दिल्ली में एक मंजिल और ऊंचा बना सकेंगे मकान एमसीडी ने दी अनुमति
दिल्ली में एक मंजिल और ऊंचा बना सकेंगे मकान एमसीडी ने दी अनुमति
अब दिल्ली के रिहायशी इलाकों में एक मंज़िल का और इजाफा हो सकेगा जिससे आवास की समस्या कुछ हद तक सफल भी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय के अनुसार जो भवन 15 मीटर तक हैं और जिनमें भवन सेफ्टी के पूरे प्रबंध नियम के अनुसार किए गये हैं, ऐसे सभी भवनों को भी इस निर्णय की परिधि के दायरे में लाकर लाभ देना भी उचित होगा.
नई दिल्ली. दिल्ली में अब रिहायशी भवन बनाने को लेकर दिल्ली नगर निगम ने हाल ही में नए नियमों को अनुमति दी है. इससे लोग मकान में एक मंजिल और बढ़ा सकेंगे. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने इस फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी का आभार व्यक्त किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि जिस अनुपात में दिल्ली की आबादी में वृद्धि हो रही है उसमें जरूरी था कि रिहायशी भवनों की ऊंचाई जो अभी तक 15 मीटर ही थी, उसमें वृद्धि की जाये.
खंडेलवाल और जेट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने इस निर्णय को दिल्लीवासियों के हित में एक बड़ा कदम बताते हुए कहा कि इससे दिल्ली में अधिकृत निर्माण को निश्चित रूप से बढ़ावा मिलेगा और अब दिल्ली के रिहायशी इलाकों में एक मंज़िल का और इजाफा हो सकेगा जिससे आवास की समस्या कुछ हद तक सफल भी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय के अनुसार जो भवन 15 मीटर तक हैं और जिनमें भवन सेफ्टी के पूरे प्रबंध नियम के अनुसार किए गये हैं, ऐसे सभी भवनों को भी इस निर्णय की परिधि के दायरे में लाकर लाभ देना भी उचित होगा.
खंडेलवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग और तोड़ फोड़ से बचाने के लिए एक कट ऑफ डेट के साथ एक एमनेस्टी स्कीम भी देनी चाहिए जिससे दशकों पुरानी दुकानों को बचाया जा सके और भविष्य के लिए कानून पर अमल कठोरता से लागू हो. उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2008 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा था कि सरकारी एजेंसियां दिल्ली में 40 सालों में केवल 16 फीसदी कमर्शियल स्थान बना पाई जबकि दिल्ली की लगातार बढ़ती आबादी की जरूरतों की पूर्ति के लिए बाकी 84 फीसदी व्यापारिक स्थल व्यापारियों ने अपनी मेहनत और स्वयं के आर्थिक योगदान से बनाए. इस दृष्टि से व्यापारियों का हक बनता है कि जिस प्रकार से 1700 अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया गया, उसी आधार पर दिल्ली के व्यापारियों को वन टाइम एमनेस्टी स्कीम दी जाये.
गौरतलब है कि ऐसे सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए व्यापारियों ने पिछले अनेक दशकों से प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली एवं पानी का बिल तथा अन्य सरकारी टैक्स कमर्शियल दर पर चुकायें हैं.
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Tags: Delhi news, HouseFIRST PUBLISHED : November 10, 2022, 18:25 IST