कैसे करें 1 ही तालाब में रोहू कतला जैसे अलग मछलियों का पालन
कैसे करें 1 ही तालाब में रोहू कतला जैसे अलग मछलियों का पालन
पॉली कल्चर विधि से मछली पालन करने वाले किसान एक ही तालाब में रोहू,कतला, ब्लैक कॉर्प,ग्रास कॉर्प,सिल्वर कॉर्प वाली प्रजातियों को एक साथ पाल सकते हैं. क्योंकि यह ऐसी मछलियां है .जिनकी खाने की आदत अलग-अलग है.
रायबरेली : उत्तर प्रदेश समेत भारत के अन्य राज्यों में मछली पालन लोगों का प्रमुख कारोबार बनता जा रहा है. PIB के आंकड़ों के अनुसार मछली उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है, वैश्विक मछली उत्पादन में 8 प्रतिशत का योगदान देता है. ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन आमदनी का एक बढ़िया जरिया है. बड़ी संख्या में ग्रामीण भारत के किसान इस व्यवसाय की तरफ रुख कर कर रहे हैं. किसान मछली पालन करके आज अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. किसान एक खास तकनीकी यानी कि पॉलीकल्चर से मछली पालन करें तो उन्हें और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. इस तकनीकी से एक ही तालाब में एक साथ कई प्रजाति की मछलियों का पालन किया जा सकता है .तो आइए मत्स्य विशेषज्ञ से जानते हैं मछली पालन की इस खास तकनीकी के बारे में.
दरअसल रायबरेली के मत्स्य निरीक्षक शशांक नमन (बीएससी एजी इलाहाबाद विश्वविद्यालय) बताते हैं कि मत्स्य पालन किसानों की आय दोगुनी करने का सबसे आसान तरीका है .मत्स्य पालक किसान पॉली कल्चर विधि से मछली पालन करके आसानी से अच्छी कमाई कर सकते हैं. क्योंकि यह विधि किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है. इस विधि से किस एक ही तालाब में अलग-अलग प्रजातियों की मछली का पालन एक साथ किया जा सकता है.
क्या है मछली पालन की पॉली कल्चर विधि?
शशांक नमन ने बताया कि पॉली कल्चर का सीधा मतलब है कई फसलों की एक साथ खेती करना. इस विधि से मछली पालन भी किया जा सकता है. पॉली कल्चर में एक साथ कई प्रजातियों की मछली पाली जा सकती है. पॉलीकल्चर में किसी एक तालाब में अलग-अलग तरह की मछलियों का पालन किया जाता है. एक ही तालाब में अलग-अलग फीडिंग हैबिट वाली मछलियों का पालन किया जाता है. यानी एक ही तालाब में आप रोहू से लेकर कतला तक और अन्य प्रजातियों को पाल सकते हैं. इस खास विधि में प्लैंक्टन फीडर्स, हर्बीवोर्स, बॉटम फीडर्स और पीसीवोरस मछलियां शामिल हैं.
एक साथ करें इन मछलियों का पालन
शशांक नमन ने बताया कि पॉली कल्चर विधि से एक ही तालाब में रोहू,कतला, ब्लैक कॉर्प, ग्रास कॉर्प, सिल्वर कॉर्प वाली प्रजातियों को एक साथ पाल सकते हैं. क्योंकि यह ऐसी मछलियां है .जिनकी खाने की आदत अलग-अलग है. इन मछलियों का सबसे उत्तम आहार प्लैंकटन होता है क्योंकि यह पानी में तेजी से बढ़ता है जो मछलियों का शुद्ध आहार होता है.
तालाब को ऐसे करें साफ
शशांक नमन बताते हैं कि पॉली कल्चर विधि से मछली पालन करने के लिए किसान सबसे पहले तालाब की सफाई करें. उसके बाद उसमें मौजूद जलीय पौधे व छोटी मछलियों को बाहर कर दें. या फिर तालाब को सुखाकर उसकी पूरी सफाई करें. जिससे कि उसमें खरपतवार दोबारा ना उगने पाएं . अगर तालाब में ज्यादा खरपतवार हो तो 1 एकड़ तालाब में 1000 किलोग्राम महुआ की खली डाल दें .जिससे शिकारी मछलियां खत्म हो जाएं . इसका असर 10 से 15 दिनों तक तालाब में रहेगा. उसके बाद तालाब पूरी तरह से साफ हो जाएगा फिर आप आसानी से इसमें पॉली कल्चर विधि से मछलियों का पालन कर सकते हैं .
Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 17:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed