क्या मुसलमानों से नीतीश का मोहभंग हो रहा है क्यों देना पड़ रहा काम का ब्योरा
क्या मुसलमानों से नीतीश का मोहभंग हो रहा है क्यों देना पड़ रहा काम का ब्योरा
Bihar Politics : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में एनडीए की बैठक के दौरान अपने ही लोगों को नसीदत दे डाली. उन्होंने मुसलमान तबके को लेकर कुछ ऐसा कहा, जिसका जिक्र शायद ही उन्होंने पहले किया हो. यह भी सच है कि नीतीश कुमार अपने कर्म से या वचन से हमेशा ही मुसलमान समाज को आगे रखने की कोशिश करते हैं. फिर मीटिंग में उन्होंने मुस्लिम समाज का जिक्र क्यों किया?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी ऐसे बयान नहीं देते जिसका कोई निहितार्थ न हो. पटना में एनडीए की बैठक के मौके पर नीतीश ने मुसलमान तबके को लेकर कुछ ऐसी बातें की, जिसका जिक्र शायद उन्होने पहले नहीं किया होगा. बैठक में जेडीयू नेताओं के साथ-साथ बीजेपी और अन्य सभी दलों के लोग मौजूद थे. चर्चा चुनावी तैयारियों की हो रही थी, ऐसे में नीतीश ने अपने लोगों को यह नसीहत दी कि सरकार के लोगों को मुसलमान समाज में जाकर एनडीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताने का समय आ गया है.
मुसलमानों को अपने काम का हिसाब क्यों देना चाहते हैं नीतीश?
नीतीश के बयान को यहां क्रमबद्ध तरीके से डीकोड करने की जरूरत है. पहले यह देखिये नीतीश कुमार ने मुसलमान समाज को लेकर आखिर क्या कहा है. उन्होंने कहा है ‘मुसलमानों को जाकर बताइए, उनके लिए सरकार ने क्या क्या काम किया है. आरजेडी आ गया तो दंगा फसाद करेगा।इन लोगो को कोई काम धंधा नही है. दंगा पीड़ितो को हम लोग ने न्याय दिलवाया उन्हें पेंशन दिया जा रहा है.’
नीतीश कुमार के सेक्युलरक्रेडेंशियल पर कभी कोई प्रश्न नहीं उठाया जाता लेकिन जब मुसलमान समाज के वोटिंग व्यवहार की बात होती है तो उनका स्पष्ट झुकाव लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी और कुछ हद तक कांग्रेस की और दिखाई पड़ता है.
क्या नीतीश के सेक्युलर इरादे पर किसी को शक है?
जब बात नीतीश कुमार की होती है वो अपने कर्म से या वचन से हमेशा ही मुसलमान समाज को आगे रखने की कोशिश करते हैं. पटना में ही देखेंगे तो सबसे पहले आपकी नजर आलीशान हज भवन की तरफ जाएगी ताकि हज यात्रा पर जाने वाले लोगों को तकलीफ न हो. पटना में जगह-जगह मुस्लिम छात्रों के लिए छात्रावास दिखेंगे. सिर्फ राज्य की राजधानी पटना में ही नहीं, आपको हर जिला मुख्यालयों में अल्पसंख्यकों के लिए छात्रावास की व्यवस्था मिल जाएगी. नीतीश कुमार का लक्ष्य रहा है, न्याय के साथ विकास ताकि मुसलमान समाज के लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें. नीतीश ने मुसलमान के कल्याण के लिए बजट 198 गुणा बढ़ाया है.
2004-05 में राज्य में जहां अल्पसंख्यक कल्याण का बजट मात्र 3.53 करोड़ था, वह राशि 198 गुणा बढ़कर अब 700 करोड़ हो गई है. आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि आरजेडी काल में मुसलमान समाज के लिए सरकार कितना अनुदान दे रही थी और अब क्या स्थिति है. नीतीश कुमार ने मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए काफी प्रयास किया है, साथ ही कब्रिस्तान के रख-रखाव को लेकर वह हमेशा ही प्रतिबद्ध रहे. मुसलमान छात्रों की संघ और राज्य सेवाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए फ्री कोचिंग की व्यवस्था की गई है, इसके बेहतर नतीजे भी आए हैं.
अचानक मुसलमान बीच बहस में क्यों आया?
नीतीश कुमार की ओर से मुसलमान समाज के लिए किए गए कार्यों की एक लंबी फेहरिश्त है, जिससे उनका झुकाव स्पष्ट होता है लेकिन बयान की टाइमिंग पर भी ध्यान देना चाहिए. एनडीए की मीटिंग से एक दिन पहले शहाबुद्दीन परिवार की आरजेडी में रीएंट्री होती है. शहाबुद्दीन की पत्नी हीना साहब सीवान से दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा भी मुस्लिम युवाओं को आरजेडी के पक्ष में ल सकता है. इस परिवार का महत्व इतना है लालू और रबड़ी देवी ने इन्हें अपने घर में बुलाकर सदस्यता दी.
गिरिराज सिंह की हिंदुओं और तेजस्वी की मुसलमानों पर नजर
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा हिन्दू स्वाभिमान यात्रा के जवाब में तेजस्वी यादव ने मुसलमानों के पक्ष में खुलकर बयानबाजी की, जिसके बाद बिहार के अररिया शहर में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी. गिरिराज ने बिहार के सीमांचल में हिंदुओं को एकजुट करने के लिए हिन्दू स्वाभिमान यात्रा की ताकि आने वाले विधान सभा चुनाव में इसका असर दिखे लेकिन मुस्लिम समाज का झुकाव आरजेडी के प्रति स्पष्ट है. जब नीतीश एनडीए के साथ गठबंधन में होते हैं तो मुसलमानों की लॉयल्टी लालू के पक्ष में ज्यादा हो जाती है. वहीं नीतीश ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होने मुस्लिम समाज के प्रति कभी भी सौतेला व्यवहार नहीं किया लेकिन क्या एनडीए में रहते हुए क्या मुसलमान नीतीश को वोट डालेंगे? सवाल वाजिब है. फिलहाल पर्दे के पीछे जोड़-तोड़ और हिसाब-किताब का काम शुरू हो गया है.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए jharkhabar.comHindi उत्तरदायी नहीं है.)
Tags: Bihar politics, Lalu Prasad Yadav, Nitish kumarFIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 21:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed