कौन था कोयंबटूर ब्लास्ट का मास्टरमाइंड बाशा आडवाणी को बनाना चाहता था निशाना
कौन था कोयंबटूर ब्लास्ट का मास्टरमाइंड बाशा आडवाणी को बनाना चाहता था निशाना
Architect of Coimbatore 1998 Serial Blasts SA Basha: 1998 के कोयंबटूर सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. इसका मास्टरमाइंड कट्टरपंथी संगठन अल-उम्मा का संस्थापक एसए बाशा था. एसए बाशा का निधन होने से तमिलनाडु में हिंसक राजनीति का एक काला अध्याय बंद हो गया. इन ब्लास्ट के जरिये बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भी निशाना बनाने की साजिश रची गई थी.
Architect of Coimbatore 1998 Serial Blasts SA Basha: कोयंबटूर में 1998 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड एसए बाशा का निधन हो गया. इन विस्फोट में 58 लोगों की जान गई थी. बम विस्फोटों की साजिश भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की हत्या के लिए रची गई थी, जो एक चुनावी सभा में भाग लेने के लिए कोयंबटूर आए थे. 84 वर्षीय एसए बाशा को मंगलवार शाम को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. इसके साथ ही तमिलनाडु के राजनीतिक इतिहास के सबसे काले अध्याय का अंत हो गया. एसए बाशा प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन अल-उम्मा का संस्थापक था.
प्रतिबंधित अल-उम्मा का था प्रमुख
सीरियल ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बाशा का पैरोल पर कोयंबटूर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. एक पारिवारिक सूत्र ने बताया कि बाशा की हालत बिगड़ गई और सोमवार शाम 6.20 बजे उसकी मौत हो गई. 14 फरवरी, 1998 को सीरियल बम ब्लास्ट के बाद सरकार ने अल उम्माह को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था. इन विस्फोट में 200 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. यह मामला सीबी-सीआईडी के विशेष जांच प्रभाग को सौंप दिया गया था. जिसके बाद 166 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. बाशा को बम बनाने की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था. उसके पास से 650 किलोग्राम जिलेटिन और दूसरे विस्फोटक बरामद हुए थे.
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20 मिनट के अंदर किए थे 19 धमाके
विस्फोटों का उद्देश्य पुलिस गोलीबारी में 18 मुसलमानों की हत्या और नवंबर-दिसंबर 1997 में कोयंबटूर में अल-उम्मा कार्यकर्ताओं द्वारा एक ट्रैफिक कांस्टेबल की हत्या के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों का बदला लेना था. कोयंबटूर विस्फोट के दिन, दोपहर 3.50 बजे से 4.10 बजे के बीच 20 मिनट के अंदर 19 बम धमाके हुए. जिनमें से एक धमाका आडवाणी की निर्धारित रैली स्थल और भाजपा कार्यालय में हुआ. बम कारों, दोपहिया वाहनों, ठेलों, चाय के डिब्बों और आत्मघाती बेल्ट में लगाए गए थे. बाद में सीबी-सीआईडी जांच में कहा गया कि अल-उम्मा के तीन आतंकवादियों को भी आडवाणी को निशाना बनाने के लिए आत्मघाती हमलावर के रूप में तैनात किया गया था, लेकिन वे सुरक्षा घेरे को भेदने में असफल रहे.
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कई जिलों में था उसका प्रभाव
बाशा के संगठन अल उम्मा की मौजूदगी तमिलनाडु के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों, विशेषकर कोयंबटूर, डिंडीगुल, मदुरै और तिरुनेलवेली में थी. उनके नेतृत्व से प्रेरित होकर इमाम अली और हैदर अली जैसे अन्य सदस्यों ने अल उम्मा की विचारधारा को आगे बढ़ाया और कई युवाओं को संगठन में शामिल किया. 2003 में मदुरै जिले के तिरुमंगलम पुलिस स्टेशन पर एक सशस्त्र गिरोह द्वारा हमला किये जाने के बाद पुलिस ने एक प्रमुख व्यक्ति इमाम अली को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन वह भाग निकला था. कुछ महीने बाद, इमाम अली और चार अन्य लोगों को मदुरै पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों ने बेंगलुरु में गोली मार दी थी.
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रियल एस्टेट का करता था बिजेनस
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बाशा अपने शुरुआती दिनों में लकड़ी का कमीशन एजेंट था. बाद में उसने रियल एस्टेट के बिजनेस में भी कदम रखा. वह 1983 में तब लोकप्रिय हुआ जब उसने भाजपा नेता जन कृष्णमूर्ति और हिंदू मुन्नानी नेता थिरुकोविलुर सुंदरम की हत्या की कोशिश की और आरोप लगाया कि उन्होंने एक सार्वजनिक बैठक में इस्लाम की आलोचना की थी. 1984 में, वह मदुरै रेलवे स्टेशन पर हिंदू फ्रंट के तत्कालीन राज्य आयोजक राम गोपालन पर हमला करने में कथित रूप से शामिल था. जब बाबरी मस्जिद गिराई गयी, तो कोयंबटूर में हुई हिंसा में शामिल होने के लिए उसके और उ,के समर्थकों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए. उसे राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी हिरासत में लिया गया था.
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अपनी सजा के खिलाफ नहीं की अपील
कोयंबटूर सीरियल ब्लास्ट मामले में 2007 में एक विशेष अदालत ने 158 लोगों को दोषी ठहराया था. बाशा और अंसारी सहित 43 लोगों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी. 17 दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन बाशा ने ऐसा नहीं किया. उसके अनुसार वह पैरोल की अपनी संभावनाओं को बाधित नहीं करना चाहता था. उसने अपने वकील से कहा था, ‘मैं बस अपने परिवार के साथ रहना चाहता था, भले ही हर साल कुछ दिनों के लिए ही क्यों न हो.” कोयंबटूर धमाकों के जख्म भरने में कई साल लग गए, खास तौर पर शहर के कारोबार को संभलने में लंबा वक्त लगा.
Tags: Coimbatore news, Serial attacker, Tamil Nadu newsFIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 17:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed