बाप-बेटी की जोड़ी समाज के लिए बन रही मिसाल हर जगह हो रही चर्चा
बाप-बेटी की जोड़ी समाज के लिए बन रही मिसाल हर जगह हो रही चर्चा
Ghaziabad News: सुगम समाज सेवा संस्थान के संस्थापक विनोद राघव ने हमेशा समाज सेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया है. उनका मानना है कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए पहले खुद को बदलना जरूरी है. उनकी बेटी ज्योति भी उन्हीं के नक्शे-कदम पर चल रही हैं और अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही है.
गाजियाबाद: शहर में रहने वाले विनोद राघव और उनकी बेटी ज्योति राघव ने समाज सेवा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है. उनका NGO, सुगम समाज सेवा संस्थान, गाज़ियाबाद और आसपास के इलाकों में अपने प्रभावशाली कार्यों के लिए तेजी से पहचान बना रहा है. इस संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज की स्वच्छता को बढ़ावा देना और वंचित वर्गों की सहायता करना है, जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है.
ज्योति राघव, जो पेशे से एक आर्किटेक्ट हैं, ने अपने पेशेवर कौशल का उपयोग समाज सेवा में किया है. गाज़ियाबाद में महिलाओं के लिए बनाए गए पिंक टॉयलेट का डिज़ाइन ज्योति ने ही तैयार किया है. यह टॉयलेट विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिसमें पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएं भी शामिल हैं. इस डिज़ाइन ने महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण प्रदान किया है, जो समाज में एक बड़ा बदलाव लाने का प्रतीक है.
विनोद राघव का समाज के प्रति समर्पण
सुगम समाज सेवा संस्थान के संस्थापक विनोद राघव ने हमेशा समाज सेवा को अपने जीवन का ध्येय बनाया है. उनका मानना है कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए पहले खुद को बदलना जरूरी है. उनकी बेटी ज्योति भी उन्हीं के नक्शे-कदम पर चल रही हैं और अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही है.
सुगम समाज सेवा संस्थान की स्थापना और उद्देश्य
सुगम समाज सेवा संस्थान की स्थापना 2002 में एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य स्वस्थ और स्वच्छ शौचालय सुविधाएं प्रदान करना है. हालांकि, इसका कार्यक्षेत्र केवल शौचालय निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संगठन सामाजिक क्रांति का प्रतीक भी है. इसमें जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव को समाप्त करना, खुले में शौच की प्रथा को खत्म करना और समाज को इस दिशा में जागरूक करना शामिल है.
सुगम का वर्तमान स्थिति और योगदान
सुगम समाज सेवा संस्थान ने भारत के विभिन्न राज्यों में 80 से अधिक सरकारी सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया है, जिनका प्रतिदिन लगभग 8000 लोग उपयोग करते हैं. इसके अलावा, सुगम ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न गांवों में घरेलू शौचालयों का निर्माण भी किया है. सुगम द्वारा प्रदान की जाने वाली मोबाइल शौचालय वैन सुविधा भी बड़ी सार्वजनिक सभाओं के दौरान बहुत लोकप्रिय है.
समाज के अन्य वर्गों के लिए पहल
सुगम समाज सेवा संस्थान ने स्वच्छता से परे जाकर एक समग्र विकास दृष्टिकोण अपनाया है. इसमें सफाई कर्मचारियों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के माध्यम से सशक्तिकरण, स्वावलंबन कार्यक्रम, और स्वच्छता में अनुसंधान और विकास जैसी पहल शामिल हैं.
महात्मा गांधी के सिद्धांतों से प्रेरित
सुगम समाज सेवा संस्थान महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा, और परोपकार के सिद्धांतों से प्रेरित है. संस्था का मानना है कि ट्रस्टीशिप के गांधीवादी सिद्धांत के माध्यम से समाज की भलाई के लिए काम किया जाना चाहिए.
भविष्य की दिशा
विनोद राघव अब स्वच्छता विकास के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में नई सोच और नवाचार की आवश्यकता है. सुगम को कई शहरों और राज्यों से शौचालय निर्माण के लिए आमंत्रण मिल चुका है, जिससे संस्था की सेवाओं और परामर्श की मांग बढ़ी है.
सुगम का यह प्रयास न केवल स्वच्छ भारत मिशन को साकार कर रहा है, बल्कि समाज के निम्नवर्गीय तबके के जीवन में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
Tags: Ghaziabad News, Local18FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 12:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed