Himachal Election Result 2022: हिमाचल प्रदेश की ये 5 सीटें है हाई प्रोफाइल इन पर है सबकी नजर
Himachal Election Result 2022: हिमाचल प्रदेश की ये 5 सीटें है हाई प्रोफाइल इन पर है सबकी नजर
हिमाचल प्रदेश चुनाव (Himachal Pradesh Election) में हाई प्रोफाइल सीटों पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं. कांगड़ा, चंबा, मंडी, धरमपुरी और बिलासपुर ऐसी सीटें हैं जिनका प्रदेश की अन्य सीटों पर असर पड़ता है तो वहीं ये किंग मेकर की भूमिका भी निभाती रही हैं. यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला रहा है.
शिमला. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की हाई प्रोफाइल सीटों पर नतीजों को लेकर अभी तक असमंजस बना हुआ है. हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित होंगे और यह साफ हो जाएगा कि यहां किस पार्टी की सरकार बनेगी. चुनाव के दौरान भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच कड़ा मुकाबला रहा. एग्जिट पोल्स के अनुसार कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सत्ता की जंग जीत सकती हैं. पोल ऑफ पोल्स में भारतीय जनता पार्टी को 33, कांग्रेस को 26, अन्य को 2 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है. हालांकि इस चुनाव के बीच सबसे अधिक गौर करने वाली बात रही हाई प्रोफाइल सीटों पर कड़े मुकाबले की. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के गृह नगर बिलासपुर में क्या नतीजा रहेगा, इस पर सबकी नजर लगी हुई है.
ये हैं 5 हाई प्रोफाइल सीटें, जिन पर टिकी हैं सबकी निगाहें बिलासपुर. हिमाचल प्रदेश की बिलासपुर विधानसभा सीट (Bilaspur Assembly Seat) पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं. यहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बेहद करीबी रहे सुभाष ठाकुर (Subhash Thakur) टिकट नहीं मिलने के बाद चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में डटे हैं. भाजपा ने यहां से त्रिलोक जामवाल (BJP Trilok Jamwal)को उतारा है जोकि जयराम ठाकुर सरकार में सीएम के राजनीतिक सलाहकार पद पर भी रहे हैं. जेपी नड्डा ने इस सीट से 2007 का आखिरी चुनाव लड़ा था और निर्दलीय प्रत्याशी बंबर ठाकुर को 11,181 मतों के अंतराल से शिकस्त देकर फतह हासिल की थी. 2012 में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी. लेकिन भाजपा ने पिछले चुनावों में इस पर एक बार फिर कब्जा जमा लिया था.धर्मपुर: हिमाचल प्रदेश की धरमपुर विधानसभा सीट (Dharampur Assembly Seat) मंडी जिले और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ऐसी विधानसभा है जहां पर भाजपा (BJP) के टिकट पर महेंद्र सिंह (Mahender Singh) तीन बार से लगातार चुनाव जीतते आए हैं. अहम बात यह है कि इस सीट से महेंद्र सिंह 1990 से विधायक हैं. लेकिन भाजपा ने इस बार उनका टिकट काटकर उनकी जगह पर उनके बेटे रजत ठाकुर (BJP Rajat Thakur) को प्रत्याशी के रूप में उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने पुराने चेहरे चंद्रशेखर (Congress Chandra Shekhar) पर ही भरोसा जताया है. इस सीट पर सबकी निगाहें जमी हुई हैं.मंडी: हिमाचल प्रदेश की मंडी विधानसभा सीट (Mandi Assembly Seat) हॉट सीटों में शुमार है. कांग्रेस के दिग्गज नेता पंडित सुखराम (Congress Leader Sukhram) के वर्चस्व के चलते इस सीट पर भाजपा 2017 तक एंट्री नहीं कर पाई थी. लेकिन सुखराम के बेटे अनिल शर्मा के भाजपा में आने के बाद 2017 में पार्टी 32 साल बाद यहां काबिज हुई. भाजपा ने एक बार फिर से अनिल शर्मा (BJP Anil Sharma) को चुनावी दंगल में उतारा है. इस वजह से भाजपा से नाराज प्रवीण शर्मा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं जिससे पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. यहां क्या नतीजा आएगा इसको लेकर उत्सुकता बढ़ गई है.कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा सीट पर देश की निगाहे लगी हुई हैं. सूबे में साल 1985 से लेकर अब तक के 37 साल के गुजरे इतिहास में कांगड़ा ने जिस दल को अपना जनादेश दिया है, सरकार उसी की बनी है. ज़ाहिर है कि इस बार भी कांगड़ा ही ‘किंग मेकर’ की भूमिका निभाएगा. आंकड़े बताते हैं कि एक बार जिस दल को कांगड़ा जिले ने सत्ता का स्वाद चखाया है, दूसरी बार उसी दल को सत्ता से दूर भी कर दिया है. कांगड़ा जिला उलट-फेर के लिए भी मशहूर है. कांगड़ा जिला आबादी के हिसाब से प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है. 2002 तक यहां 16 विधानसभा सीटें थीं. डिलिमिटेशन के बाद 2007 से कांगड़ा में 15 सीटें रह गईं. प्रदेश की कुल 68 सीटों की लिहाज से एक चौथाई से कुछ ज्यादा सीटें कांगड़ा जिले में हैं.चंबा: हिमाचल प्रदेश की चंबा सीट पर हो रहे रोचक मुकाबले पर सबकी नजर टिकी हुई है. यहां भाजपा 2012 और 2017 के चुनावों में लगातार जीत हासिल करती आई. कांग्रेस की ओर से जहां नीरज नय्यर को चुनावी दंगल में उतारा गया है तो भाजपा ने सीटिंग विधायक पवन नय्यर का टिकट काटकर उनकी पत्नी नीलम नय्यर को टिकट दे दिया. 2017 के चंबा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पवन नय्यर और आईएनसी के नीरज नायर में मुकाबला था. इस बार पवन नय्यर इंडियन नेशनल कांग्रेस के बजाय भाजपा की तरफ से चुनाव में उतरे थे, और 2012 के बाद एक बार फिर चंबा की विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के हाथों में चली गई थी. 2012 के चुनावों में चंबा की विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीके चौहान ने इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) के पवन नय्यर के खिलाफ अपना हाथ आजमाया था. और बीके चौहान ने 1934 वोटों के अंतराल से जीत हासिल की थी.
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Tags: Assembly Election Result 2022, Himachal pradeshFIRST PUBLISHED : December 07, 2022, 22:33 IST