धरती से मिट गया डायनासोर का निशान पर उससे पुराने होकर भी कैसे बचे रहे सांप
धरती से मिट गया डायनासोर का निशान पर उससे पुराने होकर भी कैसे बचे रहे सांप
Snakes Vs Dianosaurs : सांप पृथ्वी पर 16.7 करोड़ सालों से हैं. इतने सालों से कोई भी जीव यहां पर जिंदा नहीं रहा. मतलब सांप के जितने भी जीव-जंतु यहां रहे, वो सब खत्म होते गए, यहां तक कि डायनासोर भी. सांपों की किस खूबी ने उन्हें बचाया हुआ है.
हाइलाइट्स सांप धरती पर डायनासोर से कहीं ज्यादा पुराने सांप ने कभी दुनियाभर में फैलकर तो कभी धरती के नीचे जाकर खुद को बचाया बगैर खाए बहुत लंबे समय तक रहने की क्षमता उनके अंदर
धरती पर सांप तब से हैं, जब डायनासोर भी नहीं थे. फिर डायनासोर आए. पृथ्वी पर जबरदस्त उथलपुथल हुई. बड़े बड़े उल्कापात हुए. क्षुद्र ग्रह टकराए. मौसम बदले. डायनासोर ये सब नहीं झेल पाए और खत्म हो गए. उनका नामोनिशान ही धरती से मिट गया. ऐसे में अगर कोई खत्म नहीं हुए तो ये सांप थे. उन्होंने खुद हर स्थिति के साथ सेट किया. खुद में ऐसे बदलाव ले आए कि अब भी धरती पर बने हुए हैं. बढ़ रहे हैं. उम्मीद है कि आगे भी हजारों-लाखों सालों तक बने रहेंगे.
ऐसा क्या हो गया कि सांपों ने हर चुनौती झेल ली. हर मुश्किल में बने रहे. बड़ी – बड़ी आपदाएं भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाईं. क्या वो ज्यादा स्मार्ट थे या ज्यादा किस्मतवाले. उनके साथ ऐसा क्या हुआ कि वो धरती पर करोड़ों सालों से बने हुए हैं.
वैज्ञानिक मानते हैं कि करीब 66 मिलियन वर्ष पहले धरती पर इतने बड़े बड़े बदलाव हो रहे थे कि विशालकाय डायनासोर विलुप्त हो गए. आखिर ऐसा क्या था, जिसने सांपों को बचाए रखा.
बिल खोदने की आदत
सांपों में जमीन के अंदर बिल खोदने की क्षमता होती है, जब धरती पर ज्यादा मौसम बदलता है या स्टेरॉयड यानि क्षुद्रग्रह टकराए तो इसका प्रभाव हालात बहुत कठोर बन गए. इसी में डायनासोर साफ हो गया. लेकिन तब सांपों ने जमीन के काफी नीचे बिलों में जाकर जान बचा ली. इसने उन्हें जरूरत से ज्यादा तापमान से भी बचाया. जब डायनासोर जैसे विशालकाय जानवर की हस्ती तक पृथ्वी से मिट रही थी, तब सांप ने धरती के नीचे जाकर शरण ली और सुरक्षित रहे. (image generated by Meta)
बगैर खाना खाए लंबे समय तक रह सकते हैं
सांप लंबे समय तक बगैर खाए रह सकते हैं. इतने लंबे समय में कई बार ऐसा हुआ होगा जब लंबे समय तक उन्हें खाना नसीब नहीं हुआ लेकिन उनकी इस आदत ने उन्हें बचा लिया. कम से कम संसाधनों पर जीवित रहने की इस क्षमता ने उन्हें बहुत कठिन हालात को सहने में मदद की जबकि उनके साथ की ना जाने कितनी ही प्रजातियां कभी खाने की कमी तो कभी वातावरण को झेल नहीं पाने से नष्ट हो गईं.
सांपों की कुछ प्रजातियां बगैर खाए दो साल तक जीवित रह सकती हैं. दिलचस्प बात यह है कि कुछ सांप बिना खाना खाए भी लंबाई में बढ़ते रह सकते हैं, जिससे पता चलता है कि वे अपने आंतरिक शरीर का उपयोग करने में बहुत स्मार्ट हैं.
नई जगहों के तालमेल बिठा लेना
जब डायनासोर और कई अन्य प्रजातियों कठिन स्थितियों के चलते विलुप्त हो गईं तो सांप जो भी हालात थे, उनके साथ बखूबी तालमेल बिठा लिया. हालांकि बड़ी बड़ी प्रजातियों के खत्म हो जाने से उन्हें भोजन ढूंढने में कम मुश्किल का सामना करना पड़ा. पहले उनके आहार में ज्यादा विविधता नहीं थी लेकिन अब तो पक्षी से लेकर कीड़े और छोटे जानवर भी खा सकते हैं. सांप बगैर खाए बहुत लंबे समय तक रह सकते हैं. जब उन्हें बहुत दिनों तक खाना नहीं मिलता तो शरीर के अंदर का प्रोटीन टूटकर उन्हें खुराक देने लगता है. (image generated by Meta)
नई नई प्रजातियां विकसित करके बचते गए
बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के बाद सांपों में तेजी से बदलाव हुआ. जो कुछ वंशावली बचीं, वे तेजी से नई प्रजातियों की विशाल श्रृंखला विकसित करने लगीं. जिनमें वाइपर, बोआ और अजगर शामिल हैं. इससे ये हुआ कि कुछ प्रजातियां बेशक खत्म हुईं लेकिन बहुत सी बच भी गईं.
दुनियाभर में फैल गए
अध्ययन से पता चलता है कि डायनासोर के विलुप्त होने के समय ही सांप दुनियाभर में फैलना शुरू हो गए. पहले उनके पूर्वज शायद केवल दक्षिणी गोलार्ध में रहते थे, डायनासोर के विलुप्त होने की घटना के बाद वह पहली बार एशिया में फैल गए.
जलवायु परिवर्तन को अपनाया
सांपों ने प्रमुख जलवायु परिवर्तनों के लिए भी तालमेल बिठाया. मतलब ये वो पृथ्वी में उस युग में ही रहे जब भीषण गर्मी थी और तब भी रहे जब पूरी पृथ्वी बर्फ से ढंक गई. साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि सांप छिपकलियों जैसे अन्य सरीसृपों की तुलना में लगभग तीन गुना तेजी से विकसित हुए. (iimage generated by Meta)
साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि सांप छिपकलियों जैसे अन्य सरीसृपों की तुलना में लगभग तीन गुना तेजी से विकसित हुए. मिशिगन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में और 1,018 से अधिक साँप और छिपकली प्रजातियों को शामिल करते हुए यह शोध बताता है कि लगभग 100-150 मिलियन वर्ष पहले सांपों में खासे बदलाव आए. जिसने उन्हें हर माहौल में रहने लायक बनाया.
कैसे डायनासोर से ज्यादा पुराने सांप
सबसे पुराने ज्ञात सांप के जीवाश्म 167 मिलियन वर्ष से अधिक पुराने हैं जबकि डायनासोर पहली बार लगभग 230 मिलियन वर्ष पहले दिखाई दिए थे.
इंग्लैंड, पुर्तगाल और कोलोराडो में खोजे गए सबसे पुराने ज्ञात सांप के जीवाश्म पहले से ज्ञात सबसे पुराने सांप जीवाश्मों से 70 मिलियन साल पुराने हैं.
जीवाश्मों के स्थान से पता चलता है कि शुरुआती सांप समुद्री वातावरण में रहते थे. वो कुछ आधुनिक सांपों के समान द्वीपों के बीच तैरने में सक्षम थे.
बेशक डायनासोरों ने लाखों वर्षों तक भूमि पर शासन किया. लेकिन वो सांप जैसे स्मार्ट नहीं हो पाए.
वो जीव जो धरती पर सांप से भी पुराने
1. केटेनोफोर्स (कंघी जेली) – केटेनोफोरस जेलीफ़िश 700 मिलियन सालों से इस धरती पर हैं. वो सांप और डायनासोर दोनों से काफी पहले से हैं.
2. कीड़े – कृमि, विशेष रूप से एनेलिड्स का इतिहास करीब 500 मिलियन वर्ष पुराना है.
3. कशेरुक (Vertebrates)- मछली सहित कशेरुकी पहली बार लगभग 450 मिलियन वर्ष पहले प्रकट हुए.
4. स्पंज – स्पंज धरती के सबसे पुराने जीवों में हैं. इनका जीवाश्म रिकॉर्ड लगभग 600 मिलियन वर्ष पुराना है. वे सरल बहुकोशिकीय जीव हैं.
Tags: Cobra snake, Sand Boa Snake, Snake Rescue, Snake VenomFIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 20:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed