नीतीश-तेजस्वी के साथ पर बोले प्रशांत किशोर- घर में बाघ रख लेंगे तो वो घास तो खाएगा नहीं
नीतीश-तेजस्वी के साथ पर बोले प्रशांत किशोर- घर में बाघ रख लेंगे तो वो घास तो खाएगा नहीं
Prashant Kishor To News18 : न्यूज़-18 बिहार-झारखंड के एडिटर (इनपुट) ब्रज मोहन सिंह के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने खास बातचीत में कहा कि बिहार में अब कानून व्यवस्था एक चुनौती रहेगी, संकेत अच्छे नहीं मिल रहे है. पुलिस प्रशासन का इकबाल दिखना चाहिए, अभी नज़र नहीं आ रहा है. अभी बिहार की स्थिति और बिगड़ेगी. सरकार में वैसे तत्व आ गए हैं जो काबू में नहीं आएंगे. घर में अगर बाघ रख लेंगे तो वो घास तो खाएगा नहीं.
हाइलाइट्सचुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अब कानून व्यवस्था एक चुनौती रहेगी.प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार चलेगी, तीन साल तक तो चलनी चाहिए. पीके ने कहा कि अगर नीतीश जी 10 लाख लोगों को नौकरी दे देते हैं तो मैं उनके साथ खड़ा हो जाऊंगा.
पटना. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के साथ विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य में जंगल राज की चर्चा शुरू कर दी है. वहीं जंगल राज की चर्चा के बीच बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार में जंगल राज नहीं, जनता राज है. वहीं इन चर्चाओं के बीच अब नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में सरकार का इकबाल खत्म हो गया है, जिसकी जो मर्जी होती है वही करता है. अपराधियों के मन में प्रशासन का डर होना चाहिए.
न्यूज़-18 बिहार-झारखंड के एडिटर (इनपुट) ब्रज मोहन सिंह के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने खास बातचीत में कहा कि बिहार में अब कानून व्यवस्था एक चुनौती रहेगी, संकेत अच्छे नहीं मिल रहे हैं.
पुलिस प्रशासन का इकबाल दिखना चाहिए, अभी नज़र नहीं आ रहा है. अभी बिहार की स्थिति और बिगड़ेगी. नीतीश कुमार-तेजस्वी के साथ आने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार में वैसे तत्व आ गए हैं जो काबू में नहीं आएंगे. घर में अगर बाघ रख लेंगे तो वो घास तो खाएगा नहीं.
पीके शराबबंदी पर साधा निशाना
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार शराबबंदी की वजह से कानून व्यवस्था खराब हुई है. प्रशासन शराबबंदी में लगे हैं, पुलिसिंग में दिक्कत हो रही है. चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया भी बिहार की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हर जगह शराब की होम डिलिवरी हो रही है. युवाओं में ड्रग्स का इस्तेमाल बढ़ा है. नीतीश सरकार की प्राथमिकता पर बात करते हुये प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार चलेगी, तीन साल तक तो चलनी चाहिए. लेकिन, अफसरशाही और करप्शन को खत्म करना होगा.
बिहार में कितनी बदली सरकार
बिहार की राजनीतिक फिजा बदल चुकी है. राज्य में नीतीश कुमार के साथ अब राष्ट्रीय जनता दल सत्ता पर काबिज है. इस बदलाव के सवाल पर प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार के लोगों में बदलाव को लेकर उदासीनता है. नागरिकों के हिसाब से कुछ नहीं बदला, सिर्फ नेमप्लेट बदला है. बिहार में वही करप्शन है, ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था है. अस्पतालों के स्थिति बदहाल है. एक ही बड़ी घोषणा हुई है, वो है 20 लाख रोजगार की.
’10 नौकरी मिली तो वापस ले लूंगा’
प्रशांत किशोर ने कहा कि पहले तो नीतीश कुमार खुद तेजस्वी के नौकरी के वादों का मखौल उड़ाते रहे हैं.
नौकरी अगर अब देना चाहते हैं तो पहले क्यों नहीं दिया. पीके ने कहा कि अगर नीतीश जी 10 लाख लोगों को नौकरी दे देते हैं तो मैं उनके साथ खड़ा हो जाऊंगा. 10 लाख नौकरी दे दी तो मैं अपने अभियान को वापस ले लूंगा.
क्या गठबंधन का देश की राजनीति पर पड़ेगा असर?
बिहार में हुये महागठबंधन का क्या देश की राजनीति पर असर पड़ेगा, इस सवाल के जवाब ने प्रशांत किशोर ने कहा कि यह बिहार स्पेसिफिक बदलाव है, इसका असर बाहर नहीं पड़ेगा. दिल्ली में नेताओं के साथ मिलने से क्या होगा, कुछ नहीं बदलेगा. क्या आपके पास मोदी से बढ़िया कार्यक्रम है, ये देखना चाहिए. क्या नीतीश कुमार के साथ कार्यकर्ता हैं.
2024 में कैसा होगा माहौल?
प्रशांत किशोर ने कहा कि 7-8 दलों को लेकर आप सरकार बना सकते हैं. लेकिन 7-8 पार्टियों के साथ आप चुनाव नहीं लड़ सकते. बिहार में जाति कोई बड़ा फ़ैक्टर नहीं होगा. सिर्फ जाति पर वोट पड़ेगा, ये ज़रूरी नहीं है. जाति पर वोट पड़ता तो मोदी जी को बिहार में वोट नहीं पड़ता. बहुत मौकों पर लोगों ने जाति से ऊपर उठकर वोट दिया. नेताओं के साथ आने से ज़रूरी नहीं कि कार्यकर्ता भी साथ आ जाएं.
क्या है पीके की योजना
प्रशांत किशोर ने बिहार में अपनी योजना के बारे में कहा कि मैं गांव-गांव में पदयात्रा कर रहा हूं
2 अक्तूबर से पश्चिमी चंपारण से यात्रा निकालूंगा. हमलोग पंचायत के स्तर पर मेनिफेस्टो बनाएंगे.
लोगों की स्थिति को बेहतर बनाएँगे. शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास को लेकर 15 वर्ष का ब्लूप्रिंट बनाएंगे.
ध्वस्त हुई शिक्षा व्यवस्था को कायम करना नीतीश सरकार कि प्राथमिकता होनी चाहिए. एक पढे लिखे व्यक्ति के मुख्यमंत्री रहते हुए शिक्षा का ध्वस्त होना नीतीश कुमार का सबसे बड़ा फ़ेल्युर है. शिक्षा पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करनी चाहिए. रोजगार के वादे पूरे करने चाहिए.
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Tags: Bihar politics, CM Nitish Kumar, Prashant KishorFIRST PUBLISHED : September 11, 2022, 16:01 IST