बीकॉम के बाद CA बनी लड़की पलटी ऐसी किस्मत एक झटके में बनाए 149 करोड़
बीकॉम के बाद CA बनी लड़की पलटी ऐसी किस्मत एक झटके में बनाए 149 करोड़
Success Story, Zomato co founder Akriti Chopra: अगर आप किसी कंपनी में 13 साल का लंबा वक्त गुजार दें, उस कंपनी ने आपको लखपति से करोड़पति बनाया हो, देश-दुनिया में इज्जत और शोहरत दी हो, ऐसे में उससे नाता तोड़ना इतना आसान नहीं होता. यह कहानी एक ऐसी ही लड़की की है.
Success Story, Zomato co founder Akriti Chopra: दिल्ली में पली-बढ़ी इस लड़की ने सिंपल बीकॉम किया, उसके बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गई. जब जिंदगी में आगे बढ़ी तो एक ऐसा ऑफर आया जो एक स्टार्टअप था. अच्छी जमी-जमाई नौकरी छोड़कर जब स्टार्टअप में जाने का मन बनाया तो घरवालों से काफी जद्दोजहद करनी पड़ी और उसने इस स्टार्टअप को ज्वाइन कर लिया. 13 साल के सफर में उस स्टार्टअप में वह को-फाउंडर तक बन गई, लेकिन अब उसने उसे अलविदा कह दिया, जिसे सुनकर हर कोई चौंक गया.
जी हां, यह कहानी है ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) की को-फाउंडर आकृति चोपड़ा की. आकृति ने अब जोमैटो से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद वह चर्चा में हैं. भले ही आकृति आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, लेकिन वह भी किसी जमाने में एक सामान्य स्टूडेंट की तरह ही थीं. आकृति चोपड़ा की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से ही हुई है. उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से पूरी की. इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई लेडी श्री राम कॉलेज से की, जहां से उन्होंने बीकॉम किया. इसके बाद आकृति चोपड़ा ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) से चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई की. वह PwC में एक आर्टिकल्ड असिस्टेंट के रूप में नौकरी भी करने लगीं.
नौकरी छोड़कर जोमैटो ज्वाइन किया
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) के तौर पर आकृति का काम अच्छा चल रहा था. उनकी नौकरी अच्छी चल रही थी कि इसी बीच उनको जोमैटो से ऑफर आ गया. उस समय जोमैटो एकदम शुरुआती स्टेज में था. ऐसे में एक जमी-जमाई नौकरी छोड़कर जोमैटो ज्वाइन करने का फैसला काफी रिस्क भरा था. इसको लेकर आकृति को उनके परिजनों के विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने माता-पिता को काफी समझा-बुझाकर मना लिया. उन्होंने अपने पैरेंट्स को बताया कि वह जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहती हैं.
2011 में ज्वाइन किया जोमैटो
आकृति चोपड़ा ने वर्ष 2011 में जोमैटो ज्वाइन किया. उन्होंने जोमैटो में सीनियर मैनेजर, फाइनेंस और ऑपरेशंस के पद पर ज्वाइन किया. आकृति ने जोमैटो के वित्तीय व्यवस्था को बढ़ाने में काफी अहम भूमिका निभाई. इसके बाद वह कंपनी की चीफ पीपल ऑफिसर (CPO) और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) भी बन गईं. बाद में वह जोमैटो की वाइस प्रेसीडेंट, फाइनेंस भी बनीं.
और को-फाउंडर बन गईं आकृति चोपड़ा
तकरीबन दस साल बाद, वर्ष 2021 में, आकृति चोपड़ा को प्रमोट करके कंपनी की को-फाउंडर बना दिया गया. वह कंपनी की 5वीं को-फाउंडर बन गईं. इसके पहले ज़ोमैटो ने फूड डिलीवरी हेड मोहित गुप्ता और कंपनी के सीओओ गौरव गुप्ता को भी को-फाउंडर के रूप में प्रमोट किया था. तब ज़ोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने कहा था, “आकृति चोपड़ा लगभग एक दशक से यहां हैं और उन्होंने जोमैटो के लिए समर्पित भाव से काम किया है. इन वर्षों में हमने जो उतार-चढ़ाव झेले हैं, उनके दौरान वह जोमैटो के लिए सबसे मजबूत स्तंभों में से एक रही हैं.”
आकृति ने जमकर कमाए पैसे
जोमैटो की को-फाउंडर बनने के बाद वर्ष 2021 में आकृति चोपड़ा की सैलरी 1.63 करोड़ रुपये हो गई. उनकी नेटवर्थ तब और बढ़ी जब वर्ष 2021 में जोमैटो का आईपीओ आया. तब कंपनी ने एम्प्लॉयी स्टॉक ऑनरशिप प्लान (ESOPs) के तहत जो शेयर उन्हें दिए थे, उनकी कीमत करीब 149 करोड़ रुपये आंकी गई थी. अब 13 साल बाद उन्होंने कंपनी को अलविदा कह दिया है, जिसे सुनकर हर कोई चौंक गया है. सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर 13 साल बाद उन्होंने कंपनी को बाय क्यों बोल दिया.
Tags: Business news, Delhi School, Education news, Start Up, Success StoryFIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 13:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed