जाड़ों में ठंडे पानी से नहाना चाहिए कि नहीं क्या कहती है साइंस
जाड़ों में ठंडे पानी से नहाना चाहिए कि नहीं क्या कहती है साइंस
जाड़ों के मौसम में ठंडे पानी से नहाना वाकई बहुत मुश्किल होता है. इसके बावजूद बहुत से लोग कड़ाके की ठंड में भी गर्म पानी से नहाना नहीं चाहते. अब हम आपको बताते हैं कि साइंस इसे लेकर क्या कहती है.
हाइलाइट्स कुछ लोग कहते हैं कि ठंड के मौसम में ठंडे पानी से नहाना शरीर को नुकसान कर सकता है साइंस कहती है कि जाड़ों में ठंडे पानी से नहाना कई तरह से फायदेमंद है एक्सरसाइज करके अगर पसीना बहा रहे हों तो कैसे पानी से नहाना ठीक होगा
ठंड का मौसम दस्तक दे रहा है. इस मौसम में सबसे मुश्किल होता है ठंडे पानी से नहाना. जब कड़ाके की ठंड पड़ रही होगी तब तो ठंडे पानी से नहाना और भी मुश्किल हो जाएगा. तब ज्यादातर लोग गर्म पानी से नहाना पसंद करते हैं लेकिन बहुत से लोग ऐसे मौसम में भी ठंडे पानी से ही नहाते हैं. ठंडे पानी से नहाने वाले लोग तर्क भी देते हैं कि ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है. जानते हैं कि साइंस खासकर मेडिकल साइंस इसको लेकर क्या कहती है. इसके क्या वाकई फायदे हैं या गर्म पानी ही जिंदाबाद होना चाहिए.
आपने लोगों को बर्फीले समुद्र में कूदते या बर्फ में स्नान करते देखा होगा. प्राचीन भारत में तो लोग चाहे कड़ाके की कितनी ही ठंड ना पड़ रही हो, तब भी सुबह तड़के ही ठंडे पानी से नहा लिया करते थे. अब भी बहुत से लोग बाथरुम में ठंडे पानी से नहाने को प्राथमिकता देते हैं.
वैसे जब कोई नदी, स्विमिंग पूल या समुद्र के ठंडे पानी में छलांग लगाकर इसमें सिर डूबो लेता है तो इस अभ्यास को ठंडे पानी में डुबोना कहते हैं, यह क्रायोथेरेपी या कोल्ड थेरेपी का एक प्रकार है.
प्राचीन भारत में लोग ठंडे पानी से ही नहाते थे
स्वास्थ्य लाभ के लिए ठंडे पानी में खुद को डुबोने का लोगों का एक लंबा इतिहास है, जिसका इतिहास प्राचीन ग्रीस से शुरू होता है. प्राचीन भारत में भी इसके फायदे गिनाए जाते थे. ठंडे पानी से चिकित्सा की जाती रही है. बेशक अब हम लोग पर इस चीज पर हैरान हो सकते हैं. आगे बढ़ने से पहले एक नजर इधर भी दौड़ा लीजिए
– प्राचीन भारत में ठंडे पानी से स्नान का चलन था
– प्राचीन संस्कृतियों में ठंडे पानी से स्नान का चलन था
– प्राचीन योद्धा और चिकित्सक बर्फ़ स्नान करते थे
– पागलखानों में भी ठंडे पानी में डुबकी लगाकर इलाज किया जाता था
– पुनर्जागरण युग में, शारीरिक और मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल किया जाता था
वैसे प्राचीन समय में गर्म पानी से नहाना एक विलासिता जैसी भी थी, जो अक्सर केवल प्राकृतिक गर्म झरनों के पास रहने वालों को ही उपलब्ध होती थी. आमतौर पर यूरोपीय और नॉर्डिक देश ठंडे मौसम वाले देश हैं लेकिन इन सभी में गर्म की बजाए ठंडे पानी से नहाने को ही प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि इसके बहुत ढेर सारे फायदे हैं. (Image generated by Leonardo AI)
तनाव कम हो जाता है
विशेषज्ञों के पास इस बात के सुझाव हैं कि ठंडे पानी से नहाने से क्या लाभ हो सकता है, जो वैज्ञानिक और वास्तविक साक्ष्यों पर आधारित है. करंट साइकोलॉजी नामक पत्रिका के एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों ने करीब 50 डिग्री फ़ारेनहाइट से 57.2 डिग्री फ़ारेनहाइट (10 डिग्री सेल्सियस से 14 डिग्री सेल्सियस) के पानी के तापमान पर दो सप्ताह तक रोजाना एक मिनट तक स्नान किया, उनमें तनाव का स्तर कम पाया गया.
मूड बेहतर हो जाता है
ठंडे पानी से नहाने से मूड और ऊर्जा या मानसिक सतर्कता में भी सुधार हो सकता है. दरअसल जब शरीर ठंडे पानी के संपर्क में आता है तो बॉडी एंडोर्फिन रिलीज करती है, जो मूड में सुधार कर सकता है. तनाव या चिंता की भावनाओं को कम कर सकता है
इम्यून सिस्टम में मदद मिलती है
ठंडे पानी से नहाने से शरीर के इम्यून सिस्टम में मदद मिल सकती है. सितंबर 2016 में नीदरलैंड में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने 30 से 90 सेकंड तक ठंडे पानी से स्नान किया, उनमें बीमारी के कारण काम से अनुपस्थित रहने के समय में 29% की कमी देखी गई. हालांकि ठंडे पानी से स्नान करने पर बीमार पड़ने की भी कई कहानियां हैं.
फायदे तो हैं लेकिन…
परप्लेक्सिटी आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस साइंस के हवाले से कहता है, सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने के संभावित लाभ और जोखिम दोनों हैं. इसके फायदे क्या हैं.
रक्त संचार बढ़ जाता है – ठंडा पानी रक्त संचार को बढ़ा सकता है. ये शरीर अपने मूल तापमान को बनाए रखने का काम करता है, जो आपको गर्म रखने और समग्र हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है.
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है – ठंडे पानी के नियमित संपर्क से श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ सकता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ सकती है. फिर संभावित तौर पर संक्रमण का जोखिम कम हो सकता है.
त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार – ठंडा पानी त्वचा के छिद्रों और क्यूटिकल्स को कसने में मदद करता है, गंदगी को अंदर घुसने नहीं देता, लिहाजा बालों से जुड़े प्राकृतिक तेलों को बनाए रखता है, जिससे त्वचा और बाल स्वस्थ हो सकते हैं.
मांसपेशियों की रिकवरी: ठंडे पानी से नहाने से व्यायाम के बाद दर्द कम होता है, जो ठंडे संपीड़न चिकित्सा की तरह काम करता है.
ठंडे पानी से नहाने के जोखिम
जिन लोगों को ब्लड प्रेसर और हार्ट से संबंध रोग हों में उन्हें ठंडे पानी से नहाने से दूर रहना चाहिए. इससे रक्तचाप में वृद्धि और स्ट्रोक या दिल के दौरे जैसी जोखिम हो सकते हैं. अक्सर ठंड के मौसम में बहुत ठंडा पानी बदन पर डालने से शरीर शॉक की स्थिति में भी आ जाता है. इसलिए कमजोर इम्यून पॉवर वाले लोगों को ठंडे पानी से नहाने की सलाह नहीं दी जाती.
हाइपोथर्मिया का जोखिम- ठंडे पानी के संपर्क में लंबे समय तक रहने से शरीर का तापमान खतरनाक रूप से कम हो सकता है, खासकर ठंडी जलवायु में, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है. जो बहुत घातक साबित हो सकता है.
किन देशों में ठंडे पानी से नहाने की परंपरा
स्वीडन –“कल्लबद” के नाम से जाना जाने वाला ठंडा स्नान स्वीडन में एक लंबे समय से स्थापित परंपरा है. लोग अक्सर समुद्र तट और झीलों के किनारे ठंडे स्नान घरों में जाते हैं, खासकर सर्दियों के दौरान. इस अभ्यास को अक्सर स्वास्थ्य लाभ और रिलैक्स के लिए सौना सत्रों के साथ जोड़ा जाता है.
फ़िनलैंड –फ़िनलैंड में, ठंडे पानी में डुबकी लगाने का अभ्यास आमतौर पर सौना के उपयोग के साथ किया जाता है. फ़िनिश सौना संस्कृति दैनिक जीवन का अभिन्न अंग है. कई लोग गर्म सौना और झीलों या बर्फ के स्नान में ठंडे पानी में डुबकी लगाने के बीच बारी-बारी से काम करते हैं.
डेनमार्क –डेनमार्क में ठंडे पानी में डुबकी लगाने की लोकप्रियता बढ़ गई है, जहां सर्दियों में नहाने वाले क्लबों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. कई डेन समुद्र या बंदरगाहों में ठंडे पानी में डुबकी लगाते हुए सामाजिकता का आनंद लेते हैं, अक्सर सौना में गर्म होने के बाद.
आइसलैंड –आइसलैंडवासी ठंडे पानी में स्नान भी करते हैं, विशेष रूप से प्राकृतिक गर्म झरनों में और उसके बाद झीलों या समुद्र में ठंडे पानी में डुबकी लगाते हैं. यह प्रथा वाइकिंग परंपराओं में रही है. रूस में भी इसकी परंपरा रही है.
मोटे तौर पर ठंडे पानी से नहाने के फायदे
– ठंडा पानी शरीर की सतह पर रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ता है, जिससे खून तेजी से प्रवाहित होने लगता है. इससे शरीर का उचित तापमान बनाए रखने में मदद मिलती है.
– ठंडे पानी से स्नान करने से धमनियों को मजबूत करने और रक्तचाप कम करने में मदद मिल सकती है
– जो लोग ठंडे पानी से नहाना पसंद करते हैं, उनमें श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या अधिक होती है तो इम्यून पॉवर बढ़ जाता है
– ठंडे पानी से नहाने से मांसपेशियों के दर्द से राहत मिल सकती है।
– ठंडे पानी में नहाने पर आप गहरी सांस लेते हैं, इससे ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है
– त्वचा के ठंडे रिसेप्टर्स पर ठंडे पानी के प्रभाव से मस्तिष्क में बड़ी संख्या में विद्युतीय आवेग उत्पन्न होते हैं, जो अवसाद को दूर करते हैं.
– ठंडा पानी तनाव कम करने में मदद कर सकता है
– ठंडे पानी से नहाने से रोमछिद्र और क्यूटिकल्स कस जाते हैं, जिससे वे बंद होने से बच जाते हैं
– एंडोर्फिन में वृद्धि होती है, जिससे मूड अच्छा हो जाता है
– ठंडा तापमान भूरे रंग की वसा को सक्रिय करता है, जो वयस्कों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है
– सामान्य बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. ठंडा पानी ल्यूकोसाइट्स को उत्तेजित करता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं.
FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 14:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed