ऋषि-मुनियों ने भगवान शंकर को यहां क्यों दिया था श्राप जानिए इस मंदिर का रोचक इतिहास

मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को यहां श्राप मिला था, तब से इस मंदिर का नाम दंडेश्वर पड़ गया. भोलेनाथ यहां लिंग रुपी न होते हुए, शिला रूप में स्थापित हैं.

ऋषि-मुनियों ने भगवान शंकर को यहां क्यों दिया था श्राप जानिए इस मंदिर का रोचक इतिहास
रिपोर्ट: रोहित भट्ट अल्मोड़ा. उत्तराखंड में वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरणों में से एक जागेश्वर धाम (Jageshwar Dham Almora) है, जो कि भगवान शिव को समर्पित मंदिरों का एक समूह है. यहां 124 छोटे और बड़े मंदिर हैं. जागेश्वर धाम श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. जागेश्वर मंदिर से करीब एक किलोमीटर पहले दंडेश्वर महादेव मंदिर (Dandeshwar Mahadev Temple Almora) है. मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को यहां श्राप मिला था, तब से इस मंदिर का नाम दंडेश्वर पड़ गया. भोलेनाथ यहां लिंग रुपी न होते हुए, शिला रूप में स्थापित हैं. दंडेश्वर मंदिरके पुजारी गंगा सिंह राणा ने बताया कि यहां पहला धाम दंडेश्वर, दूसरा जागेश्वर और तीसरा वृद्ध जागेश्वर पड़ता है. भगवान शंकर जब यहां तपस्या करते थे, तो यहां ऋषि-मुनियों की पत्नियां भी आती थीं. शिव के रूप और नीले रंग को देखकर ऋषि- मुनियों की पत्नी उन पर मोहित हो गईं. ऋषियों को जब इस बात का पता चला, तो उन्होंने यहां आकर शिव को श्राप दिया और इसी स्थान पर उन्हें शिला रूप में परिवर्तित कर दंड दिया, तब से इस मंदिर का नाम दंडेश्वर महादेव मंदिर पड़ा. आपके शहर से (अल्मोड़ा) उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब अल्मोड़ा ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी Almora: चंद वंश के राजा इन 2 लोगों को देते थे 'ताम्रपत्र', जानिए इसके बारे में सबकुछ जागेश्वर धाम में चढ़नेवाले फूलों से बन रही धूप और हवन सामग्री, महिलाओं को मिली ट्रेनिंग Almora news: अल्मोड़ा के इस इलाके में हैं अद्भुत शक्तियां, NASA वैज्ञानिक भी कर रहे रिसर्च Almora : आपने चखे मंडुए और मशरूम के बिस्किट? दिल्ली-चंडीगढ़ कर रहे डिमांड, आप भी मंगा सकते हैं अल्मोड़ा शहर में शुरू हुई स्पेशल बस सेवा, न्यूनतम किराया 10 रुपये, जानिए इसका रूट Uttarakhand: 13 सालों के धरना के बाद भी नहीं मिली नौकरी और पेंशन, SSB गुरिल्ला अब करेंगे उग्र आंदोलन Exclusive Interview: एकता बिष्ट ने झारखंड के खिलाफ T20 मैच में हैट्रिक समेत झटके 7 विकेट, बोलीं-पूरा हुआ सपना VOID का सफर! स्कूल टाइम से शुरू किया था गाने लिखना, आज रैपिंग के किंग हैं गौरव मनकोटी उत्तराखंड के अल्मोड़ा में है देवताओं के मामू का मंदिर, श्रद्धालुओं की पूरी होती संतान की मनोकामना! Viral Video : 68 लाख व्यू, सवा लाख लाइक.. अल्मोड़ा पुलिस के वायरल हो रहे वीडियो में आखिर ऐसा है क्या? Nainital: 70 साल के रिटायर्ड कर्नल का जज्बा, आगरा में 1600 फीट की ऊंचाई से की पैराजंपिंग उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब अल्मोड़ा ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी गंगा सिंह राणा ने बताया कि भगवान की पूरी शिला एक शक्ति रूप में है. इस मंदिर में विभिन्न जगहों से श्रद्धालु आते हैं. दिल्ली, महाराष्ट्र, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बिहार, ओडिशा आदि जगहों से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. यहां आकर लोगों की मनोकामना पूरी होती है. संतान सुख की प्राप्ति, नौकरी और अन्य मनोकामना लेकर लोग आते हैं और जिसकी मनोकामना पूरी होती है, वे दाल-चावल और अन्य चीजें का यहां चढ़ावा देते हैं. जागेश्वर धाम और दंडेश्वर मंदिर दोनों एक ही समय के मंदिर हैं. बताया जाता है कि कत्यूरी शासकों ने इन मंदिरों का निर्माण कराया था. इस मंदिर में कई प्राचीन मूर्तियां आज भी देखने को मिलती हैं. (NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Almora News, Hindu Temples, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : November 16, 2022, 12:56 IST