Explainer: रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कैंसिल हुआ तो क्या करेंगे
Explainer: रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कैंसिल हुआ तो क्या करेंगे
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट क्या है? यौन शोषण के आरोपी सांसद प्रज्वल रेवन्ना को यह पासपोर्ट किस आधार पर मिला? क्या सरकार इसे रद्द कर सकती है? समझते हैं इस Explainer में
विदेश मंत्रालय सांसद प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने की तैयारी में है. कर्नाटक की हासन सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर यौन शोषण का आरोप है. इसके बाद से ही वह फरार चल रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक सरकार ने विदेश मंत्रालय से रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने की सिफारिश की है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार के अनुरोध के बाद रेवन्ना (Prajwal Revanna) का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
कितने तरह के पासपोर्ट?
भारत सरकार, पासपोर्ट एक्ट 1967 (Passport Act 1967) के तहत 3 कैटेगरी में पासपोर्ट जारी करती है. पहला सामान्य पासपोर्ट, दूसरा ऑफिशियल पासपोर्ट और तीसरा डिप्लोमेटिक पासपोर्ट.
सामान्य पासपोर्ट
विदेश मंत्रालय, आम नागरिकों के लिए सामान्य पासपोर्ट जारी करता है. जिसे ब्लू पासपोर्ट (Blue Passport) भी कहा जाता है. इसका रंग गाढ़ा नीला होता है. ब्लू पासपोर्ट की वैलिडिटी 10 साल होती है. माइनर के केस में पासपोर्ट 5 साल के लिए मान्य होता है.
ऑफिशियल पासपोर्ट
सरकार, सरकारी कामकाज से विदेश यात्रा करने वाले अपने अधिकारियों को ऑफिशियल पासपोर्ट जारी करती है. इसे व्हाइट पासपोर्ट (White Passport) भी कहा जाता है, क्योंकि इसका कलर सफेद रंग का होता है. ऑफिशियल पासपोर्ट के लिए अलग से एप्लीकेशन देना पड़ता है और उसमें बताना पड़ता है कि संबंधित व्यक्ति को ऑफिशियल पासपोर्ट की जरूरत क्यों और किस काम के लिए है.
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को ‘टाइप डी पासपोर्ट’ (Type D Passport) भी कहा जाता है. यह पासपोर्ट मरून रंग का होता है और इसकी वैलिडिटी 5 साल होती है. कुछ मामलों में इससे कम भी हो सकती है. पासपोर्ट एक्ट के मुताबिक डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की वैलिडिटी इस बात पर निर्भर करती है कि वह किसी शख्स को मिल रहा है और उसका असाइनमेंट कितने दिनों का या किस तरह का है.
किन्हें मिलता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट?
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कुल 5 कैटेगरी के लोगों को जारी किया जाता है. पहला- राजनयिक दर्जा रखने वाले लोग, दूसरा- भारत सरकार के ऐसे वरिष्ठ अधिकारी जो सरकारी काम से विदेश जा रहे हैं, तीसरा- विदेश सेवा (IFS) के ए और बी ग्रुप के अधिकारी, चौथा- विदेश मंत्रालय और IFS की फैमिली और पांचवां- सरकार की ओर अधिकारिक यात्रा करने वाले व्यक्ति, जिसमें केंद्रीय मंत्री, सांसद, राजनेता और उनकी पत्नी आते हैं.
कौन जारी करता है?
विदेश मंत्रालय, आम लोगों को देशभर में स्थित पासपोर्ट ऑफिस के जरिए पासपोर्ट जारी करता है. जबकि विदेश मंत्रालय का काउंसलर, पासपोर्ट एंड वीजा (सीपीवी) डिविजन खासतौर से डिप्लोमेटिक और ऑफिशियल पासपोर्ट जारी करता है.
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट क्यों VVIP
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट को वीवीआईपी पासपोर्ट भी कहा जाता है. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर्स को किसी भी देश जाने के लिए किसी तरह की वीजा फीस नहीं देनी पड़ती है. विदेश में उन पर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती और उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जा सकता है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक अगर किसी सांसद को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट जारी हुआ है तो वह अपने निजी कामकाज के लिए इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है. अगर कोई भी सांसद डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के जरिए विदेश जा रहा है तो उसे सदन के सेक्रेटरी जनरल को इसकी सूचना देनी होती है. अपनी विजिट का उद्देश्य भी बताना पड़ता है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह सूचना कम से कम तीन हफ्ते पहले देनी होती है. सदन से पॉलिटिकल क्लीयरेंस के लिए ऑनलाइन भी आवेदन दिया जा सकता है.
प्रज्वल रेवन्ना ने कैसे उठाया लाभ?
भारत का 34 देश के साथ वीजा वेवर एग्रीमेंट है. इसके मुताबिक डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर्स को इन देशों की यात्रा के लिए किसी तरह की वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है. इस एग्रीमेंट के तहत डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर इन देशों में 30 से 90 दिनों तक रुक सकता है. प्रज्वल रेवन्ना ने इसी का लाभ उठाया. कथित तौर पर अप्रैल में जर्मनी भाग गए. जो वीजा वेइवर एग्रीमेंट की लिस्ट में शामिल है.
किस केस में रद्द होता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट?
सरकार डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कई परिस्थितियों में वापस ले सकती है. जैसे अगर किसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट जारी किया गया है और वह कोई गलत सूचना देता है या किसी आपराधिक मुकदमे में सजा होती है या उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित है तो पासपोर्ट वापस लिया जा सकता है. पासपोर्ट एक्ट 1967 के सेक्शन 10(3) में पासपोर्ट रद्द करने से जुड़े प्रावधान हैं.
इसमें साफ-साफ कहा गया है कि कोई भी पासपोर्ट धारक यदि किसी भी तरह की गलत सूचना देता है, अथवा अधिकारियों को लगता है कि उसका पासपोर्ट किसी भी तरीके से देश की संप्रभुता, एकता और गरिमा के खिलाफ है, आपराधिक मामले का सामना कर रहा है, किसी केस में सजा होती है तो पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है. चूंकि प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है और एसआईटी जांच पेंडिंग है, ऐसे में यह पासपोर्ट रद्द करने का बड़ा आधार है.
कैंसिल हुआ को क्या करेंगे?
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर प्रज्वल रेवन्ना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट सरकार कैंसिल करती है तो उन्हें जर्मनी डिपोर्ट कर सकता है, क्योंकि तब उनके पास कोई इम्यूनिटी नहीं बचेगी. इसके अलावा भारत की कई देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है, जिसमें जर्मनी भी शामिल है. इस नाते अगर भारत की सुरक्षा एजेंसियां जर्मनी से रेवन्ना के प्रत्यर्पण की मांग करती हैं तो जर्मनी उन्हें सुरक्षा एजेंसियों को सौंप सकता है.
Tags: HD Deve GowdaFIRST PUBLISHED : May 26, 2024, 09:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed