कौन हैं बागपत के संत मोहर सिंह जिनके आश्रम में लगता है भक्तों का तांता

Baghpat News: बागपत के संत मोहर सिंह ने 25 साल की उम्र में समाज सेवा में कुछ बड़ा करने की चाहत में अपने गांव में एक आश्रम की स्थापना की, जहां हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं.

कौन हैं बागपत के संत मोहर सिंह जिनके आश्रम में लगता है भक्तों का तांता
बागपत: उत्तरप्रदेश के बागपत का एक ऐसा युवा जो समाज के लिए बहुत कुछ करना चाहता था, लेकिन आर्थिक स्थिति और अन्य परेशानियों के चलते उसने खुद को साधु संतों के साथ रहने लगा. आज वह एक महान संत बनकर समाज सेवा कर रहा है और लोगों को भक्ति के साथ सही मार्ग पर लाने का कार्य कर रहा है. भक्ति और सेवा का मार्ग बागपत के नया सुभानपुर के रहने वाले संत मोहरसिंह ने LOCAL 18 से बताया कि वह भगवान के प्रति आस्था रखते थे. जब वह मात्र 25 वर्ष के थे, तब उन्होंने समाज के लिए कुछ बड़ा करने का सोचा और फिर उन्हें भगवान की भक्ति कर लोगों की सेवा करने की प्रेरणा मिली. इसके बाद उन्होंने गांव में अपनी भूमि पर एक आश्रम का निर्माण कराया और दीपानंद जी महाराज आश्रम में गौशाला का भी निर्माण कराया. आश्रम की मान्यता और भक्तों की संख्या बता दें कि यहां सालाना हजारों की संख्या में लोग पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं और गौ सेवा कर धर्म लाभ उठाते हैं. संत मोहरसिंह ने उस आश्रम की स्थापना 30 वर्ष पूर्व शुरू कराई थी और आज भी इस आश्रम की लगातार मान्यता बढ़ती जा रही है. हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और देश के प्रत्येक स्थान से यहां लोग पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं. अब AI से मां विंध्यवासिनी धाम की सुरक्षा, ऐसे होगी अपराधियों की पहचान आश्रम का महत्व और श्रद्धालुओं की आस्था यहां पहुंचने वाले हर व्यक्ति की मन की मुराद पूरी होती है. यहां पूजा-अर्चना से कष्टों से छुटकारा मिलता है. इस मंदिर में पूजा-अर्चना कर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. मिन्नत पूरी होने के बाद इस मंदिर में प्रसाद का वितरण और गौ सेवा करनी होती है, जिससे व्यक्ति को हर परेशानी से छुटकारा मिलता है. यह आश्रम भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. Tags: Baghpat news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 12:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed