कुएं से निकली थी मां अंबा की मूर्ति 350 साल पुराना यह मंदिर क्यों है चमत्कारी
कुएं से निकली थी मां अंबा की मूर्ति 350 साल पुराना यह मंदिर क्यों है चमत्कारी
Maa Amba Mandir: बनासकांठा के धानेरा में 350 साल पुराना माँ अंबा का मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहाँ माँ अंबा की मूर्ति खुदाई में मिली थी. शिवशक्ति मंदिर के रूप में प्रसिद्ध इस स्थान पर मन्नतें पूरी होती हैं.
गुजरात: भारत में ऐसे कई स्थान हैं, जहां देवी-देवताओं का वास माना जाता है. इसके पीछे कई धार्मिक कारण भी हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है गुजरात में. राज्य में कई प्राचीन देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं. इन मंदिरों के साथ आज भी लोगों की आस्था गहरी जुड़ी हुई है. आज हम बनासकांठा के एक ऐसे ही पौराणिक मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं. बनासकांठा के धानेरा शहर के मध्य में माँ अंबा का यह मंदिर स्थित है, जो 350 साल पुराना है और कई भक्तों की आस्था का केंद्र है.
माँ अंबा की मूर्ति की खोज और मंदिर निर्माण
धानेरा के निवासी देवकरणभाई पटेल ने बताया कि इस मंदिर के पास एक पुराना गाँव का कुआँ भी था. खुदाई के दौरान इस कुएं में माँ अंबा की मूर्ति प्राप्त हुई. इसके बाद गाँववालों ने पुराने कुएं को बंद कर, 1965 में यहाँ मंदिर का निर्माण किया. 1973 में गाँव के लोगों ने माँ अंबा की प्रतिष्ठा की. इस मंदिर के पास ही एक पौराणिक शिव मंदिर भी स्थित है, इसलिए इसे शिवशक्ति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ हनुमान जी का मंदिर भी है.
भक्तों की आस्था और विशेष अनुष्ठान
धानेरा के इस मंदिर में श्रद्धालु भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं. गाँव के एक युवा, जयेशभाई सोलंकी ने लोकल 18 को बताया कि जिन दंपत्तियों को संतान नहीं होती, वे यहाँ मन्नत मांगते हैं और उन्हें पुत्र प्राप्ति होती है. नवरात्रि के दौरान अष्टमी के दिन यहाँ भव्य हवन का आयोजन भी होता है. इसके अलावा, मंदिर के पास स्थित पौराणिक शिव मंदिर में श्रावण मास में विशेष अभिषेक किए जाते हैं. ग्रामवासी मिलकर हर त्योहार की भव्यता से यहाँ पूजा-अर्चना करते हैं. इस पौराणिक शिवशक्ति मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं, और माँ अंबा उनकी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं.
Tags: Gujarat, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 11:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed