यूक्रेन युद्ध के बीच किस गैस की चर्चा हो रही है जिसकी कटौती से यूरोप मुश्किल में
यूक्रेन युद्ध के बीच किस गैस की चर्चा हो रही है जिसकी कटौती से यूरोप मुश्किल में
रूस पाइप लाइन के जरिए यूरोप को जिस नेचुरल गैस की आपूर्ति करता था, उसमें उसने 20 फीसदी की कटौती कर दी है. इससे यूरोप के लोग डरे हुए हैं. क्योंकि ये गैस पॉवर इंडस्ट्री के साथ बिजली बनाने और घरों को गर्म रखने के अलावा खाना बनाने में होता है. क्या होती हैं ये ईंधन गैसें, इनका क्या महत्व है.
यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोप लगातार इस परेशानी से जूझ रहा है कि अगर रूस ने वहां होने वाली आपूर्ति रोक दी तो क्या होगा. दरअसल हाल में रूस ने पाइपलाइन में तकनीक गड़बड़ी की बात कहते हुए 20 फीसदी नेचुरल गैस की आपूर्ति में कटौती कर दी है. इसका यूरोपीय देशों पर पड़ने लगा है. यूरोपीय देश खुद को इस बात के लिए तैयार कर रहे हैं कि वो कैसे गैस की कम खपत करें या फिर इसके वैकल्पिक उपाय तलाश करें. वैसे दुनिया में पेट्रोल या तेल का जितना महत्व है, उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण अब नेचुरल गैस हो गई है.
नेचुरल गैस का इस्तेमाल कई तरह के कामों में होता है, इससे अगर बिजली बनाई जाती है, तो घरों को गर्म करने से लेकर खाने के ईंधन के तौर पर भी इसका इस्तेमाल होता है. कहा जा सकता है कि यूरोप की निर्भरता इस पर काफी ज्यादा है.
भोजन को पकाने और गर्मी पैदा करने के लिए गैसों का प्रयोग 19वीं सदी के मध्य में शुरू हो गया था. वास्तव में ये शुरुआत सन 1840 में गैस स्टोव के आविष्कार और 1855 में गैस अग्नि के आविष्कार से हुई.
कितने तरह की ईंधन गैस
प्राकृतिक गैस, कोल गैस और वाटर गैस ये तीन मुख्य गैसीय ईंधन हैं. अब कुछ जगहों पर तेल से भी गैसों का उत्पादन होने लगा है. आजकल ऐसे सिस्टम विकसित हो चुके हैं, जिसमें कोयले को सिंथेसाइज करके गैस का निर्माण हो सके. इसे प्राकृतिक गैस की जगह इस्तेमाल किया जा सके.
सबसे ज्यादा इस्तेमाल नेचुरल गैस का
लेकिन दुनियाभर में अब भी सबसे ज्यादा उपयोग नेचुरल गैस का ही है. ये धरती के अंदर जमा तेल-भंडारों से मिलती है. पहले तो इसका महत्व ज्यादा नहीं समझा जाता था. ये बर्बाद हो जाती थी लेकिन अब इसको इकट्ठा करके इसका ना केवल स्टोरेज होता है बल्कि पाइप लाइप के जरिए अब इनकी सप्लाई होती है. फिलहाल तेल में गैस का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रूस है, जहां से कई देशों को पाइप लाइन के जरिए गैस की आपूर्ति की जाती है.
क्या होती है कोल गैस
इस गैस को तरल अवस्था में बदल करके भी बहुत से देश इसका निर्यात करते हैं. प्राकृतिक गैस मुख्य तौर पर मीथेन गैस होती है, जो बहुत ज्वलनशील होती है. इसके साथ ईंधन और कुछ मात्रा में प्रोपेन, ब्यूटेन और नाइट्रोजन गैसें भी होती हैं. वहीं कोल गैस उन कई गैसों का मिश्रण होती है जो कोल को जलाकर कोक में बदलने पर पैदा होती है. इस गैस वायु की गैर मौजूदगी में कोयले को गर्म करके बनाया जाता है.
कैसे बनती है कोल गैस
कोयले को करीब 1350 सेल्सियस तक भट्टियों में गर्म किया जाता है, इस तापमान पर कोयला मुलायम हो जाता है और उससे ये गैस निकलने लगती है. इस गैस का रंग कोलतार की मौजूदगी के कारण भूरा होता है. इस गैस में मुख्य तौर पर हाइड्रोजन गैस होती है, ये आयतन के हिसाब से करीब 50 फीसदी होती है. कोल गैस में 25 से 35 फीसदी तक मीथेन और 10 फीसदी नाइट्रोजन और 08 प्रतिशत कार्बन मोनोआक्साइड होती है. इस गैस का उपयोग मुख्य रूप से घरों और उद्योगों में किया जाता है. वैसे पर्यावरण प्रदूषण के चलते इस तरह के ईंधन पर रोक लग रही है. ऐसे में प्राकृतिक गैस सबसे ज्यादा मुफीद होती है.
वाटर गैस क्या होती है
वाटर गैस हाइड्रोजन और कार्बन मोनोआक्साइड का मिश्रण होती है. इसे लाल गर्म कोक पर भाप गुजारकर बनाया जाता है. इसका इस्तेमाल उद्योगों में होता है. इसका रंग हल्का नीला होता है. इस गैस के साथ अगर कोल गैस मिला दी जाए तो मिश्रण से बनी नई गैस को टाउन गैस कहा जाता है.
अब तो घऱों में पहुंचने लगी है गैस पाइप लाइन
तेल गैस के निर्माण के लिए कच्चे तेल को क्रेक किया जाता है. इसमें बहुत अशुद्धिता होती हैं. इसमें मुख्य रूप से मीथेन, एसिटलीन और बैंजीन होती हैं. इसे टाउन गैसे के साथ मिलाकर शहरों में भेजा जाता है. वैसे भारत में भी अब तमाम शहरों में गैस पाइप बिछाई जा रही है या बिछाई जा चुकी है, जिससे घरों में सीधे ईंधन गैस की आपूर्ति होती है.
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Tags: Domestic natural gas price, Gas Sector, LPG gas, Russia ukraine warFIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 16:25 IST