दलित आरक्षण पर मोदी के हनुमान की बड़ी तैयारी विपक्ष का दांव पड़ेगा उल्टा!
दलित आरक्षण पर मोदी के हनुमान की बड़ी तैयारी विपक्ष का दांव पड़ेगा उल्टा!
दलित आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चिराग पासवान आर या पार के मूड में आ गए हैं. इसके लिए वे विपक्षी सांसदों का साथ लेने के लिए भी तैयार हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दलितों के आरक्षण में डी क्लासिफिकेशन यानी उपवर्गीकरण की अनुमति दी है. इसे लेकर आरक्षण पर एक नया बवाल शुरू होने वाला है. बीजेपी साफ कह चुकी है कि आरक्षण की मूल भावना में कोई बदलाव उसे मंजूर नहीं है. आरक्षण जैसे अभी लागू है, उसी तरह लागू होना चाहिए. कांग्रेस चाहती है कि सरकार एक बिल लाए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज कर दे. लेकिन ये इतना आसान नहीं. इसलिए खुद को ‘मोदी के हनुमान’ कहने वाले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने खास प्लान बनाया है.
चिराग पासवान चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए. इसके लिए वे पहले समर्थन जुटाना चाहते हैं. चिराग सभी दलों का साथ चाहते हैं और यही वजह है कि उन्होंने विभिन्न दलों के दलित वर्ग से आने वाले सांसदों की बैठक बुलाने की तैयारी की है. इस मामले में अगर विपक्षी सांसद उनका साथ देते हैं, तो उसे दलित समर्थक माना जाएगा, लेकिन अन्य जातियां उनसे नाराज हो सकती हैं. इसलिए चिराग के इस कदम को बड़े खेल की तरह देखा जा रहा है. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता पहले ही फैसले से अपनी असहमति जता चुके हैं और कह चुके हैं कि उनकी पार्टी शीर्ष अदालत के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करेगी.
चिराग पासवान ने अनुसूचित जाति के सांसदों के विचार जानने के लिए उनसे संपर्क किया है. क्योंकि उन्हें पता है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का दूर तक असर होगा. लेकिन कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है. इसलिए चिराग पासवान जल्द ही इस पर चर्चा के लिए अनुसूचित जाति के सांसदों की बैठक बुलाने वाले हैं. अब देखा जाना है कि अन्य दलों के सांसदों की इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी.
चिराग पासवान के अलावा मायावती के नेतृत्व वाली बसपा जैसी पार्टियां सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का खुलकर विरोध कर रही हैं. लेकिन बीजेपी के एक अन्य सहयोगी दल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने फैसले की तारीफ की है. उनके मुताबिक, मांझी समुदाय को आरक्षण से मिलने वाले लाभों में ‘बहुत कम प्रतिनिधित्व’ मिला है क्योंकि नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में ज्यादातर पदों पर संपन्न अनुसूचित जाति के समुदाय का कब्जा है. उन्हें और मौका मिलना चाहिए.
Tags: Bihar latest news, Caste Reservation, Chirag Paswan, SC ReservationFIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 19:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed