Explainer: क्या होता है मुस्लिमों में खतना धर्म परिवर्तन के लिए कितना जरूरी
Explainer: क्या होता है मुस्लिमों में खतना धर्म परिवर्तन के लिए कितना जरूरी
What is Khatna: हमें अक्सर ऐसी खबरें पढ़ने को मिलती हैं कि किसी व्यक्ति को बहला फुसला कर या डरा-धमका कर मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कर दिया गया और फिर खतना भी करा दिया गया. मुस्लिम बनने के लिए कितनी अहमियत रखता है खतना करवाना. ये जानने की कोशिश करते हैं इस लेख के जरिये...
हाइलाइट्स मुसलमानों में खतना या सुन्नत को एक धर्मिक संस्कार माना जाता है कई संप्रदायों की धार्मिक पुस्तकों में भी खतना का जिक्र किया गया है उलेमाओं का मानना है कि इस्लाम में प्रवेश के लिए खतना जरूरी नहीं
What is Khatna: अक्सर हम सभी ऐसी खबरों से दो-चार होते रहते हैं कि किसी का ब्रेनवॉश कर या डरा धमका कर उसे मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कर दिया गया. ऐसे मामले धर्म परिवर्तन तक ही नहीं रुकते हैं, कुछ मामलों में तो पुरुषों का खतना तक करा दिया जाता है. हाल ही में बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है. जिले के नबाबगंज इलाके में एक हिंदू किशोर को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित किया गया और उसका खतना करवा दिया गया. अतरौलिया आजमगढ़ के रहने वाले 14 साल के अनुज का नाम बदलकर नूर आलम कर दिया गया.
वहीं, एक अन्य मामले में बरेली के एक हिंदू युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराकर निकाह कराया गया और खतना कराने का भी दबाव डाला गया. इस युवक ने जुलाई में एक मुस्लिम लड़की से हिंदू रीति रिवाज से शादी की थी. शादी के बाद प्रेमशंकर गुप्ता की बीवी हिना खान उन्हें अपने घर पूरनपुर ले गई. वहां उनका जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन कराकर इस्लामिक रीति रिवाज से निकाह कराया गया. प्रेमशंकर गुप्ता पर खतना कराने का भी दबाव डाला गया. आखिर मुस्लिमों में क्यों कराया जाता है खतना और धर्म परिवर्तन के लिए ये कितना जरूरी है?
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क्या होता है खतना या सुन्नत
मुसलमानों और यहूदियों में खतना या सुन्नत एक धर्मिक संस्कार माना जाता है. इन धर्मों में लड़का पैदा होने के कुछ सालों बाद उसके लिंग की आगे की चमड़ी निकाल दी जाती है. लिंग की ऊपरी खाल को हटा देना ही खतना (Circumcision) कहलाता है. यह वो खाल होती है जिससे लिंंग का ऊपरी हिस्सा (शिश्नाग्र) ढका हुआ होता है. दुनिया में बहुत से देशों में बच्चों का खतना किया जाता है. कम उम्र में चमड़ी मुलायम होती है, इसलिए इन्हें काटने में ज्यादा दर्द नहीं होता है. कई संप्रदायों की धार्मिक पुस्तकों में भी खतना का जिक्र किया गया है. खतना शब्द का जन्म लैटिन भाषा से हुआ है. यहूदी संप्रदाय में माना जाता है कि खतना का आदेश उनके ईश्वर ने दिया है. मुस्लिम और अफ्रीकी देशों में रहने वाले कुछ ईसाई भी खतना करवाते हैं. कई देशों में महिलाओं का भी खतना किया जाता है.
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उलेमाओं का मानना है खतना जरूरी नहीं
खतना जरूरी है या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस धर्म में परिवर्तन करना चाहते हैं. हालांकि इस्लाम में खतना प्रथा को माना जाता है, लेकिन यह इस्लाम धर्म अपनाने के लिए यह अनिवार्य नहीं है. ज्यादातर उलेमाओं का मानना है कि इस्लाम में प्रवेश करने पर खतना जरूरी नहीं है. इस्लाम में हालांकि कुरान में इसकी चर्चा नहीं की गई है, लेकिन यह व्यापक रूप से प्रचलित है. इस्लाम में कुछ हदीस में इसका जिक्र किया गया है. हालांकि यहूदी धर्म में धर्मांतरण करने वाले पुरुष को खतना करवाना होता है. अगर पहले से ही खतना हो चुका है तो प्रतीकात्मक रूप से खून की एक बूंद बहाने के लिए सुई का इस्तेमाल किया जाता है. वैसे भारत में मुस्लिम समुदाय में खतना धर्म का मुख्य निर्धारक है. भारत में मुस्लिम पुरुष धार्मिक कारणों से ही खतना करवाते हैं. हालांकि इसकी एक वजह स्वास्थ्य कारण भी है.
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धार्मिक या स्वास्थ्य कारण वजह
वैसे तो खतने का संबंध किसी खास धर्म, जातीय समूह या जनजाति से हो सकता है. लेकिन कई बार माता-पिता अपने बच्चों का खतना साफ-सफाई या स्वास्थ्य कारणों से भी कराते हैं. डॉक्टरों का भी कहना है कि जिन पुरुषों का खतना हो जाता है उनमें संक्रमण का जोखिम कम होता है. क्योंकि लिंग की आगे की चमड़ी के बिना कीटाणुओं के पनपने के लिए नमी का वातावरण नहीं मिलता है. हालांकि बहुत से लोगों का मानना है कि यह एक हिंसक कृत्य है और शरीर के लिए नुकसानदायक है. बहुत से लोग खतना को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानते हैं.
यौन संचारित रोगों से बचाव
खतना करवाने के बाद यौन संचारित रोगों के होने का खतरा काम हो जाता है. यौन संचारित रोग होने पर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है और वह जानलेवा बीमारियों का शिकार हो सकता है. लेकिन खतना करवा लेने के बाद एचआईवी जैसे खतरनाक वायरस से शरीर का बचाव कर सकते हैं. लेकिन फिर भी यौन संबंध बनाते समय सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
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कम हो जाता है कैंसर का खतरा
जिन पुरुषों का खतना हो चुका होता है उनमें दूसरे पुरुषों के मुकाबले पेनिस कैंसर होने का खतरा कम होता है. खतना महिलाओं को भी कैंसर से बचाता है. पुरुषों के खतना करवाने पर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का खतरा कम हो जाता है.
Tags: Indian Muslims, Muslim Conversion, Muslim Population, Muslim religionFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 13:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed