इस तरह स्वयं सहायता समूह का होता है गठन महिलाओं को मिलता है ये लाभ
इस तरह स्वयं सहायता समूह का होता है गठन महिलाओं को मिलता है ये लाभ
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार सृजन का मौका मिलता है. स्वयं सहायता समूह के गठन के 3 महीने से लेकर 6 महीने के बाद लाभ मिलना प्रारंभ हो जाता है. समूह से जुड़कर कुछ पैसे प्रत्येक महीने देने होते हैं, इन्हीं पैसों की वजह से समूह चलता है.
आजमगढ़. स्वयं सहायता समूह महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. अपनी मेहनत और लगन से महिलाएं कामयाबी की राह पर आगे बढ़ रही हैं. साथ ही आत्मनिर्भर बनकर घर परिवार चल रही हैं. सरकार और प्रशासन की ओर से मिल रहे मौके के कारण महिलाओं को लगातार प्रोत्साहन मिल रहा है.
महिलाएं स्वरोजगार का जरिया बनाने में कामयाब हो रही है. राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर विशेष लाभ उठा रही हैं और परिवार को भी आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में अहम भूमिका निभा रहह हैं.
इस तरह स्वयं सहायता समूह का होता है गठन
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार और सरकारी योजना का लाभ मिल सके एवं सामाजिक स्तर को सुधारने और बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लाखों ग्रामीण महिलाओं को रोजगार सृजन करने का मौका मिल रहा है एवं समाज में अपनी अलग पहचान बना पाने में कामयाब हो रही है. स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए गांव की 10 से 20 महिलाओं का ग्रुप बनाकर उसका रजिस्ट्रेशन किया जाता है. समूह में महिला सदस्यों के अलावा अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष का चयन होता है. समूह का रजिस्ट्रेशन किसी भी नजदीकी जन सेवा केंद्र के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है. इसके लिए ग्रुप की महिलाओं के पास आधार कार्ड और पैन कार्ड रहा जरूरी रहता है.
कैसे काम करता है स्वयं सहायता समूह्र
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार सृजन का मौका मिलता है. केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना चलाई जा रही है. स्वयं सहायता समूह के गठन के 3 महीने से लेकर 6 महीने के बाद लाभ मिलना प्रारंभ हो जाता है. स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत कई प्रकार के लाभ मिलते हैं. जिसमें एक बार समूह बनाकर या फिर समूह से जुड़कर कुछ पैसे प्रत्येक महीने देने होते हैं, इन्हीं पैसों की वजह से समूह चलता है. समूह में इकट्ठे पैसों को कम ब्याज पर लोन के माध्यम से समूह की महिलाओं को दिया जाता है.
स्वयं सहायता समूह के लाभ
स्वयं सहायता समूह के जरिए आप कई तरह की मदद ले सकते हैं. इसमें रोजगार के लिए आसान ऋण मिल जाता है. समूह में विभिन्न प्रकार की नौकरियां निकलती रहती है. जिसमें बीसी सखी, बैंक सखी, मनरेगा महिला मेंट आदि शामिल है. इसके अलावा महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपनीआर्थिक स्तिथि में सुधार ला सकती है. गरीबों में बचत की आदत का विकास होता है. लोन के लिए कम कागजात लगते हैं और कम ब्याज पर आसान और शीघ्र लोन मिल जाता है.सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाओं का लाभ जैसे राशन वितरण में समूह को कोटा मिलना आदि शामिल है. संसाधनों कि उपलब्धता का होना और बौद्धिक ज्ञान एवं बेहतर तकनीक की सुविधा का असवर मिलता है.
Tags: Azamgarh news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 16:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed