में दोनों प्रमुख गठबंधन वोट कटवा से परेशान हैं. लेकिन, सबसे ज्यादा दिक्कत भाजपा झेल रही है. 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के हिसाब से भाजपा राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन इस बार उसके साथ शिवसेना शिंदे गुट के साथ एनसीपी अजीत गुट भी है लेकिन बावजूद इसके वह तमाम सीटों पर वोट कटवा से जूझ रही है. मुंबई में उसे राज ठाकरे के मनसे से दिक्कत पैदा हो रही है तो मराठवाड़ा में उसे मनोज जारांगे पाटिल सीधी चुनौती दे रहे हैं. मुंबई की 36 विधानसभा सीटों में से करीब 25 मनसे ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उधर, मराठवाड़ा की बात करें तो मराठा आरक्षण आंदोलन चलाने वाले मनोज जारांगे ने पूरा खेल बिगाड़ दिया है. उन्होंने कई सीटों पर भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना-एनसीपी के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए हैं. मराठवाड़ा वही इलाका है जहां बीते लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का सफाया हो गया था. इस इलाके में लोकसभा की कुल आठ सीटें हैं, जिसमें से तीन पर शिवसेना उद्धव गुट और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है. एक सीट शिवसेना शिंदे गुट और एक एनसीपी शरद गुट के पास है. इस इलाके में विधानसभा की 46 सीटें पड़ती हैं और 2019 के चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा 16 सीटें मिली थीं. मराठा आरक्षण की आग और भाजपा 2023 के शुरुआत यानी जब से मराठा आरक्षण आंदोलन की आग भड़की है. इस इलाके में भाजपा की स्थिति कमजोर हुई है. मराठा नेता मराठा समुदाय को ओबीसी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में भाजपा के सामने धर्म संकट है. हालांकि राज्य की शिंदे सरकार ने बीते साल मराठा समुदाय के लिए अलग से 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी. सोमवार यानी 4 नवंबर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की अंतिम तारीख हैं. इस बीच मनोज जारांगे पाटिल ने ऐलान कर दिया है कि वह किन सीटों पर अपने उम्मीदवार पीछे नहीं हटाएंगे. मनोज जारांगे द्वारा घोषित ज्यादातर सीटों पर फिलहाल महायुती का कब्जा है. मनोज जारांगे ने 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, उनमें से सात सीटों पर फिलहाल बीजेपी विधायकों का कब्जा है, जबकि दो सीटों पर शिवसेना, दो सीटों पर एनसीपी और दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. मनोज जारांगे ने यह भी अपील की है कि जिनका नाम नहीं आया है, वे तुरंत अपना आवेदन वापस ले लें. अब सवाल यह है कि मनोज जारांगे के चुनावी मैदान में उतरने से किसको फायदा होगा. क्या इससे भाजपा कमजोर पड़ेगी या फिर वह भाजपा विरोधी वोटों में ही सेंधमारी करेंगे. इससे भाजपा को फायदा भी हो सकता है. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि मनोज जारांगे शरद पवार के प्रति नरम क्यों हैं? ऐसे में देखना होगा कि मनोज जारांगे किसका खेल बिगाड़ते हैं. मराठवाड़ा की राजनीति में नजर रखने वालों का मानना है कि इस इलाके में मराठा-दलित और अल्पसंख्यक का एक गठजोर बन रहा है जो महायुती के खिलाफ है. इस इलाके में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी ठीकठाक है. दूसरी तरफ भाजपा ओबीसी वोटर्स को लुभाती दिख रही है. लेकिन, बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखे तो स्पष्ट होता है कि इलाके में मराठाओं का दबदबा है. इलाके के आठ में सात सांसद मराठा हैं. Tags: Maharashtra ElectionsFIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 08:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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