आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे पूर्व जिलाधिकारी ये ऑफिसर भी हैं शामिल

झांसी की विजिलेंस टीम ने 2 साल में 27 अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की. इस दौरान 369 फाइलें  खंगाली गई. आय से अधिक संपत्ति के ठोस सबूत मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने पूर्व जिलाधिकारी समेत 9 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया है.

आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे पूर्व जिलाधिकारी ये ऑफिसर भी हैं शामिल
ग्रेटर नोएडा. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पद पर तैनात रह चुके ओम सिंह देशवाल समेत पांच अधिकारियों  और चा कर्केमचारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, वे सभी अफसर रिटायर हो चुके हैं और एक साथ सब चित्रकूट में तैनात थे. विजिलेंस के जिम्मेदार अधिकारियों ने इनके संपत्तियों की जांच शुरू कर दी. दावा किया जा रहा है कि इन अधिकारियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. 6 साल में अचानक कैसे बढ़ गई संपत्ति आय से अधिक संपत्ति की जांच में अहम सबूत मिलने के बाद झांसी की विजिलेंस इकाई चित्रकूट के पूर्व जिलाधिकारी ओम सिंह देशवाल, पूर्व मुख्य विकास अधिकरी भूपेंद्र त्रिपाठी समेत पांच अधिकारियों और 4 कर्मचारियों खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. चित्रकूट में जिलाधिकारी के पद पर 2004 से लेकर 2010 तक तैनात रहे ओम सिंह देशवाल और पूर्व मुख्य विकास अधिकारी भूपेंद्र त्रिपाठी और परियोजना निदेशक बुद्धि राम चौधरी समेत 9 कर्मचारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के साथ अवैध खनन की शिकायत की गई थी. शासन से जांच की अनुमति मिलने के बाद झांसी की विजिलेंस इकाई ने 2022 में इसकी जांच शुरू कर दी थी. करीब 2 साल बाद अब जांच पूरी हो गई है और अब  इन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जानिए किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला झांसी की विजिलेंस टीम ने 2 साल में 27 अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की. इस दौरान 369 फाइलें  खंगाली गई. इसके बाद विजिलेंस टीम ने अधिकारियों का ब्योरा खंगालना शुरू कर दिया. रजिस्ट्री दफ्तर में उनकी चल-अचल संपत्ति, बैंक खातों का ब्योरा और बाजार में खर्च किए गए पैसे की जांच शुरू कर दी. इसके साथ ही आय से अधिक संपत्ति के ठोस सबूत मिलने के बाद विजिलेंस टीम ने पूर्व जिलाधिकारी समेत 9 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया है. झांसी के विजिलेंस टीम में मुख्य किरदार निभाने वाले पुलिस अधीक्षक विजिलेंस अशोक शर्मा ने बताया कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कर गंभीरता से इस मामले को संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी गई हैं. चल-अचल संपत्तियों की चल रही है जांच पुलिस अधीक्षक विजिलेंस अशोक शर्मा ने बताया कि टीम इनके चल-अचल संपत्तियों की जांच कर रही है. तत्कालीन जिलाधिकारी ओम प्रकाश देशवाल वर्तमान समय में नई दिल्ली के निवासी हैं. वहीं पूर्व मुख्य विकास अधिकारी भूपेंद्र त्रिपाठी प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं और परियोजना निदेशक प्रेमचंद द्विवेदी प्रयागराज के रहने वाले हैं. डीआरडीए के प्रदीप कुमार माथुर चित्रकूट के ही रहने वाले हैं. वहीं मुन्ना लाल तिवारी बांदा, रामस्वरूप श्रीवास्तव चित्रकूट, आरईएस रह चुके अभियंता बुद्धि राम चौधरी सिद्धार्थनगर के रहने वाले हैं. साथ ही झांसी के रहने वाले परियोजना निदेशक सोनपाल और बाराबंकी के रहने वाले देवनारायण तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. अब इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. जो तथ्य निकाल कर सामने आएंगे, उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. Tags: Crime News, Greater noida news, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 12:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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