Gandhi Temple: 2 बार नैनीताल आए थे राष्ट्रपिता ताकुला में बना है गांधी मंदिर
Gandhi Temple: 2 बार नैनीताल आए थे राष्ट्रपिता ताकुला में बना है गांधी मंदिर
प्रोफेसर अजय रावत लोकल 18 को बताते हैं कि नैनीताल से 6 किमी की दूरी पर स्थित ताकुला में गांधी मंदिर स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है. महात्मा गांधी को कुमाऊं में बुलाने का श्रेय कुमाऊं परिषद को जाता है. उनके आह्वान पर ही गांधी जी नैनीताल आए थे और ताकुला में उन्होंने गांधी मंदिर के लिए जगह देखी थी.
नैनीताल. उत्तराखंड की सरोवर नगरी का इतिहास बेहद समृद्ध रहा है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से इस शहर की कई यादें जुड़ी हुई हैं. इन्हीं में से एक है नगर के समीपवर्ती ताकुला गांव का गांधी मंदिर, जो महात्मा गांधी की उत्तराखंड यात्रा से जुड़ा हुआ है. गांधी जी दो बार नैनीताल आए थे. पहली बार साल 13 जून 1929 को जब गांधी जी नैनीताल आए थे, तब उनके साथ कस्तूरबा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सुचिता कृपलानी और देवदास गांधी भी थे. महात्मा गांधी के ताकुला आने का मकसद था उनकी विचारधारा का कुमाऊं में प्रचार-प्रसार करना और विशेष रूप से स्वतंत्रता संग्राम के लिए यहां की जनता को प्रेरित करना. 13 जून से लेकर 4 जुलाई तक वह कुमाऊं क्षेत्र में ही रहे थे. इस दौरान यहां उन्होंने ताकुला स्थित गांधी मंदिर की आधारशिला भी रखी थी.
उत्तराखंड के नैनीताल निवासी प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर अजय रावत लोकल 18 को बताते हैं कि नैनीताल से 6 किमी की दूरी पर स्थित ताकुला में गांधी मंदिर स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है. महात्मा गांधी को कुमाऊं में बुलाने का श्रेय कुमाऊं परिषद को जाता है. उनके आह्वान पर ही गांधी जी नैनीताल आए थे और ताकुला में उन्होंने गांधी मंदिर के लिए जगह देखी थी. इस मंदिर को बनाने के लिए स्थानीय निवासी और बापू के मित्र गोविंदलाल शाह ने उन्हें भूमि भेंट की थी. प्रथम बार ताकुला आगमन पर महात्मा गांधी ताकुला में ही रहे थे. इसके अलावा उन्होंने भवाली, कौसानी, ताड़ीखेत आदि जगहों का भी भ्रमण किया था. इस दौरान उन्होंने 22 जगह सभाएं की थीं और 21 जगह उन्हें सम्मानित किया गया था.
नमक आंदोलन में नैनीताल का विशेष योगदान
प्रोफेसर रावत बताते हैं कि जब गांधी जी दोबारा 18 मई 1931 को नैनीताल आए थे, तो वह अपने मित्र गोविंदलाल शाह के घर पर ही रुके थे और उन्होंने ताकुला में गांधी मंदिर का अनावरण किया. गांधी जी दो बार नैनीताल आए थे. उनके आने से स्वतंत्रता संग्राम को दिशा मिली. जब पहली बार गांधी जी नैनीताल आए, तो उस दौरान नैनीताल का नमक आंदोलन में विशेष योगदान रहा था. नैनीताल में नमक आंदोलन का नेतृत्व इंद्र सिंह नयाल ने किया था.
Tags: Local18, Mahatma gandhi, Nainital news, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 16:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed