CFC नहीं इस केमिकल से भी हुआ ओजोन परत में छेद स्टडी में नया खुलासा पढ़ें पूरी रिपोर्ट

अध्ययन का नाम आर्कटिक क्लाइमेट (MOSAiC) अभियान है. जिसमें 20 देशों से करीब 100 से ज्यादा वैज्ञानिक इन सवालों का पता लगा रहें थे कि ओजोन परत को क्या सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है और आर्कटिक में परिवर्तनों का क्या कारण रहा है, जिसमें भारत से भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM), Pune) भी शामिल हुआ.

CFC नहीं इस केमिकल से भी हुआ ओजोन परत में छेद स्टडी में नया खुलासा पढ़ें पूरी रिपोर्ट
पृथ्वी की ओजोन परत में छेद की खबर हम बरसों से सुनते आ रहे है और इसका कारण हमने क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) गैस को माना है, लेकिन एक शोध ने एक और चौकाने वाली बात सामने रखी है. वैज्ञानिकों के मुताबिक सीएफसी अकेला नहीं है जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहा है, इसका साथ एक और केमिकल दे रहा है. अध्ययन का नाम आर्कटिक क्लाइमेट (MOSAiC) अभियान है. जिसमें 20 देशों से करीब 100 से ज्यादा वैज्ञानिक इन सवालों का पता लगा रहें थे कि ओजोन परत को क्या सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है और आर्कटिक में परिवर्तनों का क्या कारण रहा है, जिसमें भारत का  भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM), Pune) भी शामिल हुआ है. शोधकर्ताओं की टीम ने मार्च से अक्टूबर 2020 तक उच्च आर्कटिक क्षेत्र में एक जहाज से निगरानी की  और पाया कि आयोडीन वसंत ऋतु में क्षोभमंडल ओजोन के छेद को बढ़ता है. उन्होंने यह दिखाने के लिए एक रासायनिक मॉडल विकसित किया कि आयोडीन और ओजोन के बीच रासायनिक प्रतिक्रियाएं (Chemical Reaction) ओजोन के सतह को नुकसान पहुंचाने दूसरा सबसे बड़ा कारण है. नेचर जियोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पाया कि आयोडीन और ओजोन के बीच रासायनिक प्रतिक्रियाएं ओजोन के सतह को नुकसान पहुंचाने में दूसरा सबसे बड़ा कारण बन रहीं हैं. बता दें कि ओजोन परत, धरती का एक सुरक्षा कवच है. विश्व मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, ओजोन ऑक्सीजन का एक रूप है जिसमें अणु दो के बजाय तीन हैं, इसका रासायनिक फार्मूला O3 होता है, और यह सूर्य से हानिकारक किरणों से हमारी रक्षा करने के लिए एक ढाल के रूप में कार्य करता है. ओजोन परत में मिला ‘बहुत बड़ा’ छेद, स्किन कैंसर, मोतियाबिंद समेत कई बीमारियों का खतरा बढ़ा ओजोन पर क्लोरीन (क्लोरोफ्लोरोकार्बन, सीएफ़सी) और ब्रोमीन (हैलोन) गैसों का हमला हुआ है, जिनका उपयोग बड़े पैमाने पर फ्रीज, कीटनाशकों, सॉल्वैंट्स और आग बुझाने वाले मशीनों में किया जा रहा था जिस कारण ओजोन परत में एक बड़े छेद का विकास हुआ. हालांकि अब इनपर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Ozone, Research, Science News TodayFIRST PUBLISHED : September 16, 2022, 05:00 IST