दिल्ली के AQI में सुधार मगर दिवाली और नवंबर का पहला हफ्ता पड़ सकता है भारी

Delhi AQI: दिल्ली में फिलहाल जहरीले धुंए से राहत है. मगर दिवाली पर पटाखे और नवंबर के पहले हफ्ते में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ सकती हैं. इससे दिल्ली को दम एक बार फिर से घुट सकता है.

दिल्ली के AQI में सुधार मगर दिवाली और नवंबर का पहला हफ्ता पड़ सकता है भारी
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों ने मंगलवार को एयर क्वालिटी में बड़ा सुधार देखा. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गिरकर 268 (खराब) पर आ गया. मगर यह राहत लंबे समय तक नहीं रह सकती है. क्योंकि पटाखों और पराली की आग के कारण दिवाली के आसपास जहरीला स्मॉग गंभीर स्तर तक बिगड़ने का अनुमान है. आईआईटीएम, पुणे के ताजा पूर्वानुमान से पता चलता है कि AQI सोमवार को 304 (बहुत खराब) से गिरकर अगले दिन 268 (खराब) हो गया. फिलहाल ये 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को ‘400’ के गंभीर स्तर को पार कर सकता है. इसका कारण है कि दिल्ली के आसपास हवाएं कमजोर हैं और महज 4 से 8 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही हैं. इसके साथ ही रात में हवा की रफ्तार नाटकीय रूप से कम हो रही है. दिन का तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है. तापमान में साल के इस समय में उम्मीद के मुताबिक गिरावट नहीं आई है. SAFAR (वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली) के पूर्व संस्थापक-निदेशक प्रोफेसर गुफरान बेग ने एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि जब मौसम ठंडा होता है, तो वायुमंडल की ऊपरी परत नीचे उतर जाती है.ये वेंटिलेशन गुणांक को भी घटाती है. ये वह दर है जिस दर पर प्रदूषक फैलते हैं. पटाखों से फैलेगा प्रदूषण इसलिए अगर ऐसा होता है, तो यह दिल्ली के लिए विनाशकारी हो सकता है. ताजा मौसम पूर्वानुमान 2 नवंबर के बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट और शांत हवाओं का संकेत देते हैं. उन्होंने कहा कि अगर पिछले साल की तरह पटाखे फोड़ना जारी रहा, तो दिल्ली के निवासियों को 1 नवंबर की आधी रात से बहुत कठिन हालात का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि यह अस्थायी रूप से प्रदूषक के स्तर को बढ़ा सकता है. Sharda Sinha Chhath Puja Song: एम्स में भर्ती शारदा सिन्हा का आया छठ सॉन्ग, रिलीज होते ही झूम उठा बिहार पराली जलाने की घटनाओं में गिरावट सभी के लिए राहत की बात यह है कि 2021 के बाद से पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं. पंजाब में 15 सितंबर से केवल 2,356 आग की घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि पिछले खरीफ सीजन में 5,254 घटनाएं दर्ज की गई थीं. प्रोफेसर बेग ने कहा कि पराली जलाने के चरम दिन अभी आने बाकी हैं, जो आम तौर पर नवंबर के पहले दो हफ्ते होते हैं. इसलिए, अगर ऐसा होता है तो हवा में पीएम 2.5 की बड़ी मात्रा आ सकती है. दिल्ली में पीएम10 की बड़ी मात्रा के लिए सड़क की धूल अभी भी जिम्मेदार है. Tags: Air pollution, Air Pollution AQI Level, Air pollution delhi, Air Pollution Red ZoneFIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 16:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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