सरकार ने बढ़ाई आर्मी चीफ मनोज पांडे की सर्विस 50 साल में पहली बार हुआ ऐसा

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को इस तरह सेवा विस्तार दिए जाने का यह बेहद दुलर्भ मामला है. इससे पहले एक ही बार ऐसा मौका आया है, वह 1970 के दशक की शुरुआत में. तब की इंदिरा गांधी सरकार ने तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल जीजी बेवूर के सर्विस पीरियड को एक साल के लिए बढ़ा दिया था.

सरकार ने बढ़ाई आर्मी चीफ मनोज पांडे की सर्विस 50 साल में पहली बार हुआ ऐसा
नई दिल्ली. सरकार ने थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दे दिया. लोकसभा चुनाव के बीच उठाया गया यह बेहद असमान्य कदम है. जनरल पांडे 31 मई को रिटायर होने वाले थे, हालांकि अब वह 30 जून तक इस पद पर बने रहेंगे. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने जनरल पांडे के एक महीने के सेवा विस्तार को मंजूरी दी. रक्षा मंत्रालय के बयान में बताया, ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सेना नियम 1954 के नियम 16ए(4) के तहत, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज सी पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिया है, जो उनकी रिटायरमेंट की तारीख (31 मई) से आगे 30 जून तक है.’ इंदिरा गांधी सरकार ने जनरल बेवूर की बढ़ाई थी सर्विस जनरल पांडे को इस तरह सेवा विस्तार दिए जाने का यह बेहद दुलर्भ मामला है. इससे पहले एक ही बार ऐसा मौका आया है, वह 1970 के दशक की शुरुआत में. तब की इंदिरा गांधी सरकार ने तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल जीजी बेवूर के सर्विस पीरियड को एक साल के लिए बढ़ा दिया था. सैन्य एक्सपर्ट के मुताबिक, जनरल बेवूर को दिए गए सेवा विस्तार से तब लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम भगत थल सेना प्रमुख बने बिना ही रिटायर हो गए थे. जनरल बेवूर के बाद जनरल टीएन रैना इस टॉप पोस्ट पर नियुक्त होना था. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जनरल बेवूर को दिए गए इस सर्विस एक्सटेंशन ने लेफ्टिनेंट जनरल भगत का रास्ता रोक दिया था. यह भी पढ़ें- 1000 लीटर पेट्रोल, 2000 लीटर डीजल, ऊपर चल रहा था वेल्डिंग का काम… आग से मानो खेल रहा था गेम जोन जनरल पांडे के बाद ये दो अधिकारी सबसे सीनियर इस वक्त ‘वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ’ के रूप में सेवा दे रहे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जनरल पांडे के बाद सबसे सीनियर अधिकारी हैं. वहीं लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के बाद सबसे सीनियर अफसर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं, जो दक्षिणी थल सेना कमांडर हैं. दोनों ही सैन्य अफसर, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल सिंह एनडीए से साथ ही 1984 में पासआउट हुए थे. हालांकि एक्टपर्ट के मुताबिक, जनरल द्विवेदी इस पद के लिए बड़े दावेदार हैं. हालांकि यह पूरी तरह सरकार का विवेकाधिकार है कि वह किसे अगर सेना प्रमुख बनाती है. यह भी पढ़ें- ट्रेन को बना दिया ‘रॉकेट’, रेलवे वाले भी रह गए हैरान, लोको पायलट पर ले लिया एक्शन लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पास चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर बड़ा ऑपरेशन अनुभव है. उन्होंने फरवरी में लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार की जगह ली थी और सेना के उप प्रमुख का प्रभार संभाला था. जनरल एमएम नरवणे के रिटायर होने के बाद जनरल पांडे ने 30 अप्रैल, 2022 को थल सेना के 29वें प्रमुख के रूप में पदभार संभाला. आर्मी चीफ का पद संभालने से पहले, जनरल पांडे वाइस चीफ के रूप में सेवा दे रहे थे. अपने करियर में, जनरल पांडे ने अंडमान-निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ के रूप में भी सेवा दी है, जो भारत की एकमात्र त्रि-सेवा कमान है. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे हैं. जनरल पांडे दिसंबर 1982 में ‘कोर ऑफ इंजीनियर्स’ (द बॉम्बे सैपर्स) में शामिल हुए थे. वह ‘कोर ऑफ इंजीनियर्स’ से फोर्स की कमान संभालने वाले पहले अधिकारी हैं. (भाषा इनपुट के साथ) Tags: Army ChiefFIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 07:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed