यूपी की राजनीति में ऐतिहासिक घटना आजादी के बाद पहली बार रामपुर में कोई मुस्लिम विधायक नहीं

उत्‍तर प्रदेश की रामपुर (Rampur) विधानसभा सीट पर आजादी के बाद पहली बार कोई मुस्लिम विधायक नहीं होगा, यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आकाश सक्‍सेना ने जीत ली है. यह जीत ऐतिहासिक है और इसने ब्रांड योगी के प्रभुत्‍व को एक बार फिर स्‍थापित किया है.

यूपी की राजनीति में ऐतिहासिक घटना आजादी के बाद पहली बार रामपुर में कोई मुस्लिम विधायक नहीं
हाइलाइट्सउत्‍तर प्रदेश में रामपुर विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत ऐतिहासिक आजादी के बाद पहली बार इस सीट पर मुस्लिम विधायक नहीं रामपुर में आधे से ज्‍यादा मतदाता मुस्लिम, इस बार बीजेपी को मिले वोट नई दिल्‍ली. उत्‍तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी (BJP) की जीत एक ऐतिहासिक घटना है. इससे प्रदेश में ब्रांड योगी के प्रभुत्‍व को और मजबूती मिल गई है. देश में गुजरात के बाद उत्‍तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का दूसरा सबसे बड़ा किला है. रामपुर सीट पर आधे से अधिक मुस्लिम आबादी है. बीजेपी ने इस साल की शुरुआत में समाजवादी पार्टी के गढ़ आजमगढ़ और रामपुर दोनों में लोकसभा उपचुनाव जीते थे. आजादी के बाद से रामपुर विधानसभा सीट बीजेपी ने कभी नहीं जीती थी, समाजवादी पार्टी के लिए पिछले दो दशक से आजम खान और उनका परिवार यहां से जीत रहा है. आजादी के बाद से इस सीट ने हमेशा एक मुस्लिम विधायक को देखा है. रामपुर में पहली बार बीजेपी के आकाश सक्सेना 62% वोट शेयर के साथ जीत गए हैं. यह दर्शाता है कि कुछ मुस्लिम मतदाताओं ने भी रामपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी को वोट दिया है. हालांकि यह परिणाम इस साल मार्च में रामपुर में हुए विधानसभा चुनाव से पूरी तरह उलट था, जब आजम खान ने आकाश सक्सेना को हराकर लगभग 60% वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी. यह उपचुनाव इसलिए हुआ क्‍योंकि आजम खान को एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्‍य घोषित कर दिया गया था. आजम खान और उनका परिवार ही जीतता रहा हालांकि आजम खान की रामपुर विधानसभा सीट पर पकड़ ऐसी थी कि इस सीट पर हुए कुल 20 चुनावों में से 11 बार उन्होंने और उनके परिवार ने इस सीट पर जीत हासिल की. आजम खान रामपुर से 1980 से 1995 और 2002 से 2022 तक विधायक रहे. इस बार आजम खान के करीबी को टिकट दिया गया.  भाजपा के विजयी उम्मीदवार आकाश सक्सेना, पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं. उन्होंने कहा कि आजम खां के शासनकाल में रामपुर में मुसलमानों को कभी सम्मान नहीं दिया गया. मुसलमानों को हमेशा यहां अधीन रखा गया था और उनके प्यार को गुलामी के रूप में माना गया था. आकाश सक्‍सेना ने रचा इतिहास, कहा- मेरे लिए मुसलमानों ने गुलामी के बंधन तोड़े  सक्सेना ने कहा कि इस चुनाव में मेरा समर्थन करने के लिए मुसलमानों ने गुलामी के बंधन तोड़ दिए. उनके पिता, शिव बहादुर सक्सेना 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर में आजम खान से हार गए थे. आकाश इसी साल मार्च में आजम खान से भी हार गए थे. मणिपुरी सीट पर खतौली विधानसभा उपचुनाव और लोकसभा उपचुनाव में भाजपा हार गई. खतौली सीट पर हार बीजेपी के लिए एक झटका है, क्योंकि नए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी पश्चिम यूपी के इसी इलाके से आते हैं. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने गढ़ मणिपुरी में जीत दर्ज की है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Azam Khan, Rampur news, Uttar Pradesh PoliticsFIRST PUBLISHED : December 09, 2022, 18:37 IST