उत्तराखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक पर हाईकोर्ट सख्त कहा- 10 दिन में ऑर्डर न मानें तो बंद कराएं कारोबार
उत्तराखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक पर हाईकोर्ट सख्त कहा- 10 दिन में ऑर्डर न मानें तो बंद कराएं कारोबार
Uttarakhand High Court News: देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक बंद होने के बाद प्रदेश सरकार सख्त फैसले ले रही हैं. उत्तराखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर हाईकोर्ट ने भी सख्ती दिखाई है. कोर्ट के मुताबिक प्लास्टिक उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को रजिस्ट्रेशन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में कराने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. अगर इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता तो कंपनी के उत्पाद बेचने पर रोक लगा दी जाएगी.
नैनीताल. उत्तराखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बड़ा निर्णय लिया गया है. गांव से लेकर शहर तक फैल रहे कूड़े पर उत्तराखंड हाईकोर्ट सख्त है. चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने पर्वतीय क्षेत्र में फैल रहे कूड़े पर निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि प्लास्टिक में अपने उत्पाद बेचने वाले कंपनियों को 10 दिन के भीतर अपना रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में करना होगा. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि अगर ये अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करते हैं तो इनके उत्पादों पर रोक लगाएं.
हाईकोर्ट ने कचरों के निपटान को लेकर कहा है कि तीन हफ्तों के भीतर प्लास्टिक कचरे का निस्तारण कर उसकी रिपोर्ट पेश करें. इसके साथ ही कहा है कि प्लास्टिक उत्पादक, परिवहनकर्ता और विक्रेता सुनिश्चित करें कि खाली बोतल-चिप्स के रैपर आदि वापस लें तो उसके बदले नगर ग्राम पंचायतें, नगर निकायों को फंड दें, ताकि वो उसका निस्तारण कर सकें. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेश दिया है कि इसकी मॉनिटरिंग करें. गांवों और पहाड़ के लिए याचिका
गौरतलब है कि स्थानीय रहवासी जितेंद्र यादव ने इस संबंध में एक जनहित याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट में दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 2013 में प्लास्टिक यूज और उसके निस्तारण की नियमावली बनाई थी और 2018 में केंद्र सरकार ने नियम बनाए और कहा था कि जितना ये कंपनी गांव शहर में प्लास्टिक देती हैं, उसका अनुपयोगी हिस्सा वापस लेना होगा. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो प्लास्टिक निस्तारण के लिए फंड जारी करना होगा. याचिका में इन नियमों को लागू करने के साथ पहाड़ में प्लास्टिक निस्तारण की मांग की गई है. इस बारे में वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली का कहना है कि इस आदेश के बाद पहाड़ और शहर से प्लास्टिक कम होने की संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा है कि इससे पहाड़ों पर प्रदूषण को रोका जा सकेगा.
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Tags: Nainital high court, Single use Plastic, Uttarakhand high court, Uttarakhand plastic banFIRST PUBLISHED : July 08, 2022, 15:01 IST