मुकेश अंबानी परिजनों को दी गई सुरक्षा जारी रखने पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी
मुकेश अंबानी परिजनों को दी गई सुरक्षा जारी रखने पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी
बिसनेसमैन अंबानी परिवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि (अंबानी परिवार को) सुरक्षा बंदोबस्त दिये जाने को चुनौती देने वाली याचिका ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है और यह परिवार सुरक्षा पर आने वाले खर्च की भरपाई खुद कर रहा है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को मुंबई में दी गई सुरक्षा जारी रखने की केंद्र सरकार को शुक्रवार को अनुमति दे दी. एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय में जारी सुनवाई रद्द कर दी. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की अपील स्वीकार कर ली. पीठ ने कहा कि ऐसी याचिका की सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है, खासकर तब, जब अंबानी परिवार सुरक्षा पर आने वाले खर्च का भुगतान खुद कर रहा है.
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता विकास साहा की ओर से पेश वकील से पूछा, ‘‘(इस मामले में) आपके याचिका दायर करने का औचित्य क्या है और सुरक्षा को लेकर आप क्यों चिंतित हैं? यह किसी और की सुरक्षा का मसला है.
अंबानी परिवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि (अंबानी परिवार को) सुरक्षा बंदोबस्त दिये जाने को चुनौती देने वाली याचिका ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है और यह परिवार सुरक्षा पर आने वाले खर्च की भरपाई खुद कर रहा है. पीठ ने साल्वे की इन दलीलों का संज्ञान लेते हुए कहा कि उच्च न्यायालय में संबंधित याचिका पर सुनवाई जारी रखने की अनुमति देने का कोई कारण नहीं है.
शीर्ष अदालत की एक अवकाशकालीन पीठ ने 29 जून को मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा दिये जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि त्रिपुरा में जनहित याचिकाकर्ता (विकास साहा) का मुंबई में लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने से कोई लेना-देना नहीं है.
त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने साहा की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर 31 मई और 21 जून को दो अंतरिम आदेश जारी किए थे और केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी और बच्चों की जान को खतरे से संबंधित वह मूल फाइल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन सभी को सुरक्षा प्रदान की गयी थी.
(डिस्क्लेमर : नेटवर्क18 और टीवी18 कंपनियां चैनल/वेबसाइट का संचालन करती हैं, जिनका नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है.)
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Tags: Mukesh ambani, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 30, 2022, 19:54 IST