1-1 अंग को काटा फिर जज साहब बोले- नरभक्षी को तो जेल में भी रखने में खतरा
1-1 अंग को काटा फिर जज साहब बोले- नरभक्षी को तो जेल में भी रखने में खतरा
2017 के एक हत्या मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने नीचली आदालत के फांसी के फैसले को बरकरार रखा है. कोर्ट ने अपनी मां की हत्या करने वाले दोषी शख्स को फांसी की सजा सुनाते हुए कहा कि इसे जेल में रखना सही नहीं होगा, क्योंकि इससे जेल में कैदियों को भी जान का खतरा हो सकता है.
मुंबई: महाराष्ट्र की बॉम्बे हाईकोर्ट बेंच ने मंगलवार को एक शख्स को मौत की सजा को बरकरार रखा है. मामला कोल्हापुर के 28 अगस्त, 2017 का है. एक शख्स अपनी 60 वर्षीय मां की हत्या के लिए 2021 में दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि यह एक “घृणित” और पूर्व नियोजित हत्या थी.
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने कहा, ‘जिस अत्यधिक क्रूरता, निर्दयता और बर्बरता के साथ दोषी ने अपनी मां की निर्मम हत्या की. कोई भी इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि उसका आचरण नरभक्षी जैसा था. इसलिए, अगर इसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है और उसे जेल में रखा जाता है तो उससे जेल में अन्य कैदियों के जान को खतरा हो सकता है.’
हाइकोर्ट ने कहा, ‘दोषी सुनील राम कुचकोरवी की उम्र घटना के समय 35 साल थी. उसने अपनी मां पर चाकू और ‘सत्तूर’ से हमला किया था. उसने अपनी मां की गर्दन और अन्य अंग काट दिए थे. यह एक असहाय, लाचार और कमज़ोर बूढ़ी मां की उसके बेटे द्वारा की गई वीभत्स हत्या थी.’ कोर्ट ने कहा, ‘यह सच में एक निर्दयी और पूर्व नियोजित हत्या थी. दोषी शराब के लिए पैसे के लिए अक्सर अपनी मां से झगड़ा करता था.’
पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘दोषी ने मृतक के शरीर के अंदरूनी हिस्सों को लगभग नष्ट कर दिया था. कुछ हिस्सों को मिर्च पाउडर और नमक के साथ रसोई में चूल्हे पर चढ़ाने जा रहा था. इन सभी परिस्थितियों पर गौर करें तो आसानी से अनुमान लगा सकते हैं कि उसके दिमाग में उस वक्त क्या चल रहा था.’
मौत की सजा को बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि वह सामाजिक रूप से रहने के लायक नहीं है. ट्रायल कोर्ट ने माना था कि अभियोजन पक्ष ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर मामले में दोषी को फंसाने के लिए 12 गवाहों की जांच की और सबूत पेश किए. लेकिन, सत्र न्यायालय ने इसे “दुर्लभतम मामलों में से दुर्लभतम” माना, जो मौत की सजा देने के लिए काफी है.
Tags: Bombay high court, Maharashtra NewsFIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 14:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed