CJI चंद्रचूड़ की बेंच में नहीं टिकी कपिल सिब्बल की दलील तुरंत हटाने को तैयार
CJI चंद्रचूड़ की बेंच में नहीं टिकी कपिल सिब्बल की दलील तुरंत हटाने को तैयार
RG Kar Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. हर तरफ से दबाव बढ़ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ऐसी स्कीम लेकर आई, जिसपर कपिल सिब्बल जैसे धाकड़ वकील भी सुप्रीम कोर्ट में इसका बचाव नहीं कर सके.
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले के बाद प्रदेश की ममता सरकार को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले पर सुनवाई शुरू की है. कोर्ट में ममता बनर्जी की सरकार को उस समय बड़ा झटका लगा जब CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘रात्रि स्कीम’ में कई खामियां निकाल दीं. पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रख रहे सीनियर वकील कपिल सिब्बल भी स्कीम का बचाव नहीं कर सके. शीर्ष अदालत ने जिन प्रावधानों पर सवाल उठाया, सिब्बल उसे तत्काल डिलीट करने पर सहमत हो गए.
दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं और महिला डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड हायर करने की प्लानिंग की थी. ऐसा ‘रात्रि साथी’ स्कीम के तहत करने का फैसला किया गया था. जब यह मामला CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने आई तो सरकार को खूब खरी-खोटी सुननी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने इस स्कीम के लिए पश्चिम सरकार की कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने टिप्पणी किया कि आरजी कर केस में रेप और मर्डर का मुख्य आरोपी संजय रॉय भी वालेंटियर था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘क्या आप फिर से ऐसे ही कॉन्ट्रैक्चुअल लोगों को तैयार करने जा रहे हैं, जिन्हें पुलिस महज 7 दिन की ट्रेनिंग देगी और फिर वह सभी अस्पतालों में घूमता रहेगा?’
कपिल सिब्बल देते रहे दुहाई, CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने एक न सुनी, सुप्रीम कोर्ट का आया बड़ा फैसला
CJI चंद्रचूड़ का राज्य सरकार से सीधा सवाल
मामले की सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने राज्य से स्पष्ट तौर पर पूछा कि महिला डॉक्टरों को किस तरह की सुरक्षा मिलेगी? पश्चिम बंगाल सरकार ने 13 सितंबर को ‘रात्रि साथी’ स्कीम का नोटिफिकेशन जारी किया था. इस योजना के तहत महिला डॉक्टरों के लिए 12 घंटे की ड्यूटी तय कर दी गई थी. साथ ही यह भी प्रावधान किया गया था कि महिला डॉक्टर रात में ड्यूटी नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की इस स्कीम पर गहरी नाराजगी जताते हुए इस पॉलिसी को वापस लेने को कहा.
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल का पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल से सीधा सवाल किया. उन्होंने बहस के दौरान कहा, ‘महिलाएं आपसे रियायत नहीं चाहती हैं. वे सुरक्षित माहौल में काम करने के लिए बराबर का मौका चाहती हैं. आप रात में उन्हें काम करने से क्यों रोकना चाहते हैं?’ सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि ड्यूटी आवर्स तर्कसंगत होना चाहिए. इसमें लिंगभेद नहीं होना चाहिए. साथ कोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार संविधान की ओर से दी गई लैंगिक समानता की गारंटी में बदलाव नहीं कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से उठाए गए सवालों पर कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि इन प्रावधानों को तत्काल हटाया जा रहा है.
Tags: CM Mamata Banerjee, Kapil sibal, National News, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 19:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed