ओवैसी की AIMIM में टूट के बाद बिहार कांग्रेस में बढ़ा टूट का खतरा! बीजेपी के संकेत पर पलटवार
ओवैसी की AIMIM में टूट के बाद बिहार कांग्रेस में बढ़ा टूट का खतरा! बीजेपी के संकेत पर पलटवार
Bihar Politics: बीते वर्षों में बिहार की सियासत में जिस तरह से पाला बदलने और छोटे दलों के बड़े दलों में विलय की घटनाएं देखी जा रही हैं; उसमें कुछ भी असंभव नहीं. विधान सभा चुनाव के समय बसपा का जेडीयू में विलय हुआ था. इसके बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी रालोसपा को जेडीयू में विलय कर लिया. बिहार में बड़ा उलटफेर करते हुए लोजपा में बड़ी टूट हुई और एकमात्र विधायक जेडीयू के साथ चले गए.
पटना. बिहार की सियासत में इन दिनों पार्टियों के टूटने और नये गठजोड़ का खेल जारी है. पिछले दिनों असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के के 5 विधायकों में चार आरजेडी में शामिल हो गए. अभी इसको लेकर सियासी हंगामे का दौर जारी है क्योंकि एक के बाद एक कई पार्टियों के विधायकों के पाला बदलने के साथ ही कई राजनीतिक पार्टियों का अस्तित्व खत्म हो रहा है. वहीं अब कांग्रेस के टूट का खतरा बढ़ गया है. बिहार कांग्रेस के विधायकों के टूटने का दावा बीजेपी ने किया है.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राम सागर सिंह ने स्पष्ट कहा है कि बकरी की मां कब तक खैर मनायेगी. जिस तरह महाराष्ट्र में शिव सैनिकों में टूट हुई वैसे ही बिहार कांग्रेस में आने वाले दिनों में देखा जाता है; तो आश्चर्य की बात नहीं. बिहार कांग्रेस के विधायक भी टूटने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के गिरते स्वास्थ्य और राहुल गांधी के अक्षमता के कारण तमाम विधायक को भी अपने करियर की चिंता है. परिवारवाद के खिलाफ अब कांग्रेस विधायक तैयार हो रहे हैं.
दूसरी ओर बीजेपी के दावे को कांग्रेस ने दिन में सपने देखने वाली बात बताया है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि बीजेपी का काम पैसे के बल पर सभी दलों को तोड़ना है पर कांग्रेस पृरी तरह मजबूत है और तमाम विधायक एकजुट हैं. पिछले कई सालों से यही बात सुनने को मिलती है पर कांग्रेस को तोड़ने की कूवत किसी में नहीं. कांग्रेस लगातार मजबूत हो रही है.
कांग्रेस पर सबकी नजर क्यों?
बिहार की राजनीति में चल रहे उथल पुथल के बीच कांग्रेस के टूट की बात चर्चा में बनी हुई है. ऐसे तो कई महीनों से कांग्रेस टूट की बात कही जा रही है पर मौजूदा हालात में टूट की खबरों पर चर्चा तेज हो गई है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के आधे दर्जन से ज्यादा विधायक अपने स्थानीय समीकरण को देखते हुए पाला बदलने को तैयार हैं. बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायकों के जेडीयू के सम्पर्क में होने की बात सामने आती रही है. मगर माना जा रहा है कि जेडीयू फिलहाल यह कदम नहीं उठाना चाहता.
अंदर की खबर पर भी डालिये नजर!
अंदर की खबरों की मानें तो कांग्रेस के कई विधायक अगले चुनाव में अपने-अपने क्षेत्रों के सामाजिक समीकरण को देखते हुए पाला बदलने की तैयारी में हैं. आरजेडी से अलगाव और दूरी बनने के बाद तमाम विधायकों की नजर बीजेपी की तरफ भी है. फिलहाल कांग्रेस पार्टी के बिहार में 19 विधायक हैं. बतात दें कि दलबदल कानून के तहत टूट के लिए लगभग 13 विधायक साथ होने चाहिए. जाहिर है यह किसी भी तरह आसान काम तो नहीं है.
बिहार में छोटी पार्टियों पर बड़ा संकट
बीते वर्षों में बिहार की सियासत में जिस तरह से पाला बदलने और छोटे दलों के बड़े दलों में विलय की घटनाएं देखी जा रही हैं; उसमें कुछ भी असंभव नहीं. विधान सभा चुनाव के समय बसपा का जेडीयू में विलय हुआ था. इसके बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी रालोसपा को जेडीयू में विलय कर लिया. बिहार में बड़ा उलटफेर करते हुए लोजपा में बड़ी टूट हुई और एकमात्र विधायक जेडीयू के साथ चले गए.
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Tags: Bihar News, Bihar politics, BJP, Congress, RJDFIRST PUBLISHED : June 30, 2022, 18:04 IST