जॉर्ज सोरोस विवाद: सोनिया के साथ नहीं हुई कोई डील तो क्यों बवाल काट रही BJP
जॉर्ज सोरोस विवाद: सोनिया के साथ नहीं हुई कोई डील तो क्यों बवाल काट रही BJP
George Soros Controversy: अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस की चर्चा इन दिनों भारत में कुछ ज्यादा ही है. कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी पर सीधे तौर पर भाजपा आरोप लगा रही है. लेकिन, इस विवाद का जड़ क्या है? इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
George Soros Controversy: अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी के साथ क्या संबंध हैं? क्या सोनिया गांधी ने जॉर्ज सोरोस की संस्था के साथ कोई डील किया है. क्या कांग्रेस पार्टी ने जॉर्ज सोरोस के साथ कोई डील किया है? इसका जवाब ‘ना’ है. तो फिर क्यों भाजपा लगातार इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेर रही है. दरअसल, अभी तक आरोपों में भाजपा ने यह कभी नहीं कहा है कि जॉर्ज सोरोस की संस्थाओं और सोनिया गांधी या कांग्रेस पार्टी के बीच पैसों का कोई लेनदेन हुआ है. भाजपा का आरोप एकदम स्पष्ट है. उसका कहना है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन किया है. बात बस इतनी सी है. भाजपा कह रही है कि सोरोस की संस्था से सोनिया गांधी के संबंध भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को दर्शाता है.
भाजपा के दावे
भाजपा का दावा है कि सोनिया गांधी फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (एफडीएल-एपी) फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष हैं. इस संस्था को जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन से पैसे मिलने की बात कही जा रही है. भाजपा ने कहा कि एफडीएल-एपी फाउंडेशन ने अपने ये विचार व्यक्त किए हैं कि कश्मीर को अलग क्षेत्र माना जाए. यही वह बात है जिस पर बवाल मचा हुआ है. भाजपा इस तथ्य को कुछ इस तरह इंटरप्रेट कर रही है कि कश्मीर को अलग क्षेत्र मानने वाली संस्था के साथ कोई भारतीय कैसे जुड़ सकता है. वह भी किसी अहम पद पर. अगर वह उस संस्था से जोड़ता है तो क्या वह कश्मीर के बारे में उस संस्था के विचारों से इत्तेफाक रखता है? यही सवाल सोनिया गांधी से पूछा जा रहा है कि वह जॉर्ज सोरोस की संस्था की को-चेयरपर्सन हैं इसका मतलब है कि वह संस्था के विचारों से सहमत हैं यानि कि वह कश्मीर को अलग क्षेत्र मानने से सहमत हैं?
कश्मीर का मुद्दा क्या है?
भाजपा इस मुद्दे को और बढ़ा रही है. उनसे कहा कि सोनिया गांधी और कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन करने वाले संगठन के बीच यह संबंध भारत के आंतरिक मामलों पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव तथा ऐसे संबंधों के राजनीतिक प्रभाव को व्यक्त करता है.
कैसे जुड़ीं सोनिया गांधी
इस सवाल का जवाब खुद भाजपा ने ही दिया है. उसका कहना है कि सोनिया गांधी, राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता की अध्यक्ष हैं. इसी कारण उनकी जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के साथ साझेदारी हुई. यह साझेदारी भारतीय संगठनों पर विदेशी वित्तपोषण के प्रभाव को दर्शाता है. भाजपा ने यह भी कहा है कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सार्वजनिक रूप से जॉर्ज सोरोस को अपना पुराना मित्र बताया है. यह सचमुच में गौर करने वाली बात है.
एक तरह कांग्रेस उद्योगपति गौतम आडाणी का मुद्दा उठा रही है वहीं भाजपा जॉर्ज सोरोस को मसला बनाकर पूरे गेम को बदल दिया है. इस कारण बीते तीन दिन से संसद की कार्यवाही बाधित है. दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. ऐसे में अब आपको तय करना है कि कौन सही है और कौन गलत.
Tags: Congress, Indian Parliament, Sonia GandhiFIRST PUBLISHED : December 10, 2024, 14:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed