स्कूली बच्ची ने उठाया ऐसा कदम सदमे में माता-पिता सरकार को बदलने पड़े नियम

Mobile Phones in School: गुजरात के सूरत शहर से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां रहने वाली एक स्कूली छात्रा ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठा लिया कि उसकी मां ने उससे मोबाइल फोन ले लिया था. इस दुखद मामले के चलते गुजरात सरकार स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है.

स्कूली बच्ची ने उठाया ऐसा कदम सदमे में माता-पिता सरकार को बदलने पड़े नियम
नई दिल्ली (Mobile Phones in School). आज के डिजिटल युग में हर हाथ में मोबाइल फोन होना आम बात है. बच्चे हों या बुजुर्ग, सभी दिन-रात मोबाइल फोन चलाते हुए नजर आते हैं. ज्यादातर स्कूल अब बच्चों का होमवर्क तक मोबाइल पर ही भेजने लगे हैं. इस स्थिति के चलते स्कूली बच्चों में मोबाइल फोन की बढ़ती हुई लत देखी जा रही है. हाल ही में गुजरात के सूरत शहर में रहने वाली 14 साल की एक बच्ची ने आत्महत्या कर ली. इसका कारण भी मोबाइल फोन बताया जा रहा है. यह बच्ची गुजरात के सूरत शहर में स्थित स्कूल में 8वीं क्लास की छात्रा थी. इसकी मां ने बच्ची से कुछ देर के लिए मोबाइल फोन मांगा तो वह इतना नाराज हो गई कि उसने मौत को गले लगा लिया. बच्ची की इस हरकत से उसके माता-पिता सदमे में हैं. मोबाइल के चक्कर में खुदकुशी के इस मामले ने हर किसी को हैरान कर दिया है. इस मामले को देखते हुए गुजरात सरकार राज्य के स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है. Mobile Phones Ban: सख्ती से लागू होगा मोबाइल बैन का नियम गुजरात के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पंसेरिया ने सूरत की घटना पर दुख जताया है. परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए वह राज्य में नया नियम लागू करने पर विचार कर रहे हैं. गुजरात शिक्षा विभाग राज्य के सभी स्कूलों में मोबाइल ले जाने पर बैन लगाने की योजना बना रहा है. इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा. उन्होंने सभी माता-पिता से अनुरोध किया कि वह छोटे बच्चों को कम उम्र में स्मार्टफोन न दें. इसके साथ ही शिक्षकों को भी स्कूल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने का सुझाव दिया है. यह भी पढ़ें- यूपी, दिल्ली से लेकर बिहार और राजस्थान तक, इन जिलों में बंद रहेंगे स्कूल Mobile Phones Addiction: रेड सिग्नल है मोबाइल की लत बच्चों में मोबाइल फोन की लत ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. गुजरात का यह मामला बानगी मात्र है. कई स्कूलों में मोबाइल फोन ले जाने की मनाही नहीं है. बच्चे पढ़ाई करते हुए भी बीच-बीच में फोन पर नोटिफिकेशन चेक करते रहते हैं. सिर्फ यही नहीं, ऐसे भी कई मामले देखे गए, जिनमें बच्चों ने गेम खेलते हुए खौफनाक कदम उठा लिया. अगर आपका बच्चा भी दिन-रात मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है तो इसे रेड सिग्नल मानते हुए उसे समझाएं और जरूरत पड़े तो काउंसलिंग का सहारा लें. Mental Health Helpline Numbers: आत्महत्या का ख्याल आने पर क्या करें? सुसाइडल थॉट्स यानी आत्महत्या का ख्याल आने पर व्यक्ति कभी-कभी खुद को बचाने की भी कोशिश करता है. स्ट्रेस या डिप्रेशन के लक्षण महसूस होने पर मदद के लिए कुछ एनजीओ या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं- 1. लिव लव लाफ (Live Love Laugh): 080-23655557 2. Free 24*7 Mental Health Helpline Number: 9999666555 3. KIRAN: 24/7 टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019 4. सुमैत्री: 011-23389090, 01146018404 और 9315767849 5. टेलीमानस: 1-8008914416 सोमवार से शुक्रवार (दोपहर 2 से रात 10 बजे तक और शनिवार-रविवार को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक. (डिस्क्लेमर: अगर आपके आस-पास कोई शख्‍स ड‍िप्रेशन में है और आपको लगता है कि उसके मन में खुद को नुकसान पहुंचाने का व‍िचार आ रहा है या कोई खुद को नुकसान पहुंचाने की कोश‍िश कर रहा है तो आप 9152987821 हेल्‍पलाइन नंबर पर फोन कर तुरंत जानकारी दे सकते हैं, ताक‍ि एक कीमती जीवन को बचाया जा सके) Tags: Mobile Phone, School student suicide, Suicide CaseFIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 09:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed