हमें मोहरे की तरह इस्‍तेमाल किया जा रहा फिर हाईकोर्ट ने दे दिया बड़ा आदेश

MCD News: दिल्‍ली हाईकोर्ट 20 वर्षीय एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पहाड़गंज में जमीन पर किए जा रहे अवैध और अनधिकृत निर्माण को रोकने और उसे ध्वस्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.

हमें मोहरे की तरह इस्‍तेमाल किया जा रहा फिर हाईकोर्ट ने दे दिया बड़ा आदेश
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्‍ली में अवैध कब्‍जे और अवैध निर्माण का मसला अक्‍सर उठता रहता है. नगर निगम और अन्‍य सरकारी संस्‍थाओं की ओर से समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती रही है, लेकिन यह समस्‍या खत्‍म नहीं हुई है. दिल्‍ली हाईकोर्ट ने दिल्‍ली में अवैध कब्‍जे को लेकर MCD को खरी-खोटी सुनाई है. साथ ही सीधी चेतावनी देते हुए अवैध कब्‍जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही इस रैकेट में शामिल अधिकारियों पर भी एक्‍शन लेने को कहा है. हाईकोर्ट ने कहा कि हमलोग अजीब स्थिति में फंस गए हैं. अगर हम कार्रवाई करते हैं, तो वे संपत्ति के मालिक से पैसे ऐंठने लगते हैं और यदि हम कार्रवाई नहीं करेंगे तो अनधिकृत निर्माण बना रहेगा. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अदालतों का इस्‍तेमाल मोहरे की तरह किया जा रहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में अवैध और अनधिकृत निर्माणों को लेकर MCD आयुक्त को फटकार लगाई और कहा कि इस प्रक्रिया में अदालतों का इस्तेमाल मोहरों के तौर पर किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ का एक कारण यह है कि अनधिकृत निर्माण के कारण पानी की निकासी अवरुद्ध हो गई है. कोर्ट ने नगर निगम प्रमुख से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि उसने देखा है कि कुछ वकील भी अनधिकृत निर्माण के मामलों में डर दिखाकर पैसा ऐंठ रहे हैं और अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जा रहा है. ‘अबला नारी से आपकी तुलना नहीं की जा सकती’, के. कविता ने क्‍या कहा कि हाईकोर्ट ने एक झटके में खारिज कर दी याचिका MCD कमिश्‍नर को सीधा आदेश हाईकोर्ट की पीठ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त से कहा, ‘हमें इस पूरे मामले में मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. हम इस मिलीभगत को खत्म करना चाहते हैं. यह एक बड़ा गठजोड़ है. व्यवस्था ध्वस्त हो रही है. आप कुछ करें और अपने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.’ हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने एमसीडी के आयुक्त अश्विनी कुमार को कार्रवाई करने का आदेश दिया है. पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता और एमसीडी के अधिकारी अपने परोक्ष उद्देश्यों और धन उगाही के लिए अदालतों का स्‍ट्रैटजिक टूल के रूप में इस्‍तेमाल कर रहे हैं. प्रोफेशनल लोग अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ कई याचिकाएं दायर कर रहे हैं. हम एक अजीब स्थिति में फंस गए हैं. अगर हम कार्रवाई करते हैं, तो वे संपत्ति के मालिक से पैसे ऐंठने लगते हैं. अगर हम कार्रवाई नहीं करेंगे तो अनधिकृत निर्माण बना रहेगा.’ ‘अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं’ अदालत ने आगे कहा, ‘दिल्ली में बाढ़ इसलिए आई क्योंकि पानी के निकलने का रास्‍ता अवरुद्ध हो गए हैं. नालियां जाम हो गई हैं. यह अनधिकृत निर्माणों के कारण हुआ है. सरकारी जमीन और नालों पर मकान और इमारतें बना दी गई हैं, जिससे पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है.’ कोर्ट ने शहर में हो रहे अनधिकृत निर्माणों के प्रति आंखें मूंद लेने के लिए एमसीडी अधिकारियों पर सवाल उठाया और कहा कि यह अफसरों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है. पीठ द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब देते हुए आयुक्त ने अदालत को आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. दिल्‍ली हाईकोर्ट 20 वर्षीय एक महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पहाड़गंज में जमीन पर किए जा रहे अवैध और अनधिकृत निर्माण को रोकने और उसे ध्वस्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi MCD, Delhi newsFIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 21:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed