कौन हैं कैप्‍टन रीना वर्गीज ज‍िनकी बहादुरी की हो रही चर्चा घायल कमांडो बचाया

Daring Captain Reena Varughese: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में माओवादियों की भीषण गोलीबारी के बीच महिला हेलीकाप्टर पायलट कैप्टन रीना वर्गीज ने अद्भुत बहादुरी की प्रदर्शन किया. उन्होंने माओवादियों की घेराबंदी के बीच से एक घायल सी-60 कमांडों को निकाला.

कौन हैं कैप्‍टन रीना वर्गीज ज‍िनकी बहादुरी की हो रही चर्चा घायल कमांडो बचाया
नागपुर. कैप्टन रीना वर्गीज 2009 में एक नौसिखिया पायलट थीं, जब माओवादियों ने महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में फैले ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी’ (पीएलजीए) मुख्यालय अबूझमाड़ के किनारे लाहेरी में वरिष्ठ पुलिस और मतदान अधिकारियों को ले जा रहे हेलीकॉप्टर को मार गिराया था. पंद्रह साल बाद, वर्गीज को पता था कि वह क्या करने जा रही हैं. जब उनका 13-सीटर डॉफिन-एन पवन हंस हेलीकॉप्टर गढ़चिरौली से उड़ान भरकर 100 किलोमीटर दूर माओवादी गढ़ में पहुंचा. कैप्टन वर्गीज और उनके दल ने सोमवार को पीएलजीए अड्डे की आठ घंटे की घेराबंदी के बीच एक घायल सी-60 कमांडो को बचाने के लिए मोर्टार हमले का जोखिम उठाने का साहस किया, जो उस ऑपरेशन का निर्णायक क्षण था, जिसमें पांच माओवादी मारे गए. हेलीकॉप्टर पायलट कैप्टन रीना वर्गीज को उच्च जोखिम वाले इलाकों में बचाव के कामों का अनुभव था. सूत्रों ने बताया कि कैप्टन वर्गीज छाया में रहना पसंद करती हैं. वो जानती थीं कि चट्टानी, जंगली इलाके में उतरना असंभव था. अपने सह-पायलट को कमान सौंपते हुए, उन्होंने धूल के गुबार के बीच जमीन से 11 फीट ऊपर मंडराते हेलिकॉप्टर से छलांग लगा दी. हेलीकॉप्टर एक आसान शिकार माओवादियों के लिए हेलीकॉप्टर एक आसान शिकार था. जिनके पास हवाई हमलों का मुकाबला करने के लिए मानव रहित ड्रोन का बेड़ा है. लेकिन वर्गीज और चालक दल ने वह कर दिखाया जो असंभव लग रहा था. उन्होंने घायल सी-60 कमांडो को सुरक्षित निकाला, जो तीन गोलियां लगने के बाद तीन घंटे तक खून से लथपथ पड़ा रहा. घट गई 1 करोड़ आबादी… जनसंख्या को कोसते हैं भारतीय, उधर इंसान के लिए तरस रहा यूक्रेन वर्गीज ने किया माओवादियों की चुनौती का सामना एक सूत्र ने बताया कि ‘छत्तीसगढ़ के जगदलपुर, सुकमा और चिंतागुफा के माओवादी-प्रभावित इलाकों सहित उच्च जोखिम वाले इलाकों में बचाव और निकासी में अपने अनुभव से, वर्गीज ने चुनौती का सामना करने में अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन किया.’ घायल कमांडो को 30 मिनट के भीतर गढ़चिरौली ले जाया गया, जहां से उसे नागपुर के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां मंगलवार शाम तक उसकी हालत स्थिर बताई गई. वर्गीज ने पायलट बनने की ट्रेनिंग से पहले एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी. कोविड महामारी के दौरान वो लक्षद्वीप द्वीप समूह से कोविड रोगियों को कोच्चि लाने के लिए पवन हंस ऑपरेशन का हिस्सा थीं. Tags: Naxal, Naxal affected area, Naxal terror, Naxalites newsFIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 15:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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