महागठबंधन Vs भाजपा: कौन कितने पानी में विधान सभा की 3 सीटों के उपचुनाव में होगा लिटमस टेस्ट
महागठबंधन Vs भाजपा: कौन कितने पानी में विधान सभा की 3 सीटों के उपचुनाव में होगा लिटमस टेस्ट
Bihar Politics: गोपालगंज, मोकामा और कुढ़नी विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के संभावित परिणामों को लेकर भी चर्चाएं शुरू हैं. ये चुनावी नतीजे बिहार की आने वाली सियासत को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, इसको लेकर भी राजनीतिक हलकों में गुणा-भाग किए जाने लगे हैं. इन तीनों ही सीटों पर जीत के लिए भाजपा और महागठबंधन के नेता अपनी पूरी ताकत लगा देंगे और इसकी रणनीति भी बननी शुरू हो गई है.
हाइलाइट्सगोपालगंज, कुढ़नी और मोकामा की विधान सभा सीटों पर उपचुनाव होना है. एक तरफ महागठबंधन है तो दूसरी तरफ भाजपा, दोनों में प्रतिष्ठा की लड़ाई.तीनों सीटों के चुनाव परिणाम लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण.
पटना. बिहार की सियासत में गठबंधनों के स्वरूप बदल गए हैं. आने वाले समय में बिहार की राजनीति पर देश की सियासी निगाहें भी टिकी हुई हैं. सीएम नीतीश कुमार लगातार विपक्षी नेताओं की गोलबंदी में लगे हुए हैं, वहीं बिहार में भाजपा अपने बूते खड़े होने की कवायद में लग गई है. इन सबके बीच बिहार में तीन विधान सभा की सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है.
इस उपचुनाव के संभावित परिणामों को लेकर भी चर्चाएं शुरू हैं और ये चुनावी नतीजे बिहार की आने वाली सियासत को कैसे प्रभावित कर सकता है, इसको लेकर भी राजनीतिक हलकों में गुणा-भाग किए जाने लगे हैं. इन तीनों ही सीटों पर जीत के लिए भाजपा और महागठबंधन अपनी पूरी ताकत झोंक सकता है और इसकी रणनीति भी बननी शुरू हो गई है.
गोपालगंज, कुढ़नी और मोकामा की विधान सभा सीटों पर उपचुनाव होना है. चुनाव की तिथियों की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. एक तरफ महागठबंधन है तो दूसरी तरफ भाजपा, दोनों ही दलों की प्रतिष्ठा इन सीटों पर फंसी हुई है. दरअसल इन तीनों सीटों के चुनाव परिणाम आने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं.
गोपालगंज : बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह के निधन के बाद इस सीट पर उप चुनाव होने वाला है. सियासी गलियारों से खबर ये भी है कि इस सीट पर भाजपा सुभाष सिंह की पत्नी को मौका देकर सहानुभूति वोट के जरिए सीट बचाने की कोशिश में पूरी ताकत झोंकेगी. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन भी गोपालगंज सीट को अपने पाले में करने की कोशिश में पूरी ताकत लगा सकता है. दरअसल, गोपालगंज लालू यादव का गृह जिला भी वर्तमान राजनीतिक हालात में महागठबंधन की स्थिति जातीय समीकरण के लिहाज से थोड़ी ठीक दिख रही है. हालांकि, निर्भर करता है कि महागठबंधन गोपालगंज से किसे उम्मीदवार बनाता है. खबर यह है कि इस सीट पर JDU अपना उम्मीदवार उतार सकता है.
मोकामा : मोकामा विधान सभा सीट अनंत सिंह के हथियार रखने के मामले में सजा मिलने के बाद खाली हुई है. इस सीट पर चुनाव परिणाम कई बातों को तय कर सकती है. भाजपा ने विजय सिन्हा को नेता विधायक दल बना कर भूमिहार वोटरों को बड़ा मैसेज देने की कोशिश की है, वहीं राजद भी इस सीट को अपने पाले में करने के लिए पूरी ताकत झोंकेगा. तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि अब राजद A TO Z की पार्टी है. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के लिए भी ये सीट प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है. दरअसल, बिहार मे मोकामा भूमिहार बहुल क्षेत्र माना जाता है और जिस पार्टी के उम्मीदवार की यहां जीत होगी इससे भूमिहारों में बड़ा मैसेज जा सकता है. राजद की तरफ से अनंत सिंह की पत्नी का नाम आ रहा है, वहीं भाजपा ने अपने उम्मीदवार के नाम को लेकर पत्ता नहीं खोला है.
कुढ़नी : मुजफ्फरपुर की कुढ़नी विधान सभा सीट राजद के अनिल सहनी ने जीत हासिल की थी. मगर LTC घोटाला में सजा सुनाए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द होने की सम्भावना है, जिसके बाद ये सीट भी खाली होगी. इस पर बाकी दो सीटों के साथ उपचुनाव होने की सम्भावना है. कुढ़नी मल्लाह बहुल क्षेत्र माना जाता है और इस सीट पर मुकेश सहनी भी उम्मीदवार उतारने का मन बना रहे हैं. जाहिर है इसके बाद मुकाबला रोचक होने की संभावना है. भाजपा इस सीट पर उम्मीदवार उतरेगी और खबर है कि केदार गुप्ता भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं. वहीं राजद इस सीट पर अपन उम्मीदवार किनको बनाएगा इस पर मंथन चल रहा है. इतना जरूर है कि जातीय समीकरण में जो फिट बैठेगा उसे ही टिकट मिलेगा.
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Tags: Assembly by election, Bihar News, Bihar politics, BJP, MahagathbandhanFIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 12:17 IST