यह घोड़े के आगे गाड़ी रखने जैसा तुषार मेहता ने SC में क्यों दी यह दलील
यह घोड़े के आगे गाड़ी रखने जैसा तुषार मेहता ने SC में क्यों दी यह दलील
Delhi Liquor Scam: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के कथित शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं. सीएम केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसपर सुनवाई चल रही है.
नई दिल्ली. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CM अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव-2024 में प्रचार करने के लिए उन्हें 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. फिलहाल वह जमानत पर जेल से बाहर हैं. सीएम केजरीवाल ने ED द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उनकी याचिका पर शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है. पिछले दिनों हुई सुनवाई के दौरान ED की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एएसजी एसवी राजू ने जांच एजेंसी का पक्ष रखा.
सीएम केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में जोरदार दलील दी. तुषार मेहता ने कहा, ‘गिरफ्तारी के समय जांच अधिकारी (IO) को इस बात का ध्यान रखना होता है कि उसके पास विशेष मामले को लेकर मैटेरियल (गिरफ्तारी के समर्थन में तथ्य) है या नहीं. जैसे इस मामले में 100 करोड़ रुपये का घूस लेने के संबंध में पर्याप्त तथ्य हैं या नहीं. गिरफ्तारी के समय हर साक्ष्य (सकारात्मक या नकारात्मक) पर विचार करने के लिए कहना ठीक वैसे ही है जैसे घोड़े के आगे गाड़ी को रख देना.’ दरअसल, बचाव पक्ष की ओर से गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त साक्ष्य न होने का दावा किया गया है. एसजी तुषार मेहता ने बचाव पक्ष की दलील को अपने तर्क से खारिज करने की कोशिश की.
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‘पॉलिटिकल फंडिंग नहीं, भ्रष्टाचार’
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील को आगे बढ़ाते हुए सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच के समक्ष कहा कि इस मामले (शराब घोटाला) में की गई लेनदेन कतई राजनीतिक चंदा नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार द्वारा अर्जित धन है. दूसरी तरफ् एएसजी एसवी राजू ने ईडी की तरफ से बहस को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने लिकर लॉबी के लोगों से मुलाकात की थी. यह मुलाकात चैरिटेबल इरादे से नहीं हुई थी. इस दौरान ईडी ने आम आदमी पार्टी की तुलना कंपनी से करने की कोशिश की ताकि सीएम केजरीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून की धारा 70 को अमल में लाया जा सके. जांच एजेंस ने कोर्ट के समक्ष दी कि पीएमएलए के तहत जांच अधिकारी को गिरफ्तारी आदेश में गिरफ्तारी के समर्थन में मौजूद हर मैटेरियल/साक्ष्य को बताने की जरूरत नहीं है.
केजरीवाल के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा
जांच एजेंसी ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली शराब नीति (अब निरस्त) के माध्यम से 100 करोड़ रुपये घूस के तौर पर मांगने को लेकर उसके पास सीधा सबूत है. एएसजी एसवी राजू ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ को बताया कि ईडी अपराध द्वारा अर्जित राशि के मूल्य के बराबर संपत्ति कुर्क करने पर भी विचार कर रही है. जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल को राजनीतिक मंशा के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया. एएसजी राजू ने कोर्ट को बताया कि 100 करोड़ रुपये मांगने को लेकर उसके पास सबूत हैं. साथ ही इस बात जुड़े मैटेरियल भी हैं कि इतनी बड़ी मात्रा में राशि जेनरेट की गई और उसे चुनाव प्रचार के लिए गोवा भेजा गया.
Tags: CM Arvind Kejriwal, Delhi liquor scam, Directorate of Enforcement, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 08:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed