WhatsApp को Delhi HC ने दिया झटका कहा- यूजर्स को प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने को कंपनी करती है मजबूर
WhatsApp को Delhi HC ने दिया झटका कहा- यूजर्स को प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने को कंपनी करती है मजबूर
WhatsApp new user policy: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में खामियां निकालते हुए कहा कि यह यूजर्स को "स्वीकार करो या जाओ" स्थिति में डाल देता है. इसके साथ ही ग्राहक के लिए उपलब्ध विकल्प केवल "भ्रम" है. साथ ही यूजर्स विकल्प की कमी के कारण समझौता करने के लिए एक तरह से मजबूर हो जाते हैं.
हाइलाइट्सदिल्ली हाई कोर्ट ने कहा वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी यूजर्स को "स्वीकार करो या जाओ" स्थिति में डाल देता है.वॉट्सऐप की 2021 यूजर पॉलिसी के लिए कोर्ट का यह बड़ा झटका है.हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने CCI के निर्देश से शुरू हुई जांच को रोकने के लिए पिछले साल अप्रैल में इनकार कर दिया था.
नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में खामियां निकालते हुए कहा कि यह यूजर्स को “स्वीकार करो या जाओ” स्थिति में डाल देता है. इसके साथ ही ग्राहक के लिए उपलब्ध विकल्प केवल “भ्रम” है. साथ ही यूजर्स विकल्प की कमी के कारण समझौता करने के लिए एक तरह से मजबूर हो जाते हैं. वॉट्सऐप की 2021 यूजर पॉलिसी के लिए कोर्ट का यह बड़ा झटका है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐप की नई पॉलिसी पर आई रिपोर्टों के कारण नई प्राइवेसी पॉलिसी संदेह के घेरे में आ गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अपने यूजर्स का डेटा अपनी पैरेंट कंपनी फेसबुक के के साथ साझा करेगा. इस पॉलिसी को नहीं स्वीकार करने वाले यूजर्स के अकाउंट को वॉट्सऐप डिलीट नहीं करेगा लेकिन यूजर्स कुछ हफ्तों के बाद इनकमिंग कॉल या मैसेज प्राप्त नहीं कर पाएंगे. हालांकि मैसेज और कॉल का एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन बना रहेगा.
मुख्य न्यायाधीश एससी शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने शुक्रवार को 49 पन्नों में अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि यह मामला में प्रथम दृष्टया अपने यूजर्स पर अनुचित नियम और शर्तों को लागू करने के बराबर है. बेंच ने कहा कि 22 अप्रैल 2021 को सुनाया गया एकल बेंच का फैसला उचित था.
कोर्ट ने कहा कि “स्वीकार करो या जाओ” विकल्प ने सीसीआई को निष्कर्ष पर पहुंचाया था कि 2016 की नीति प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उल्लंघन नहीं करती थी. लेकिन 2021 की नीति प्रमुख मुद्दों में से एक वॉट्सऐप की मूल कंपनी फेसबुक के साथ अपने यूजर्स के डेटा को साझा करने की प्रवृत्ति है.
हाई कोर्ट ने कहा वॉट्सऐप बाजार में एक प्रमुख स्थान रखता है. इसमें एक मजबूत लॉक-इन प्रभाव मौजूद है जो अपने यूजर्स को इससे असंतोष के बावजूद दूसरे प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित होने में असमर्थ बनाता है.
मालूम हो कि हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने CCI के निर्देश से शुरू हुई जांच को रोकने के लिए पिछले साल अप्रैल में इनकार कर दिया था. इसके साथ ही फेसबुक जो अब मेटा कंपनी है की याचिकांए खारिज कर दी थी. गौरतलब है कि CCI ने वॉट्सऐप की 2021 की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर स्वत: संज्ञान लेकर पिछले साल जनवरी में जांच करने का फैसला लिया था.
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Tags: DELHI HIGH COURT, Whatsapp, Whatsapp New Privacy PolicyFIRST PUBLISHED : August 27, 2022, 15:23 IST