केजरीवाल को अंतरिम जमानत ने देने के एक-एक कर ED ने बताए 5 बड़े कारण
केजरीवाल को अंतरिम जमानत ने देने के एक-एक कर ED ने बताए 5 बड़े कारण
Arvind Kejriwal News: ईडी ने कहा कि किसी भी राजनेता को आम आदमी से अधिक अधिकार नहीं मिल सकते. PMLA के तहत कई नेता जेल में हैं वो सभी भी इसी कारण अंतरिम ज़मानत मांगने लगेंगे. एजेंसी ने यह भी कहा कि वोट देना अधिकार होता है, लेकिन न्यायिक हिरासत में वोट देने तक का अधिकार नहीं होता.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक है और न ही संवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक नए हलफनामे में ईडी ने कहा कि किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए कभी भी अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव न लड़ रहा हो.
1- सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने कहा कि यह ध्यान रखना प्रासंगिक है कि चुनाव प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है, न ही संवैधानिक अधिकार और न ही कानूनी अधिकार है.
2- एजेंसी ने कहा कि उसकी जानकारी के अनुसार, किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार न हो. यहां तक कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को भी अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है, अगर वह अपने चुनाव प्रचार के लिए हिरासत में है.
3- ईडी ने अपने हलफनामे में कहा, पिछले 5 साल में देश भर में कुल 123 चुनाव हुए है. अगर चुनाव में प्रचार के आधार पर नेताओं को जमानत दी जाने लगी तो न तो कभी किसी नेता हो गिरफ्तार किया जा सकेगा और न ही उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकेगा, क्योंकि देश मे हमेशा कोई न कोई चुनाव होता रहता है. राजनेताओं ने न्यायिक हिरासत में चुनाव लड़ा है और कुछ ने जीत भी हासिल की है, लेकिन उन्हें इस आधार पर कभी अंतरिम जमानत नहीं दी गई.
4- जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अंतरिम जमानत से एक मिसाल कायम होगी, जिससे सभी आरोपी राजनेताओं को चुनाव की आड़ में अपराध करने और जांच से बचने का मौका मिलेगा.
5- ईडी ने कहा कि किसी भी राजनेता को आम आदमी से अधिक अधिकार नहीं मिल सकते. PMLA के तहत कई नेता जेल में हैं वो सभी भी इसी कारण अंतरिम ज़मानत मांगने लगेंगे. एजेंसी ने यह भी कहा कि वोट देना अधिकार होता है, लेकिन न्यायिक हिरासत में वोट देने तक का अधिकार नहीं होता.
इस मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने बुधवार को कहा था कि हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश (जमानत पर) सुनाएंगे. गिरफ्तारी को चुनौती देने से संबंधित मुख्य मामले पर भी उसी दिन सुनवाई होगी. आम आदमी पार्टी (आप) नेता को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
7 मई को, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को आप नेता की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं है और ईडी के पास ‘बहुत कम विकल्प’ बचे हैं, क्योंकि वह बार-बार समन का जवाब नहीं दे रहे हैं और जांच में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं.
यह मामला दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए अब रद्द कर दी गई आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है.
Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Directorate of EnforcementFIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 20:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed